500 साल पुराने संरक्षित स्मारक पर चलता था जनरेटर:आगरा में यमुना किनारे है जोहरा बाग, रविवार को ढह गईं थी स्मारक की दो मंजिलें

आगरा में 500 साल पुराने संरक्षित स्मारक जोहरा बाग पर यमुना से पानी खींचने के लिए जनरेटर से चल रहा था। जनरेटर से पंपिग सेट चल था, जिससे आसपास की नर्सरियों में पानी दिया जाता था। जोहरा बाग की मंजिलें गिरने के बाद जनरेटर और पंपिग सेट को हटाया गया है। एएसआई अब जोहरा बाग की मरम्मत की बात कर रहा है। यह है जोहरा बाग का इतिहास पिछले रविवार को संरक्षण के इंतजार में जोहरा बाग की यमुना पार स्थित बुर्ज की ऊपरी दो मंजिल भरभराकर गिर पड़ीं। इससे पहली मंजिल को भी नुकसान पहुंचा है। यह बुर्ज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित था। जिस जोहरा बाग का बुर्ज ढह गया है। ईवा कोच की किताब के अनुसार वो जोहरा बाग बाबर की बेटी का नहीं था, बल्कि शाहजहां की बेटी जहांआरा ने बनवाया था। शाहजहां ने इस बाग में मई 1638 में ईरानी राजदूत यादगार बेग का स्वागत किया था। उनके साथ सैर की और शाम को मंडप के नीचे यमुना तट पर रोशनी और आतिशबाजी कराई। औरंगजेब 1652 में राजकुमार के रूप में अपनी बहन जहांआरा से मिलने इसी बागीचे में आए थे। 19 वीं सदी में इसे बुर्ज ए सैयद के नाम से जाना गया। बताया गया है कि यह तीन मंजिला संरक्षित स्मारक थी। गुलदस्ते के बने थे डिजाइन जोहरा बाग के बुर्ज का निर्माण लाखौरी ईंटों व मिट्टी की चिनाई से हुआ है। इसमें टीप (प्वाइंटिंग) ऊपर से है। दीवार पर बाहर की तरफ लाल बलुई पत्थर लगा था, जिसमें गुलदस्ते व सुराही के डिजाइन बने थे। इसकी छत 80 से 85 सेमी मोटी चूने की बनी हुई थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में बुर्ज के संरक्षण को पांच लाख रुपए से संरक्षण का काम कराने की योजना बनाई गई थी। तब यहां छत सही करने के साथ ही दीवारों पर प्वाइंटिंग का काम दो लाख रुपए से किया गया था। उसके बाद से यहां कोई काम नहीं कराया गया है। नर्सरियों के लिए खींचते थे पानी जोहरा बाग के आसपास कई नर्सरियां हैं। नर्सरियों में पानी देने के लिए इसी संरक्षित स्मारक पंपिग सेट लगा हुआ था, जो जनरेटर से चलता था। काफी बड़े क्षेत्र में फैली नर्सरियों में पानी देने के लिए कई-कई घंटे जनरेटर चलता था। संभावना है कि जनरेटर और पंपिग सेट की वाइब्रेशन से जोहरा बाग को नुकसान पहुंचा हो। जोहरा बाग पर जनरेटर चल रहा था, इसकी जानकारी एएसआई को नहीं थी। बुर्ज ढह जाने के बाद 29 अक्टूबर को इस जनरेटर को हटाया गया।

Nov 1, 2024 - 08:20
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500 साल पुराने संरक्षित स्मारक पर चलता था जनरेटर:आगरा में यमुना किनारे है जोहरा बाग, रविवार को ढह गईं थी स्मारक की दो मंजिलें
आगरा में 500 साल पुराने संरक्षित स्मारक जोहरा बाग पर यमुना से पानी खींचने के लिए जनरेटर से चल रहा था। जनरेटर से पंपिग सेट चल था, जिससे आसपास की नर्सरियों में पानी दिया जाता था। जोहरा बाग की मंजिलें गिरने के बाद जनरेटर और पंपिग सेट को हटाया गया है। एएसआई अब जोहरा बाग की मरम्मत की बात कर रहा है। यह है जोहरा बाग का इतिहास पिछले रविवार को संरक्षण के इंतजार में जोहरा बाग की यमुना पार स्थित बुर्ज की ऊपरी दो मंजिल भरभराकर गिर पड़ीं। इससे पहली मंजिल को भी नुकसान पहुंचा है। यह बुर्ज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित था। जिस जोहरा बाग का बुर्ज ढह गया है। ईवा कोच की किताब के अनुसार वो जोहरा बाग बाबर की बेटी का नहीं था, बल्कि शाहजहां की बेटी जहांआरा ने बनवाया था। शाहजहां ने इस बाग में मई 1638 में ईरानी राजदूत यादगार बेग का स्वागत किया था। उनके साथ सैर की और शाम को मंडप के नीचे यमुना तट पर रोशनी और आतिशबाजी कराई। औरंगजेब 1652 में राजकुमार के रूप में अपनी बहन जहांआरा से मिलने इसी बागीचे में आए थे। 19 वीं सदी में इसे बुर्ज ए सैयद के नाम से जाना गया। बताया गया है कि यह तीन मंजिला संरक्षित स्मारक थी। गुलदस्ते के बने थे डिजाइन जोहरा बाग के बुर्ज का निर्माण लाखौरी ईंटों व मिट्टी की चिनाई से हुआ है। इसमें टीप (प्वाइंटिंग) ऊपर से है। दीवार पर बाहर की तरफ लाल बलुई पत्थर लगा था, जिसमें गुलदस्ते व सुराही के डिजाइन बने थे। इसकी छत 80 से 85 सेमी मोटी चूने की बनी हुई थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में बुर्ज के संरक्षण को पांच लाख रुपए से संरक्षण का काम कराने की योजना बनाई गई थी। तब यहां छत सही करने के साथ ही दीवारों पर प्वाइंटिंग का काम दो लाख रुपए से किया गया था। उसके बाद से यहां कोई काम नहीं कराया गया है। नर्सरियों के लिए खींचते थे पानी जोहरा बाग के आसपास कई नर्सरियां हैं। नर्सरियों में पानी देने के लिए इसी संरक्षित स्मारक पंपिग सेट लगा हुआ था, जो जनरेटर से चलता था। काफी बड़े क्षेत्र में फैली नर्सरियों में पानी देने के लिए कई-कई घंटे जनरेटर चलता था। संभावना है कि जनरेटर और पंपिग सेट की वाइब्रेशन से जोहरा बाग को नुकसान पहुंचा हो। जोहरा बाग पर जनरेटर चल रहा था, इसकी जानकारी एएसआई को नहीं थी। बुर्ज ढह जाने के बाद 29 अक्टूबर को इस जनरेटर को हटाया गया।

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