BHU EC गठन पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज:तीन साल में वीसी द्वारा लिए गए फैसले पर दायर किया गया हैं PIL,नियुक्तियों के लिये अब दो महीने नहीं होंगे इंटरव्यू
बीएचयू में एग्जीक्यूटिव काउंसिल के गठन की तैयारियां तेज हो गईं हैं। सूत्रों की मानें तो कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन दिल्ली में हैं। मंत्रालय में काफी देर बिता रहे हैं। हालांकि, अभी तक ईसी की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। कैंपस में चर्चा है कि कुलपति को इतनी तेजी इसलिए भी है, क्योंकि आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसी मसले पर सुनवाई होनी है। बीते तीन साल में बिना ईसी के जितने भी फैसले लिये गये हैं, उन सभी को हाईकोर्ट में जनहित याचिका के द्वारा चुनौती दी गई है। बीएचयू एक्ट के सेवेन सी नियम को चुनौती बीएचयू में विशेषाधिकार के तहत कुलपति द्वारा लिये गये फैसलों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। बीएचयू एक्ट के नियम सेवेन सी (5) और तीन साल से बिना एग्जीक्यूटिव काउंसिल के जितने भी फैसले लिये गये हैं, उसके जांच की मांग की गई है। नियम है कि बिना ईसी के फैसले लिये जा सकते हैं, लेकिन अगली ईसी की बैठक में वैधता भी देनी होती है। लेकिन, बीएचयू में तीन साल से कोई कोई ईसी ही नहीं है तो बैठक कहां होगी। हरिकेश बहादुर सिंह नाम के व्यक्ति ने ये जनहित याचिका 5 नवंबर को फाइल की है। बीएचयू में नियुक्तियों के लिये अब दो महीने नहीं होंगे इंटरव्यू बीएचयू में अब नियुक्तियों के लिये होने वाले सारे इंटरव्यू बंद कर दिये गये हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी वीसी एडवाइजरी के तहत, बीते 6 नवंबर के बाद से कुलपति अब बिना मंत्रालय की अनुमति के कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। ये एडवाइजरी कार्यकाल खत्म होने के दो महीने पहले लागू हो जाता है। शिक्षा मंत्रालय ने नहीं दिया कोई जवाब सूत्रों के अनुसार, बीएचयू की ओर से शिक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी गई थी कि नियुक्तियों के लिये इंटरव्यू किये जाये, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में सारे इंटरव्यू बंद कर दिये गये हैं। इससे पहले प्रो. राकेश भटनागर जब कुलपति थे तो उन्होंने दो महीने पहले भी नियुक्तियों का काम जारी रखा। इसे देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने लेटर भेज दिया। तब जाकर इंटरव्यू की प्रक्रिया बंद की गई। लेकिन, इस बार बीएचयू की ओर से एडवाइजरी लागू होने के पहले ही अनुमति मांगी गई थी।
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