हापुड़ का AQI- 345:आसमान में धुंध छाई, लोगों को सांस लेने में हुई दिक्कत

बुधवार को हापुड़ में सीजन का पहला कोहरा देखने को मिला, जिससे सुबह से लेकर दोपहर तक वाहनों की रफ्तार धीमी रही। कोहरे की चादर ने सड़कों पर दृश्यता कम कर दी, जिससे वाहन चालक अपनी गाड़ियों के इंडीकेटर और हेडलाइट जलाकर सफर करते नजर आए। इस दौरान हल्की शीत लहर ने ठंड का एहसास भी बढ़ा दिया। स्मॉग ने बढ़ाई समस्या कोहरे के बाद बुधवार को स्मॉग ने अपना असर दिखाना शुरू किया और पूरे दिन आसमान में धुंध छाई रही। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू किया गया है, लेकिन हापुड़ में इस दौरान पाबंदियों का पालन होते नहीं दिखाई दिया। प्रदूषण कम करने के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रदूषण का बढ़ता स्तर हापुड़ में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। जगह-जगह कूड़ा जलाने और सड़कों पर पानी का छिड़काव न होने से वायु गुणवत्ता और खराब हो गई है। निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी के कारण प्रदूषण की स्थिति काबू में नहीं आ रही है। AQI 345 तक पहुंचा सीपीसीबी के अनुसार, गुरुवार की सुबह तक हापुड़ में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 345 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। वहीं, PM10 (कणीय प्रदूषण) 386 और PM2.5 (सूक्ष्म कण) 413 तक पहुंच गया, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक हो गया है।

Nov 14, 2024 - 11:05
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हापुड़ का AQI- 345:आसमान में धुंध छाई, लोगों को सांस लेने में हुई दिक्कत
बुधवार को हापुड़ में सीजन का पहला कोहरा देखने को मिला, जिससे सुबह से लेकर दोपहर तक वाहनों की रफ्तार धीमी रही। कोहरे की चादर ने सड़कों पर दृश्यता कम कर दी, जिससे वाहन चालक अपनी गाड़ियों के इंडीकेटर और हेडलाइट जलाकर सफर करते नजर आए। इस दौरान हल्की शीत लहर ने ठंड का एहसास भी बढ़ा दिया। स्मॉग ने बढ़ाई समस्या कोहरे के बाद बुधवार को स्मॉग ने अपना असर दिखाना शुरू किया और पूरे दिन आसमान में धुंध छाई रही। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू किया गया है, लेकिन हापुड़ में इस दौरान पाबंदियों का पालन होते नहीं दिखाई दिया। प्रदूषण कम करने के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रदूषण का बढ़ता स्तर हापुड़ में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। जगह-जगह कूड़ा जलाने और सड़कों पर पानी का छिड़काव न होने से वायु गुणवत्ता और खराब हो गई है। निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी के कारण प्रदूषण की स्थिति काबू में नहीं आ रही है। AQI 345 तक पहुंचा सीपीसीबी के अनुसार, गुरुवार की सुबह तक हापुड़ में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 345 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। वहीं, PM10 (कणीय प्रदूषण) 386 और PM2.5 (सूक्ष्म कण) 413 तक पहुंच गया, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक हो गया है।

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