हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार

जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए राकेश कुमार (42) का आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राकेश कुमार का पार्थिव शरीर बीती शाम को जम्मू से हेलिकॉप्टर में मंडी के कंगनीधार हेलीपैड पर लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में लाया गया है। सूचना के अनुसार, आज सुबह 8 बजे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बरनोग लाया जाएगा। यहां घर में पार्थिव शरीर कुछ देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा। एक सप्ताह पहले ही छुट्टी मना कर ड्यूटी पर लौटे थे राकेश बताया जा रहा है राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली मना कर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौटे और बीते रविवार (10 नवंबर) को किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। वह सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। राकेश 2 बच्चों के पिता थे। वह अपने पीछे माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और 2 बच्चों यशस्वी (14) और प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। 23 साल से सेना में दे रहे थे सेवाएं भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर तैनात थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। शहीद के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है। 14 महीने पहले बरसात में टूटा 10 कमरों का मकान जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार का 10 कमरों का मकान पिछली बरसात में 13 अगस्त 2023 की रात को ढह गया था। इसके बाद से राकेश कुमार का परिवार किराए के मकान में रह रहा है। भाई कर्म सिंह के मुताबिक राकेश ने दिसंबर में छुट्‌टी आना था। तब घर का काम लगाना था। इसके बाद गृह प्रवेश करना था। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़ आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। नायब सूबेदार राकेश कुमार भी इस दल का हिस्सा थे। इसी दौरान तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है, जहां 7 नवंबर को विलेज डिफेंस ग्रुप (VDG) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के शव मिले थे। यहीं पर आतंकियों के साथ तलाशी दल की मुठभेड़ हुई। इसमें गोली लगने से नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, 3 जवान घायल हुए। उनका इलाज चल रहा है। CM और पूर्व CM ने जताया दुख मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

Nov 12, 2024 - 05:30
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हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार
जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए राकेश कुमार (42) का आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राकेश कुमार का पार्थिव शरीर बीती शाम को जम्मू से हेलिकॉप्टर में मंडी के कंगनीधार हेलीपैड पर लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में लाया गया है। सूचना के अनुसार, आज सुबह 8 बजे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बरनोग लाया जाएगा। यहां घर में पार्थिव शरीर कुछ देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा। एक सप्ताह पहले ही छुट्टी मना कर ड्यूटी पर लौटे थे राकेश बताया जा रहा है राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली मना कर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौटे और बीते रविवार (10 नवंबर) को किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। वह सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। राकेश 2 बच्चों के पिता थे। वह अपने पीछे माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और 2 बच्चों यशस्वी (14) और प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। 23 साल से सेना में दे रहे थे सेवाएं भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर तैनात थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। शहीद के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है। 14 महीने पहले बरसात में टूटा 10 कमरों का मकान जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार का 10 कमरों का मकान पिछली बरसात में 13 अगस्त 2023 की रात को ढह गया था। इसके बाद से राकेश कुमार का परिवार किराए के मकान में रह रहा है। भाई कर्म सिंह के मुताबिक राकेश ने दिसंबर में छुट्‌टी आना था। तब घर का काम लगाना था। इसके बाद गृह प्रवेश करना था। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़ आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। नायब सूबेदार राकेश कुमार भी इस दल का हिस्सा थे। इसी दौरान तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है, जहां 7 नवंबर को विलेज डिफेंस ग्रुप (VDG) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के शव मिले थे। यहीं पर आतंकियों के साथ तलाशी दल की मुठभेड़ हुई। इसमें गोली लगने से नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, 3 जवान घायल हुए। उनका इलाज चल रहा है। CM और पूर्व CM ने जताया दुख मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

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