11 साल बाद हत्या के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास:प्रतापगढ़ कोर्ट ने सुनाई सजा, 20 हजार का जुर्माना भी लगाया

प्रतापगढ़ में जिला एवं सत्र न्यायालय ने थाना संग्रामगढ़ क्षेत्र के प्रतापपुर चेतगढ़ निवासी अशोक कुमार तिवारी को हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना न अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। 11 साल पहले दहेज हत्या का आरोप 11 अक्टूबर 2013 को अशोक कुमार तिवारी के खिलाफ धारा 498ए/304बी भा.दं.वि. और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में चार अन्य आरोपियों को भी नामजद किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने 18 अप्रैल 2014 को आरोप पत्र दाखिल किया। लंबी सुनवाई के बाद 27 नवंबर 2024 को माननीय न्यायालय ने अशोक कुमार तिवारी को वैकल्पिक धारा 302 भा.दं.वि. के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने अन्य धाराओं में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता मामले में प्रतापगढ़ पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी ने अहम भूमिका निभाई। वैज्ञानिक जांच और ठोस साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय में यह केस मजबूती से प्रस्तुत किया गया। इस दौरान डीजीसी क्रिमिनल योगेश कुमार शर्मा, एडीजीसी विक्रम सिंह, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद, और संग्रामगढ़ थाने के पैरोकार जितेंद्र कुमार ने प्रमुख योगदान दिया। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस सफलता को इसी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि ऑपरेशन कन्विक्शन के जरिए दोषियों को सजा दिलाने का अभियान जारी रहेगा।

Nov 27, 2024 - 21:10
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11 साल बाद हत्या के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास:प्रतापगढ़ कोर्ट ने सुनाई सजा, 20 हजार का जुर्माना भी लगाया
प्रतापगढ़ में जिला एवं सत्र न्यायालय ने थाना संग्रामगढ़ क्षेत्र के प्रतापपुर चेतगढ़ निवासी अशोक कुमार तिवारी को हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना न अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। 11 साल पहले दहेज हत्या का आरोप 11 अक्टूबर 2013 को अशोक कुमार तिवारी के खिलाफ धारा 498ए/304बी भा.दं.वि. और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में चार अन्य आरोपियों को भी नामजद किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने 18 अप्रैल 2014 को आरोप पत्र दाखिल किया। लंबी सुनवाई के बाद 27 नवंबर 2024 को माननीय न्यायालय ने अशोक कुमार तिवारी को वैकल्पिक धारा 302 भा.दं.वि. के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने अन्य धाराओं में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता मामले में प्रतापगढ़ पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी ने अहम भूमिका निभाई। वैज्ञानिक जांच और ठोस साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय में यह केस मजबूती से प्रस्तुत किया गया। इस दौरान डीजीसी क्रिमिनल योगेश कुमार शर्मा, एडीजीसी विक्रम सिंह, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद, और संग्रामगढ़ थाने के पैरोकार जितेंद्र कुमार ने प्रमुख योगदान दिया। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस सफलता को इसी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि ऑपरेशन कन्विक्शन के जरिए दोषियों को सजा दिलाने का अभियान जारी रहेगा।

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