IPL ऑक्शन में बिहारी भारी, 28.35cr में बिके 4 खिलाड़ी:ईशान 11.25, वैभव 1.10, मुकेश-आकाशदीप को 8-8 करोड़ रुपए मिले, चारों खिलाड़ियों की कहानी

बिहार के 13 साल के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल टूर्नामेंट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी होंगे। टूर्नामेंट की नीलामी के दूसरे और आखिरी दिन सोमवार को राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 1.10 करोड़ रुपए में खरीद लिया। सूर्यवंशी के लिए बोली उनके बेस प्राइस 30 लाख रुपए से शुरू हुई थी। राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स दोनों ने वैभव की बोली लगाई, लेकिन आखिरी में राजस्थान खरीदने में सफल रही। इसके साथ ही वैभव आईपीएल इतिहास के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी और सबसे छोटे करोड़पति भी बन गए। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में बिहारी क्रिकेटर्स ने अपना जलवा बरकरार रखा है। नवादा के ईशान किशन को सनराइजर्स हैदराबाद ने 11.25 करोड़ में खरीदा, तो गोपालगंज के मुकेश और रोहतास के आकाशदीप के लिए टीमों ने 8-8 करोड़ दिए। रोहतास के बड्डी गांव के आकाशदीप अब लखनऊ सुपर जायंट्स से खेलेंगे। पिछले साल तक 50 लाख की बेस प्राइस पर वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू से खेल रहे थे। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज गोपालगंज के मुकेश कुमार को दिल्ली कैपिटल्स ने 8 करोड़ में राइट टू मैच कार्ड यूज कर खरीद लिया। पिछली बार भी दिल्ली कैपिटल्स ने मुकेश को 5.5 करोड़ में खरीदा था। पढ़िए IPL ऑक्शन में भारी बिहारियों की कहानी... बड़े भाई ने ईशान के लिए छोड़ दिया था क्रिकेट करियर बात 15 साल पहले की है। स्कूल गेम फेडरेशन की बिहार टीम मुंबई खेलने के लिए गई थी। इस टीम में दो भाई सिलेक्ट हुए थे। बड़े भाई ओपनर थे इसलिए प्रदर्शन कर पाए। जबकि छोटे भाई को मौका ही नहीं मिला। छोटे भाई को थोड़ी निराशा हुई, लेकिन उस निराशा को बड़े भाई ने बाद में क्रिकेट से त्याग देकर दूर कर दिया। तब ईशान की उम्र 9 साल थी। राज किशन अच्छे खिलाड़ी थे। राज किशन कहते हैं कि 'हम दोनों भाई क्रिकेट खेलते थे, लेकिन छोटे भाई का क्रिकेट के प्रति पूरा डिवोशन था। बेहतर करने की क्षमता थी।' बिहार में क्रिकेट की संभावना कम दिखी तो झारखंड गए बिहार में क्रिकेट की संभावना कम हुई तो ईशान झारखंड की ओर कूच कर गए। 4-5 सालों में किशन ने झारखंड टीम में अहम भूमिका निभाई। 2016-17 में रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली की अच्छी गेंदबाजी के खिलाफ 273 रन बनाए। ईशान ने 14 सिक्सर जड़े, जो किसी रणजी ट्रॉफी की पारी में किसी बल्लेबाज के सबसे ज्यादा सिक्सर हैं। 2017-18 में, किशन 6 मैचों में 484 रन के साथ झारखंड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। 2018-19 देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया सी टीम में शामिल किया गया और फाइनल में एक महत्वपूर्ण शतक बनाया, जिसने भारत सी को अपना पहला खिताब जीतने में मदद की। सौराष्ट्र के खिलाफ मैच में मिला टर्निंग पॉइंट ईशान के करियर का टर्निंग पॉइंट सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में आया। यह राजकोट के माधवराव सिंधिया क्रिकेट ग्राउंड में खेला जा रहा था। ग्राउंड्समैन ने एक पिच बनाई थी जिसमें पहले ही ओवर से धूल आ रही थी। यह टर्निंग पॉइंट था। झारखंड पहले बल्लेबाजी कर रहा था। झारखंड 168 रन पर ढेर हो गया। लेकिन, ईशान ने महज 69 गेंदों में 87 रनों की तूफानी पारी खेली। किशन को आउट करने के बाद, रवींद्र जडेजा ने उनसे अपनी पीठ थपथपवाई। राहुल द्रविड़ ने उनकी खूब सराहना की। यही, बांग्लादेश में हुए अंडर-19 विश्व कप 2016 के