7 करोड़ से बने आयुष अस्पताल में बिजली संकट:सोनभद्र में फिजियोथैरेपी और इलाज में बाधा, 10 दिन से स्थिति खराब

सोनभद्र मुख्यालय के लोढ़ी स्थित 7 करोड़ रुपए की लागत से बने 50 शैय्या बेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय में मरीजों को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 10 दिनों से दिन में बिजली की लगातार कटौती हो रही है, जिससे मरीजों का फिजियोथैरेपी और अन्य उपचार प्रभावित हो रहा है। अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि प्रतिदिन तीन दर्जन से अधिक मरीज बिना फिजियोथैरेपी और पंचकर्म के ही लौट रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक ने अधिकारियों को भेजा पत्र अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि दिन के समय बिजली की आवक-जावक के कारण मरीजों को उपचार में दिक्कत हो रही है। इस समस्या को हल करने के लिए उन्होंने विभाग के एक्सईएन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है। हालांकि, जनरेटर से उपचार करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। मरीजों का कहना है कि डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन बिजली न होने के कारण वे भी लाचार हो जाते हैं। बिजली विभाग ने लिया संज्ञान जब इस बारे में बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता एके सिंह से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक पत्र उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित विभागों को बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्देश दिए हैं।

Nov 28, 2024 - 17:40
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7 करोड़ से बने आयुष अस्पताल में बिजली संकट:सोनभद्र में फिजियोथैरेपी और इलाज में बाधा, 10 दिन से स्थिति खराब
सोनभद्र मुख्यालय के लोढ़ी स्थित 7 करोड़ रुपए की लागत से बने 50 शैय्या बेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय में मरीजों को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 10 दिनों से दिन में बिजली की लगातार कटौती हो रही है, जिससे मरीजों का फिजियोथैरेपी और अन्य उपचार प्रभावित हो रहा है। अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि प्रतिदिन तीन दर्जन से अधिक मरीज बिना फिजियोथैरेपी और पंचकर्म के ही लौट रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक ने अधिकारियों को भेजा पत्र अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि दिन के समय बिजली की आवक-जावक के कारण मरीजों को उपचार में दिक्कत हो रही है। इस समस्या को हल करने के लिए उन्होंने विभाग के एक्सईएन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है। हालांकि, जनरेटर से उपचार करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। मरीजों का कहना है कि डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन बिजली न होने के कारण वे भी लाचार हो जाते हैं। बिजली विभाग ने लिया संज्ञान जब इस बारे में बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता एके सिंह से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक पत्र उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित विभागों को बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्देश दिए हैं।

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