वित्त मंत्री के नाम से भेजा गया फर्जी पत्र:लेखपाल ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई

शाहजहांपुर में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र भेजने का मामला सामने आया है। यह पत्र तीन महीने पहले प्रशासनिक अधिकारी को भेजा गया था। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्रों को आवास देने का आरोप लगाया गया था। धोखाधड़ी के मकसद से भेजा गया था फर्जी पत्र 9 सितंबर को सदर एसडीएम को सुरेश खन्ना के नाम से भेजा गया। जिसमें चिनौर गांव में अपात्र लोगों को आवास देने का आरोप था। पत्र की जांच के दौरान लेखपाल ने वित्त मंत्री से संपर्क किया। मंत्री ने इस तरह का कोई पत्र भेजने से इनकार किया। लेखपाल गुरुप्रकाश ने थाना सदर बाजार में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें कहा गया कि यह पत्र मंत्री की छवि खराब करने, ठगी और धोखाधड़ी के मकसद से भेजा गया था। पुलिस ने की कार्रवाई सदर थाना प्रभारी रविंद्र सिंह ने बताया कि फर्जी प्रार्थना पत्र भेजने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि यह पत्र सितंबर में भेजा गया था। लेकिन एफआईआर अब दर्ज की गई है। इस देरी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। एसडीएम सदर से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। फर्जी प्रार्थना पत्र ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह साजिश किसने और क्यों रची?

Nov 26, 2024 - 14:55
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वित्त मंत्री के नाम से भेजा गया फर्जी पत्र:लेखपाल ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई
शाहजहांपुर में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र भेजने का मामला सामने आया है। यह पत्र तीन महीने पहले प्रशासनिक अधिकारी को भेजा गया था। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्रों को आवास देने का आरोप लगाया गया था। धोखाधड़ी के मकसद से भेजा गया था फर्जी पत्र 9 सितंबर को सदर एसडीएम को सुरेश खन्ना के नाम से भेजा गया। जिसमें चिनौर गांव में अपात्र लोगों को आवास देने का आरोप था। पत्र की जांच के दौरान लेखपाल ने वित्त मंत्री से संपर्क किया। मंत्री ने इस तरह का कोई पत्र भेजने से इनकार किया। लेखपाल गुरुप्रकाश ने थाना सदर बाजार में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें कहा गया कि यह पत्र मंत्री की छवि खराब करने, ठगी और धोखाधड़ी के मकसद से भेजा गया था। पुलिस ने की कार्रवाई सदर थाना प्रभारी रविंद्र सिंह ने बताया कि फर्जी प्रार्थना पत्र भेजने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि यह पत्र सितंबर में भेजा गया था। लेकिन एफआईआर अब दर्ज की गई है। इस देरी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। एसडीएम सदर से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। फर्जी प्रार्थना पत्र ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह साजिश किसने और क्यों रची?

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