हाईकोर्ट के फैसले के बाद मिल्कीपुर में चुनावी हलचल तेज:गोरखनाथ बाबा बोले - सपा का दोहरा चरित्र आया सामने इसलिए चुनाव में हुई देरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद मिल्कीपुर में उपचुनाव को हरी झंडी मिलते ही एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ होने के बाद एक बार फिर से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। चुनाव टलने के बाद राजनीतिक दलों की दौड़ भाग कम हो गई थी। 23 नवंबर को उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों में भाजपा प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में से 7 पर जीत दर्ज करके पूरे आत्मविश्वास से लबरेज है। अब अयोध्या की प्रतिष्ठा परक सीट मिल्कीपुर में भी कमल खिलाना चाहती है। आम चुनाव में भाजपा से यह सीट छीनकर अपनी झोली में डालने वाली समाजवादी पार्टी भी इसे कतई गंवाना नहीं चाहती। इसके लिए वह पूरा दमखम लगाने के लिए तैयार है। अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा व एक अन्य वापस होने के बाद मिल्कीपुर में चुनाव के रास्ते खुल गए हैं। समाजवादी पार्टी इस परिणाम से रक्षात्मक मुद्रा में है। सोमवार को कोर्ट के फैसले के बाद मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक रह चुके बाबा गोरखनाथ ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। गोरखनाथ ने कहा है “प्रदेश की अन्य 9 सीटों के साथ ही मिल्कीपुर का भी चुनाव हो गया होता और अब तक वहां की जनता को उनका नया विधायक मिल गया होता। समाजवादी पार्टी के दोहरे चरित्र की वजह से मिल्कीपुर में चुनाव समय पर नहीं हो पाए। उन्होंने कहा “ मै मानता हूं कि मेरी ओर से भी चूक हुई। लेकिन मैने पता चलते ही बिना देरी वापस लेने के लिए हाई कोर्ट में अपील कर दिया। लेकिन सपा नेता व वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से अड़चन पैदा कर दी गई।” गोरखनाथ ने कहा “अब तो पूरे प्रदेश में माहौल बन चुका है। यहां से केवल और केवल कमल का फूल विजयी होगा।”

Nov 27, 2024 - 08:45
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हाईकोर्ट के फैसले के बाद मिल्कीपुर में चुनावी हलचल तेज:गोरखनाथ बाबा बोले - सपा का दोहरा चरित्र आया सामने इसलिए चुनाव में हुई देरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद मिल्कीपुर में उपचुनाव को हरी झंडी मिलते ही एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ होने के बाद एक बार फिर से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। चुनाव टलने के बाद राजनीतिक दलों की दौड़ भाग कम हो गई थी। 23 नवंबर को उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों में भाजपा प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में से 7 पर जीत दर्ज करके पूरे आत्मविश्वास से लबरेज है। अब अयोध्या की प्रतिष्ठा परक सीट मिल्कीपुर में भी कमल खिलाना चाहती है। आम चुनाव में भाजपा से यह सीट छीनकर अपनी झोली में डालने वाली समाजवादी पार्टी भी इसे कतई गंवाना नहीं चाहती। इसके लिए वह पूरा दमखम लगाने के लिए तैयार है। अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा व एक अन्य वापस होने के बाद मिल्कीपुर में चुनाव के रास्ते खुल गए हैं। समाजवादी पार्टी इस परिणाम से रक्षात्मक मुद्रा में है। सोमवार को कोर्ट के फैसले के बाद मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक रह चुके बाबा गोरखनाथ ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। गोरखनाथ ने कहा है “प्रदेश की अन्य 9 सीटों के साथ ही मिल्कीपुर का भी चुनाव हो गया होता और अब तक वहां की जनता को उनका नया विधायक मिल गया होता। समाजवादी पार्टी के दोहरे चरित्र की वजह से मिल्कीपुर में चुनाव समय पर नहीं हो पाए। उन्होंने कहा “ मै मानता हूं कि मेरी ओर से भी चूक हुई। लेकिन मैने पता चलते ही बिना देरी वापस लेने के लिए हाई कोर्ट में अपील कर दिया। लेकिन सपा नेता व वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से अड़चन पैदा कर दी गई।” गोरखनाथ ने कहा “अब तो पूरे प्रदेश में माहौल बन चुका है। यहां से केवल और केवल कमल का फूल विजयी होगा।”

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