लिए किशन को भारत का कप्तान बनाने के कारणों में से एक था। डिफिनिट के नाम से बुलाते हैं दोस्त ईशान के दोस्त उसे डिफिनिट का नाम से बुलाते हैं। यह उपनाम फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में जिशान कादरी द्वारा निभाए गए डिफिनिट खान के किरदार से आया था। डिफिनिट खान के किरदार से ईशान का चरित्र मिलता है इसलिए लोग उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं। ईशान एडम गिलक्रिस्ट, राहुल द्रविड़ और धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। क्रिकेट के अलावा, ईशान को टेबल टेनिस और बिलियर्ड्स खेलना काफी पसंद है। वैभव सूर्यवंशी सिर्फ 13 साल के हैं बिहार के समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वैभव अभी सिर्फ 13 साल के हैं। वे रणजी ट्रॉफी, हेमन ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी खेल चुके हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वैभव का चयन जूनियर इंडियन क्रिकेट टीम में हो चुका है। वे इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 सीरीज में टीम का हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने महज 58 गेंदों में ही शतक जड़ दिया था। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए थे। इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज बाबर आजम और बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शांतो का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। शांतो ने 14 साल 241 दिन की उम्र में सिलहट में श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ यूथ वनडे क्रिकेट में सेंचुरी जड़ी थी। वहीं, पाकिस्तान के बाबर आजम ने 15 साल 48 दिन में दांबुला में शतक जड़ा था। सचिन से भी कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हाल ही में वैभव ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्राफी में डेब्यू किया था। तब उनकी उम्र सिर्फ 12 साल 9 महीने 14 दिन की थी। वैभव सबसे कम उम्र में रणजी में डेब्यू करने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे कम उम्र में अलीमुद्दीन ने (12 साल, 2 महीने 18 दिन) डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 7 महीने 22 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। 5 साल की उम्र से शुरू किया क्रिकेट खेलना वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि ‘उसका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उसने 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलता रहा। 7 साल की उम्र में मैं उसे समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में ले गया। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर हम उसे पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में भी रन बनाने शुरू कर दिए।’ गर्मी की चिलचिलाती धूप में रोज करता था प्रैक्टिस वैभव समस्तीपुर के पटेल मैदान में प्रैक्टिस करता था। उसके कोच ब्रजेश ने बताया कि ‘वैभव काफी मेहनत करता था। उसका एके

Nov 26, 2024 - 10:05
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IPL ऑक्शन में बिहारी भारी, 28.35cr में बिके 4 खिलाड़ी:ईशान 11.25, वैभव 1.10, मुकेश-आकाशदीप को 8-8 करोड़ रुपए मिले, चारों खिलाड़ियों की कहानी
