हिमाचल में 30 नवंबर को बर्फबारी के आसार:मंडी-बिलासपुर में घने कोहरे का यलो अलर्ट; 55 दिन के ड्राई स्पेल टूटने का इंतजार
हिमाचल प्रदेश में 5 दिन बाद मौसम फिर करवट बदलेगा। इससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में 55 दिन से ज्यादा का ड्राइ स्पेल टूटने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने से 30 नवंबर को चंबा, लाहौल स्पीति, कुल्लू और कांगड़ा की अधिक ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य जिलों में मौसम पूरी तरह साफ बना रहेगा। अगले पांच दिन तक भी बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। IMD ने बिलासपुर और मंडी जिला के कुक क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का यलो अलर्ट जारी किया है। इससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिरेगी। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। वहीं शनिवार रात को हुए हल्के हिमपात से अधिक ऊंचे क्षेत्रों के तापमान में गिरावट आई है। लाहौल स्पीति के ताबो का पारा माइनस 8.0 डिग्री तक गिर गया है। कुकुमसैरी का माइनस 7.1 डिग्री, केलांग माइनस 4.1 डिग्री और समदो का न्यूनतम तापमान माइनस 1.5 डिग्री तक गिर गया है। पर्यटक एडवांस बुकिंग करने लगे वहीं रोहतांग और गुलाबा में ताजा हिमपात के बाद पर्यटक भी होटलों में एडवांस बुकिंग करने लगे हैं। पर्यटन कारोबारी लंबे समय से बर्फबारी के इंतजार में है, क्योंकि इस बार ड्राइ स्पेल ने टूरिज्म इंडस्ट्री को भी करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है। आमतौर पर 15 अक्टूबर के बाद तोहतांग और आसपास के क्षेत्रों में बर्फ देखने के लिए बड़ी तादात में पर्यटक पहुंचते थे। मगर इस बार 25 नवंबर को भी अच्छी बर्फ नहीं गिर पाई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में इस बार पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे सूखे जैसे हालात बने हुए है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है। अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है।
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