CM के मीडिया सलाहाकार का विपक्ष पर निशाना:बोले-सरकार ने 2006 के एक्ट के तहत की थी CPS की नियुक्ति; BJP सरकार ने भी लगाए

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में भारतीय जनता पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने जब CPS की नियुक्ति तो राज्य में 2006 का एक्ट लागू था। उसमे नियुक्ति का प्रावधान था। सरकार ने इसी के तहत CPS की नियुक्ति की। नरेश चौहान ने कहा, भाजपा आज CPS को लेकर जोर-जोर से चिल्ला रही है। इस मामले में भाजपा के याचिकाकर्ता विधायक सत्तपाल सत्ती और सुखराम चौधरी खुद पूर्व धूमल सरकार में CPS रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को इस मामले को तूल नहीं देनी चाहिए। राज्य सरकार ने 2006 के सीपीएस एक्ट के तहत नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा कि जैसे ही हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्तियों को रद्द किया, उसके बाद सरकार ने तुरंत प्रभाव से कोर्ट के आदेशानुसार, गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं वापस ले ली। नरेश चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब इस मामले में लीगल बैटल सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनी हुई सरकार को बार-बार गिराने की कोशिश की। बहुमत की सरकार को धनबल से गिराने के लिए ऑपरेशन लौटस चलाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सरकार को गिराने में ताकत लगाई। फिर भी जनता से बीजेपी को सत्ता से बाहर किया। पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई, दोबारा 9 सीटों पर हुए उप चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ने अब तक सकारात्मक सुझाव सरकार को नहीं दिया। केवल मीडिया के माध्यम से सरकार पर बेवजह हमला बोलते हैं।

Nov 16, 2024 - 14:45
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CM के मीडिया सलाहाकार का विपक्ष पर निशाना:बोले-सरकार ने 2006 के एक्ट के तहत की थी CPS की नियुक्ति; BJP सरकार ने भी लगाए
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में भारतीय जनता पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने जब CPS की नियुक्ति तो राज्य में 2006 का एक्ट लागू था। उसमे नियुक्ति का प्रावधान था। सरकार ने इसी के तहत CPS की नियुक्ति की। नरेश चौहान ने कहा, भाजपा आज CPS को लेकर जोर-जोर से चिल्ला रही है। इस मामले में भाजपा के याचिकाकर्ता विधायक सत्तपाल सत्ती और सुखराम चौधरी खुद पूर्व धूमल सरकार में CPS रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को इस मामले को तूल नहीं देनी चाहिए। राज्य सरकार ने 2006 के सीपीएस एक्ट के तहत नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा कि जैसे ही हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्तियों को रद्द किया, उसके बाद सरकार ने तुरंत प्रभाव से कोर्ट के आदेशानुसार, गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं वापस ले ली। नरेश चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब इस मामले में लीगल बैटल सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनी हुई सरकार को बार-बार गिराने की कोशिश की। बहुमत की सरकार को धनबल से गिराने के लिए ऑपरेशन लौटस चलाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सरकार को गिराने में ताकत लगाई। फिर भी जनता से बीजेपी को सत्ता से बाहर किया। पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई, दोबारा 9 सीटों पर हुए उप चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ने अब तक सकारात्मक सुझाव सरकार को नहीं दिया। केवल मीडिया के माध्यम से सरकार पर बेवजह हमला बोलते हैं।

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