बिहार के 13 साल के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल टूर्नामेंट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी होंगे। टूर्नामेंट की नीलामी के दूसरे और आखिरी दिन सोमवार को राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 1.10 करोड़ रुपए में खरीद लिया। सूर्यवंशी के लिए बोली उनके बेस प्राइस 30 लाख रुपए से शुरू हुई थी। राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स दोनों ने वैभव की बोली लगाई, लेकिन आखिरी में राजस्थान खरीदने में सफल रही। इसके साथ ही वैभव आईपीएल इतिहास के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी और सबसे छोटे करोड़पति भी बन गए। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में बिहारी क्रिकेटर्स ने अपना जलवा बरकरार रखा है। नवादा के ईशान किशन को सनराइजर्स हैदराबाद ने 11.25 करोड़ में खरीदा, तो गोपालगंज के मुकेश और रोहतास के आकाशदीप के लिए टीमों ने 8-8 करोड़ दिए। रोहतास के बड्डी गांव के आकाशदीप अब लखनऊ सुपर जायंट्स से खेलेंगे। पिछले साल तक 50 लाख की बेस प्राइस पर वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू से खेल रहे थे। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज गोपालगंज के मुकेश कुमार को दिल्ली कैपिटल्स ने 8 करोड़ में राइट टू मैच कार्ड यूज कर खरीद लिया। पिछली बार भी दिल्ली कैपिटल्स ने मुकेश को 5.5 करोड़ में खरीदा था। पढ़िए IPL ऑक्शन में भारी बिहारियों की कहानी... बड़े भाई ने ईशान के लिए छोड़ दिया था क्रिकेट करियर बात 15 साल पहले की है। स्कूल गेम फेडरेशन की बिहार टीम मुंबई खेलने के लिए गई थी। इस टीम में दो भाई सिलेक्ट हुए थे। बड़े भाई ओपनर थे इसलिए प्रदर्शन कर पाए। जबकि छोटे भाई को मौका ही नहीं मिला। छोटे भाई को थोड़ी निराशा हुई, लेकिन उस निराशा को बड़े भाई ने बाद में क्रिकेट से त्याग देकर दूर कर दिया। तब ईशान की उम्र 9 साल थी। राज किशन अच्छे खिलाड़ी थे। राज किशन कहते हैं कि 'हम दोनों भाई क्रिकेट खेलते थे, लेकिन छोटे भाई का क्रिकेट के प्रति पूरा डिवोशन था। बेहतर करने की क्षमता थी।' बिहार में क्रिकेट की संभावना कम दिखी तो झारखंड गए बिहार में क्रिकेट की संभावना कम हुई तो ईशान झारखंड की ओर कूच कर गए। 4-5 सालों में किशन ने झारखंड टीम में अहम भूमिका निभाई। 2016-17 में रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली की अच्छी गेंदबाजी के खिलाफ 273 रन बनाए। ईशान ने 14 सिक्सर जड़े, जो किसी रणजी ट्रॉफी की पारी में किसी बल्लेबाज के सबसे ज्यादा सिक्सर हैं। 2017-18 में, किशन 6 मैचों में 484 रन के साथ झारखंड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। 2018-19 देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया सी टीम में शामिल किया गया और फाइनल में एक महत्वपूर्ण शतक बनाया, जिसने भारत सी को अपना पहला खिताब जीतने में मदद की। सौराष्ट्र के खिलाफ मैच में मिला टर्निंग पॉइंट ईशान के करियर का टर्निंग पॉइंट सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में आया। यह राजकोट के माधवराव सिंधिया क्रिकेट ग्राउंड में खेला जा रहा था। ग्राउंड्समैन ने एक पिच बनाई थी जिसमें पहले ही ओवर से धूल आ रही थी। यह टर्निंग पॉइंट था। झारखंड पहले बल्लेबाजी कर रहा था। झारखंड 168 रन पर ढेर हो गया। लेकिन, ईशान ने महज 69 गेंदों में 87 रनों की तूफानी पारी खेली। किशन को आउट करने के बाद, रवींद्र जडेजा ने उनसे अपनी पीठ थपथपवाई। राहुल द्रविड़ ने उनकी खूब सराहना की। यही, बांग्लादेश में हुए अंडर-19 विश्व कप 2016 के लिए किशन को भारत का कप्तान बनाने के कारणों में से एक था। डिफिनिट के नाम से बुलाते हैं दोस्त ईशान के दोस्त उसे डिफिनिट का नाम से बुलाते हैं। यह उपनाम फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में जिशान कादरी द्वारा निभाए गए डिफिनिट खान के किरदार से आया था। डिफिनिट खान के किरदार से ईशान का चरित्र मिलता है इसलिए लोग उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं। ईशान एडम गिलक्रिस्ट, राहुल द्रविड़ और धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। क्रिकेट के अलावा, ईशान को