हाउस टैक्स में गड़बड़ी जांचेगी 'स्पेशल-100':कानपुर में 1.76 लाख लोग नगर निगम से परेशान; एक-एक संपत्ति का होगा सत्यापन
नए सिरे से गृहकर लगाने को लेकर हुए जीआईएस (भौगिलक सूचना प्रणाली) सर्वे में की गई गड़बड़ियों से खुद नगर निगम परेशान है। संपत्तियों का सर्वे कर रही आईटीआई लि. संस्था की ओर से दिये आंकड़ों में गड़बड़ियां हैं। संस्था द्वारा खोजी गईं नई ढाई लाख से अधिक संपत्तियों की जांच में 50 फीसदी पहले से ही नगर निगम के पोर्टल पर दर्ज मिली। 1.76 लाख संपत्तियों के हाउस टैक्स में गड़बड़ी इसके साथ ही कुल संपत्तियों में भी 1.76 लाख संपत्तियों का अंतर मिला। कंपनी की लापरवाही से सामने आई समस्या को दूर करने के लिये अब नगर निगम 100 कर्मचारियों को लगाएगा। नगर आयुक्त के आदेश पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने नई और अनमैच्ड संपत्तियों के मिलान के लिये कार्मिक से कर्मचारियों को उपलब्ध कराने को कहा है। नई संपत्तियों को खोजने के लिए हुआ सर्वे शासन की ओर से नामित संस्था ITI कंपनी ने नगर निगम की गृहकर के मद में आय बढ़ाने के उद्देश्य से सर्वे शुरू किया था। नगर निगम ने जोनवार अफसरों को लगाया, ताकि एक-एक संपत्ति का निरीक्षण के साथ ही सत्यापन हो सके। इसके साथ ही आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का भी मिलान हो सके। संस्था ने सर्वे में किया फर्जीवाड़ा संस्था ने सर्वे के बाद नगर निगम को जो जून में रिपोर्ट दी उसके अनुसार नगर निगम क्षेत्र में कुल 2,13,960 सम्पतियों का मिलान हुआ है। जबकि 67,730 संपत्तियों का मिलान नहीं हो सकता है। सर्वे में 70,945 प्लॉट भी सामने आए। संस्था ने जो जानकारी दी इसमें बताया कि 2,71,751 नई संपत्तियां खोजी हैं। इससे नगर निगम की आय बढ़ेगी। इस तरह संस्था ने बताया की कानपुर नगर निगम सीमा में 6,24,386 संपत्तियों हो गई हैं। नगर आयुक्त के आदेश पर लगाए जाएंगे कर्मचारी नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने आदेश दिया है कि संस्था आईटीआई लि. द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण कार्यों में नई सम्पत्तियों एवं अनमैच्ड सम्पत्तियों के जोनवार मिलान कराया जाए। जिसके तहत 25 नगर निगम कर्मी सीएफसी (नागरिक सुविधा केन्द्र) में तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही 75 आउटसोर्स कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। जो सर्वेक्षण के बाद आई गड़बड़ियों को दूर करेंगे। जांच में हकीकत आई सामने, लोग परेशान कंपनी के सर्वे के बाद अपर नगर आयुक्त ने इस मामले में जांच कराई तो पता चला कि नगर निगम के साफ्टवेयर में लगभग 4,48,000 संपत्तियां प्रदर्शित हो रही हैं। अपर नगर आयुक्त ने पाया कि कुल 176386 संपत्तियों का अन्तर है। इसके साथ ही सस्था द्वारा प्रदर्शित 271751 नई संपत्तियों में लगभग 50 प्रतिशत ऐसी सम्पत्तियां मिलीं जोकि नगर निगम अभिलेखों में पूर्व से ही दर्ज है, और वहां से गृहकर पहले से ही नगर निगम वसूल रहा है। कैंप लगाकर करना पड़ रहा संशोधन जीआईएस सर्वे में लापरवाही से लोगों का गलत कर निर्धारण हो गया है। शहर में लोग नये बढ़े हुये गृहकर बिलों से परेशान हैं। कई आवासीय में भी व्यवसायिक कर वसूलने के लिये नये बिल जेनरेट हो गये हैं। जो लोग बिल जमा कर चुके हैं उनको फिर से नये सर्वे के अनुसार बिल भेजे जा रहे हैं। कई लोगों के गृहकर बिलों में तो 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई।
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