ADG ने साइबर क्राइम से बचाव के दिए टिप्स:बरेली में रमित शर्मा बोले-टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करने से बचे
बरेली जोन में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एडीजी रमित शर्मा ने पुलिसकर्मियों को टिप्स दिए। हाल के दिनों में बढ़ती साइबर अपराध की घटनाओं की रोकथाम के लिए बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा सभी जिलों में पुलिस को साइबर क्राइम से बचाव के लिए कार्यशाला करने के निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ एक कार्यशाला की। बरेली समेत प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में डिजिटल अरेस्ट के मामले भी काफी बढ़े है। चंद मिनटों में लोगो के खातों से हजारों या लाखों रुपए गायब हो जा रहे है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। हर व्यक्ति को साइबर क्राइम समझना होगा साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, रमित शर्मा द्वारा एक अनूठी पहल की गई है। साइबर सुरक्षा के प्रति पुलिस अधिकारियों की क्षमता को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला फ्यूचर विश्वविद्यालय में आयोजित की गई। इसमें बरेली जोन के 9 जिलों से 200 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य साइबर अपराधों की जांच और सुरक्षा उपायों पर पुलिसकर्मियों को नवीनतम जानकारी और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना था। आज हर व्यक्ति के हाथ में महंगे मोबाइल एडीजी रमित शर्मा ने कहा कि हम आज के इस डिजिटल युग में जी रहे हैं, जहां तकनीक ने हमारे जीवन को सहज बना दिया है। लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि तकनीक का गलत उपयोग साइबर अपराधों का रूप ले सकता है। विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाएं हमारे सामने एक चुनौती बन कर खड़ी हैं। हमें इन अपराधों के प्रति सजग रहना होगा और हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी। एडीजी रमित शर्मा ने उभरते साइबर अपराधों पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तकनीक का गलत उपयोग, खासकर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में, समाज में गंभीर चुनौतियां उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से त्वरित और सटीक कार्यवाही पर जोर दिया। साइबर थानों और हेल्प डेस्क के लिए सुझाव एडीजी रमित शर्मा ने कहा कि गंभीरता के साथ हमारे साइबर थानों को इस बात पर ध्यान देना होगा कि पीड़ित की शिकायत को पूरी तरह से समझें और उन्हें अपराध की ट्रैकिंग की जानकारी दें। साइबर हेल्प डेस्क पर मौजूद पुलिसकर्मियों को सक्षम होना चाहिए ताकि वे पीड़ित की रिपोर्ट तुरंत दर्ज कर सकें। पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों को रोकने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के प्रति अपने दायित्वों को और भी गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन, राहुल मिश्रा ने पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने साइबर अपराधों की पहचान, उनके प्रकार और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में गहराई से जानकारी दी। यह भी कहा कि साइबर अपराधों के प्रति आम जनता को जागरूक करना भी बेहद आवश्यक है। पुलिस लगातार जागरूक कर रही साइबर अपराध सिर्फ तकनीकी ज्ञान से ही नहीं, बल्कि आम जनता की जागरूकता से भी रोके जा सकते हैं। हमें समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि लोग ऐसे अपराधों से खुद को बचा सकें। इस कार्यशाला में फ्यूचर विश्वविद्यालय के चांसलर मुकेश गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर पंकज कुमार मिश्रा, बरेली एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह और बरेली जोन के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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