टेबल टेनिस और बिलियर्ड्स खेलना काफी पसंद है। वैभव सूर्यवंशी सिर्फ 13 साल के हैं बिहार के समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वैभव अभी सिर्फ 13 साल के हैं। वे रणजी ट्रॉफी, हेमन ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी खेल चुके हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वैभव का चयन जूनियर इंडियन क्रिकेट टीम में हो चुका है। वे इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 सीरीज में टीम का हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने महज 58 गेंदों में ही शतक जड़ दिया था। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए थे। इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज बाबर आजम और बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शांतो का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। शांतो ने 14 साल 241 दिन की उम्र में सिलहट में श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ यूथ वनडे क्रिकेट में सेंचुरी जड़ी थी। वहीं, पाकिस्तान के बाबर आजम ने 15 साल 48 दिन में दांबुला में शतक जड़ा था। सचिन से भी कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हाल ही में वैभव ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्राफी में डेब्यू किया था। तब उनकी उम्र सिर्फ 12 साल 9 महीने 14 दिन की थी। वैभव सबसे कम उम्र में रणजी में डेब्यू करने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे कम उम्र में अलीमुद्दीन ने (12 साल, 2 महीने 18 दिन) डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 7 महीने 22 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। 5 साल की उम्र से शुरू किया क्रिकेट खेलना वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि ‘उसका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उसने 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलता रहा। 7 साल की उम्र में मैं उसे समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में ले गया। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर हम उसे पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में भी रन बनाने शुरू कर दिए।’ गर्मी की चिलचिलाती धूप में रोज करता था प्रैक्टिस वैभव समस्तीपुर के पटेल मैदान में प्रैक्टिस करता था। उसके कोच ब्रजेश ने बताया कि ‘वैभव काफी मेहनत करता था। उसका एकेडमी में 5 से 6 घंटे स्पेशल टाइम रहता था। इस दौरान सीनियर भी उसके साथ प्रैक्टिस करते थे। गर्मी के महीने में भी सुबह 10 बजे से शाम 3:30 बजे तक वह अपने सेशन में प्रैक्टिस करता था, जिसका रिजल्ट आज हमें देखने को मिल रहा है। वह जल्दी रेस्ट करते नहीं दिखेगा। हमेशा वह अपने आप को प्रैक्टिस में रखता है।’ रोहतास के आकाश दीप को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 8 करोड़ में खरीदा है बिहार के छोटे से गांव से टीम इंडिया तक पहुंचने वाले आकाश दीप का सफर आसान नहीं था। उन्होंने 16 साल की उम्र में पिता को खोया। उसके 6 महीने के अंदर भाई का भी निधन हो गया। पिता और भाई को खोने के बाद आकाश बहन के साथ दिल्ली चले गए और अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। फिर बंगाल में क्लब क्रिकेट खेला। बाद में घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व भी किया। क्रिकेट में करियर बनाने के लिए आकाश को न केवल अपने परिवार को छोड़ना पड़ा, बल्कि स्टेट भी छोड़ना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन की वजह से उन्हें बंगाल जाना पड़ा। क्रिकेट को अपने दिल में नहीं होने दिया बैन 27 साल के आकाश दीप बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन की वजह से खेल नहीं पाएं पर उन्होंने क्रिकेट को अपने दिल में बैन नहीं होने दिया। उन्हें क्रिकेट में करियर बनाने के लिए न केवल अपने परिवार को बल्कि अपने प्रदेश को भी छोड़ना पड़ा। वह बंगाल चले गए और वहां आसनसोल में अपने रिश्तेदार के घर पर रहकर बंगाल में क्रिकेट खेला और बाद में घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। उनके पिता एक शारीरिक शिक्षक थे, जबकि माता लड्डूमा देवी हाउस वाइफ हैं। उनका परिवार गांव में खेती करता है। 