CID की जांच रिपोर्ट-गोपनीय दस्तावेज लीक करने पर FIR:शिमला CID एसपी क्राइम ने दी शिकायत, 4 माह पहले लीक हुई थी समोसा कांड की रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सीआईडी की गोपनीय जानकारी और दस्तावेज लीक करने के खिलाफ छोटा शिमला थाने में मामला दर्ज हुआ है। सीआईडी के एसपी क्राइम राजेश कुमार ने छोटा शिमला थाने में इसकी शिकायत दी है। पुलिस ने उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर चोरी, जालसाजी, सार्वजनिक शरारत और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से इंटरनल इक्वायरी की रिपोर्ट लीक की गई। इस गोपनीय रिपोर्ट का दुरुपयोग सीआईडी और राज्य सरकार की छवि खराब करने के लिए किया गया। FIR में किसी का नाम नहीं एसपी क्राइम की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 (ई), 336 (4), 353 (2), बीएनएस की धारा 59, 60 और 61 के तहत मामला दर्ज हुआ है। लेकिन एफआईआर में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। दरअसल इस मामले को 4 माह पहले यह मामला प्रदेश के बहुचर्चित समोसा प्रकरण से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। 31 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री के सीआईडी कार्यक्रम में उनके दफ्तर पहुंचे थे। इस दौरान उनकी रिफ्रेशमेंट के लिए वहां शिमला के एक नामी थ्री स्टार होटल से मंगवाए गए थे। लेकिन वह समोसे किसी निर्धारित लोगों की जगह अन्य लोगों ने खा लिए थे। जिसकी CID ने जांच करवाई थी और उन समोसों की जांच रिपोर्ट लीक हो गई थी। CID की रिपोर्ट लीक होने से विवाद खड़ा हुआ था और देश भर में इस मसले की खूब चर्चा हुई थी। हालांकि, CID SP क्राइम की शिकायत समोसा प्रकरण का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इस शिकायत व मामले को उससे जोड़कर देखा जा रहा है।

CID की जांच रिपोर्ट: गोपनीय दस्तावेज लीक करने पर FIR
शिमला में CID की जांच रिपोर्ट को लेकर एक नई हलचल शुरू हुई है। हाल ही में CID एसपी क्राइम ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने का मामला सामने आया है। इस FIR के तहत चार महीने पहले लीक हुई 'समोसा कांड' की रिपोर्ट को लेकर जांच की जा रही है। यह घटना सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से बेहद गंभीर मानी जा रही है।
समोसा कांड की पृष्ठभूमि
समोसा कांड के दौरान सामने आए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लीक किया गया था, जो कि न केवल CID की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी खतरा हो सकता है जो इस जांच में शामिल थे। चार महीने पहले की यह घटना अब बहुत महत्त्व रखती है, क्योंकि इसकी जांच अब CID द्वारा अधिक गंभीरता से की जा रही है।
CID की कार्रवाई
CID ने अब इस मामले को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार, लीक हुए दस्तावेजों में संवेदनशील जानकारी शामिल थी, जो कि किसी भी तरीके से सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए थी। CID एसपी क्राइम ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आगे की संभावनाएँ
CID की इस शिकायत से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और गोपनीयता के नियमों का उल्लंघन सहन नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट के लीक होने के मामले में नागरिकों और सरकारी अधिकारियों के बीच विश्वास की अंतराल पैदा हो सकती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि CID आगे इस मामले में क्या कदम उठाएगी और लीक करने वाले व्यक्ति की पहचान कैसे की जाएगी।
समोसा कांड की जांच और इस लीक को रोकने के लिए CID अपनी पूरी कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, सवाल उठता है कि क्या भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति होगी और क्या सूचना सुरक्षा के उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
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