5 तस्वीरों में देखिए प्रतापगढ़ में छठ पूजा:व्रतियों ने की बेल्हा सई घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, उमड़ा जनसैलाब

प्रतापगढ़ के बेल्हा देवी धाम से लेकर सई नदी के घाट तक छठ महापर्व के तीसरे दिन शुक्रवार तड़के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। खासकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रति महिलाएं नदी में घुटने तक पानी में खड़ी दिखीं। उनके साथ परिजन भी थे, जो उनका सहयोग करने के लिए नदी में खड़े होकर पूजन सामग्री थामे हुए थे। दृश्य ऐसा था जैसे पूरा क्षेत्र आस्थावान भक्तों से भर गया हो। बेल्हा देवी धाम से लेकर सई नदी तट तक श्रद्धालुओं का जनसैलाब नजर आ रहा था। महिलाएं, जिन्होंने 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखा था, दोपहर से ही गाजे-बाजे के साथ अपने परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों के साथ धाम पर जुटने लगी थीं। शाम चार बजे तक धाम से लेकर नदी के गहरे पानी तक श्रद्धालुओं का जनसमूह पहुंच चुका था। देखिए 4 तस्वीरें... सई नदी के घाट पर उत्सव जैसा माहौल था। जैसे ही सूर्यदेव पश्चिम दिशा में बादलों के बीच छिपने लगे, व्रति महिलाएं व उनके परिजन उत्साहित नजर आए। अस्ताचलगामी सूर्य को दूध और जल अर्पित कर व्रति महिलाओं ने संतान सुख, दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान कई परिवारों के सदस्य नदी में खड़े होकर अपने घर की महिलाओं की मदद कर रहे थे। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महिलाओं ने नदी के किनारे पहले से बनाई गई वेदी के सामने बैठकर विधिवत तरीके से छठ मइया की पूजा की। हर तरफ श्रद्धा और आस्था का ऐसा माहौल था कि लगता था जैसे सम्पूर्ण क्षेत्र में छठ महापर्व की आभा छा गई हो।

Nov 8, 2024 - 09:05
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5 तस्वीरों में देखिए प्रतापगढ़ में छठ पूजा:व्रतियों ने की बेल्हा सई घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, उमड़ा जनसैलाब
प्रतापगढ़ के बेल्हा देवी धाम से लेकर सई नदी के घाट तक छठ महापर्व के तीसरे दिन शुक्रवार तड़के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। खासकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रति महिलाएं नदी में घुटने तक पानी में खड़ी दिखीं। उनके साथ परिजन भी थे, जो उनका सहयोग करने के लिए नदी में खड़े होकर पूजन सामग्री थामे हुए थे। दृश्य ऐसा था जैसे पूरा क्षेत्र आस्थावान भक्तों से भर गया हो। बेल्हा देवी धाम से लेकर सई नदी तट तक श्रद्धालुओं का जनसैलाब नजर आ रहा था। महिलाएं, जिन्होंने 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखा था, दोपहर से ही गाजे-बाजे के साथ अपने परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों के साथ धाम पर जुटने लगी थीं। शाम चार बजे तक धाम से लेकर नदी के गहरे पानी तक श्रद्धालुओं का जनसमूह पहुंच चुका था। देखिए 4 तस्वीरें... सई नदी के घाट पर उत्सव जैसा माहौल था। जैसे ही सूर्यदेव पश्चिम दिशा में बादलों के बीच छिपने लगे, व्रति महिलाएं व उनके परिजन उत्साहित नजर आए। अस्ताचलगामी सूर्य को दूध और जल अर्पित कर व्रति महिलाओं ने संतान सुख, दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान कई परिवारों के सदस्य नदी में खड़े होकर अपने घर की महिलाओं की मदद कर रहे थे। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महिलाओं ने नदी के किनारे पहले से बनाई गई वेदी के सामने बैठकर विधिवत तरीके से छठ मइया की पूजा की। हर तरफ श्रद्धा और आस्था का ऐसा माहौल था कि लगता था जैसे सम्पूर्ण क्षेत्र में छठ महापर्व की आभा छा गई हो।

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