16 साल की उम्र में पिता को खोया फिर हुआ भाई का निधन आकाश दीप ने 16 साल की उम्र में पिता को खोया। उसके 6 महीने के अंदर भाई का भी निधन हो गया। पिता और भाई को खोने के बाद आकाश दीप बहन के साथ दिल्ली चले गए। वहां उदासी से बचने के लिए क्रिकेट खेलने लगे। बाद में एक दोस्त के बुलाने पर वह डिवीजन के ट्रायल देने के लिए बंगाल चले गए। आकाश दीप यूनाइटेड क्लब से खेलने लगे। फिर उन पर बंगाल रणजी टीम के सहायक कोच सौराशीष लाहिरी की नजर पड़ी। उन्होंने आकाश दीप को नेट पर बॉलिंग के लिए बुलाया और आकाश की गेंदबाजी को देखकर बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल कर लिया। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु टीम का रह चुके हैं हिस्सा भारतीय टेस्ट टीम में सेलेक्ट होने से पहले उन्हें साउथ अफ्रीका दौरे पर गई भारतीय वनडे टीम में चुना गया था। लेकिन वे डेब्यू नहीं कर सके। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू कैप मिलने की उम्मीद है। आकाश दीप आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु टीम का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2022 में आरसीबी ने उन्हें 20 लाख रुपए में खरीदा था। उन्होंने 7 आईपीएल मैचों में 6 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने 29 मैचों में 103 विकेट लिए हैं। गोपालगंज के मुकेश को दूसरी बार दिल्ली कैपिटल्स ने खरीदा मुकेश गोपालगंज के सदर प्रखंड के काकड़कुंड गांव के रहने वाले हैं। वे एक साधारण परिवार के ताल्लुक रखते हैं। पिता स्व. काशीनाथ सिंह कोलकाता में टैक्सी चलाते थे और माता गृहणी। मुकेश कुमार गांव में मोहल्ला के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते-खेलते आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं। मुकेश कुमार पहली बार गोपालगंज में अपनी गेंदबाजी का दम दिखाकर चर्चा में आए। उस प्रतियोगिता में सात मैच में एक हैट्रिक सहित 34 विकेट लिए। जिसके बाद गोपालगंज क्रिकेट टीम के सीनियर खिलाड़ी और हेमन ट्रॉफी के जिला क्रिकेट टीम के कप्तान अमित सिंह की उन पर नजर पड़ी और वे जिला टीम में आ गए। आईपीएल के पिछले सीजन में 5.5 करोड़ में दिल्ली कैपिटल्स ने खरीदा था साल 2023 में आईपीएल ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने साढ़े पांच करोड़ रुपए मुकेश को खरीद था। इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स ने एक बार फिर मुकेश कुमार पर भरोसा जताते हुए 8 करोड़ में खरीद लिया है। मुकेश कुमार का प्रदर्शन आईपीएल 2024 में काफी अच्छा था और उनकी गेंदबाजी ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। साल 2022 में इंडिया ए-टीम का बने थे हिस्सा मुकेश कुमार जिला क्रिकेट एसोसिएशन से खेलने के बाद बंगाल में अंडर-19 और बाद में बंगाल के लिए रणजी ट्राफी भी खेला है। इसके बाद उनका चयन इंडिया ए-टीम में साल 2022 में हुआ। इंडिया-ए और न्यूजीलैंड के बीच हुए मैच में उन्होंने 13 ओवर में पांच विकेट लिए और सिर्फ 36 रन दिए। उनके इस बेहतर प्रदर्शन के बाद वे भारतीय टीम का हिस्सा बने। मुकेश भारतीय टीम में तेज गेंदबाज के रूप में पहचान बनाते जा रहे है।

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