सिकंद्राराऊ में रोडवेज बस स्टैंड नहीं:यात्रियों को घंटों करना पड़ता है इंतजार, अभी तक चिह्नित नहीं की गई जमीन

जिले के दूसरे सबसे बड़े कस्बा सिकंद्राराऊ में रोडवेज बस स्टैंड का न होना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यह कस्बा, जो हाथरस शहर के बाद सबसे अधिक आबादी वाला है और नगर पालिका क्षेत्र में आता है अभी तक रोडवेज बस स्टैंड से वंचित है। यहां के निवासी और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है क्योंकि ज्यादातर रोडवेज बसें यहां नहीं रुकती हैं। कस्बा एटा, अलीगढ़, जलेसर, कासगंज और हाथरस के मुख्य मार्गों से सीधे जुड़ा हुआ है, जिससे यहां रोजाना काफी लोगों का आना-जाना होता है। स्थानीय विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर रोडवेज बस स्टैंड बनाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। विधायक ने बताया कि उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री को एक उपयुक्त भूमि का सुझाव भी दिया है, जहां रोडवेज बस स्टैंड बनाया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान कस्बे की 60,000 से अधिक आबादी इस समस्या से प्रभावित हो रही है। पंत चौराहे पर सुबह से शाम तक यात्री रोडवेज बसों का इंतजार करते नजर आते हैं, लेकिन बसों की कमी के कारण उन्हें निराश लौटना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार भूमि की खोज भी की गई, लेकिन उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान देगा और कब तक लोग इस असुविधा का सामना करते रहेंगे।

Oct 28, 2024 - 15:25
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सिकंद्राराऊ में रोडवेज बस स्टैंड नहीं:यात्रियों को घंटों करना पड़ता है इंतजार, अभी तक चिह्नित नहीं की गई जमीन
जिले के दूसरे सबसे बड़े कस्बा सिकंद्राराऊ में रोडवेज बस स्टैंड का न होना यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यह कस्बा, जो हाथरस शहर के बाद सबसे अधिक आबादी वाला है और नगर पालिका क्षेत्र में आता है अभी तक रोडवेज बस स्टैंड से वंचित है। यहां के निवासी और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है क्योंकि ज्यादातर रोडवेज बसें यहां नहीं रुकती हैं। कस्बा एटा, अलीगढ़, जलेसर, कासगंज और हाथरस के मुख्य मार्गों से सीधे जुड़ा हुआ है, जिससे यहां रोजाना काफी लोगों का आना-जाना होता है। स्थानीय विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर रोडवेज बस स्टैंड बनाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। विधायक ने बताया कि उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री को एक उपयुक्त भूमि का सुझाव भी दिया है, जहां रोडवेज बस स्टैंड बनाया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान कस्बे की 60,000 से अधिक आबादी इस समस्या से प्रभावित हो रही है। पंत चौराहे पर सुबह से शाम तक यात्री रोडवेज बसों का इंतजार करते नजर आते हैं, लेकिन बसों की कमी के कारण उन्हें निराश लौटना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार भूमि की खोज भी की गई, लेकिन उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान देगा और कब तक लोग इस असुविधा का सामना करते रहेंगे।

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