हिमाचल सरकार की फजीहत करवा रही अफसरशाही:CM को देनी पड़ रही सफाई; टॉयलेट-टैक्स, लगेज किराया, पद समाप्त करने की नोटिफिकेशन से घिरी सरकार
हिमाचल की अफसरशाही के कारण कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बनी है। ब्यूरोक्रेट्स पहले नोटिफिकेशन करते हैं, फिर अगले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को सफाई देनी पड़ती है। बीते एक महीने में 3 ऐसी नोटिफिकेशन के कारण कांग्रेस सरकार ने पूरे देश में छवि खराब हुई है। इससे सियासी गलियारों में चर्चाएं है कि क्या अफसरशाही जानबूझकर ऐसा कर रही या संबंधित मंत्री अपने विभागों की कोई अधिसूचना करने से पहले उस पर ध्यान नहीं दे रहे। अब विस्तार से पढ़िए कि किन-किन नोटिफिकेशन की वजह से सरकार की किरकिरी हुई। टॉयलेट टैक्स की नोटिफिकेशन ने पूरे देश में सरकार की छवि को खराब किया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने बीते सप्ताह लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज स्पष्टीकरण में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। अब पद समाप्त पर पलटी सरकार अब फाइनेंस डिपार्टमेंट की नोटिफिकेशन से सरकार कि किरकिरी हुई। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का ठीकरा फोड़ा। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया? जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार फैसले से पलटी है। सरकार ने अप्रैल माह में टैम्परेरी टीचर भर्ती का फैसला लिया तो प्रदेशभर में विरोध के बाद ने टैम्परेरी टीचर रखने का फैसला पलटा। पूर्व मुख्यमंत्री ने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा नोटिफिकेशन की सीरिज हो गई है, जिसे सरकार ने अगले दिन जारी किया, दूसरे दिन वापस लिया। सरकार का कोई भी निर्णय सोच-समझकर नहीं लिया जा रहा है। इससे हास्यस्पद स्थिति प्रदेश में बनी है। उन्होंने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया।
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