​​​​​​​अम्बेडकरनगर में संचालित नहीं हो रहे पीडियाट्रिक वार्ड के वेंटिलेटर:मैन पवार की कमी से नहीं हो रहा संचालित, पत्राचार के बावजूद नहीं मिल रहा स्टाफ

अम्बेडकरनगर जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पीडियाट्रिक वार्ड मे 10 वेंटिलेटर लगे हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के कारण इसका संचालन नहीं हो पा रहा है, जिससे जिला अस्पताल आने वाले गंभीर मरीजों को दूसरी जगह रेफर किया जाता है। स्टॉफ के लिए विभाग को कई बार पत्र भेजे गए, लेकिन अभी तक तैनाती को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। मैन पवार की कमी से नहीं हो रहा संचालित, पत्राचार के बावजूद नहीं मिल रहा स्टाफ कोरोना संक्रमण के दौरान 2020 में कई चरण में जिला अस्पताल को 10 वेंटिलेटर दिए गए थे, उस समय मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर को लेकर समूचे प्रदेश में अफरातफरी की स्थिति थी। मरीजों की जान बचाने के लिए शासन ने गंभीरता दिखाते हुए यहां दस वेंटिलेटर भेजे। इसके लिए उस समय कुछ लोगों को प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी संचालन नहीं हो पाया। वेंटीलेटर मशीनें जिला अस्पताल शो पीस बनी कोरोना का दौर गुजरने के करीब चार साल बाद भी अब तक इसके लिए विधिवत स्टाफ की तैनाती नहीं हो पाई है, जिससे वेंटीलेटर मशीनें जिला अस्पताल शो पीस बनी है। इन मशीनों के संचालन के लिए तीन कॉर्डियोलॉजिस्ट, एक एनेस्थेटिस्ट, चार स्टाफ नर्स, चार मेडिकल ऑफीसर व चार लैब टेक्नीशियन की जरूरत है। इसके लिए जिला अस्पताल से प्रस्ताव तो कई बार गए, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। लोगों का कहना है कि स्टाफ की तैनाती कर यदि वेंटिलेटर क्रियाशील कर दिया जाए तो गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। जिला अस्पताल के सीएमएस ओम प्रकाश ने बताया कि वेंटिलेटर के संचालन को लेकर कई बार पत्राचार किया गया है। स्टाफ की कमी की वजह से इसका संचालन नहीं हो पा रहा है।

Nov 10, 2024 - 08:20
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​​​​​​​अम्बेडकरनगर में संचालित नहीं हो रहे पीडियाट्रिक वार्ड के वेंटिलेटर:मैन पवार की कमी से नहीं हो रहा संचालित, पत्राचार के बावजूद नहीं मिल रहा स्टाफ
अम्बेडकरनगर जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पीडियाट्रिक वार्ड मे 10 वेंटिलेटर लगे हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के कारण इसका संचालन नहीं हो पा रहा है, जिससे जिला अस्पताल आने वाले गंभीर मरीजों को दूसरी जगह रेफर किया जाता है। स्टॉफ के लिए विभाग को कई बार पत्र भेजे गए, लेकिन अभी तक तैनाती को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। मैन पवार की कमी से नहीं हो रहा संचालित, पत्राचार के बावजूद नहीं मिल रहा स्टाफ कोरोना संक्रमण के दौरान 2020 में कई चरण में जिला अस्पताल को 10 वेंटिलेटर दिए गए थे, उस समय मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर को लेकर समूचे प्रदेश में अफरातफरी की स्थिति थी। मरीजों की जान बचाने के लिए शासन ने गंभीरता दिखाते हुए यहां दस वेंटिलेटर भेजे। इसके लिए उस समय कुछ लोगों को प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी संचालन नहीं हो पाया। वेंटीलेटर मशीनें जिला अस्पताल शो पीस बनी कोरोना का दौर गुजरने के करीब चार साल बाद भी अब तक इसके लिए विधिवत स्टाफ की तैनाती नहीं हो पाई है, जिससे वेंटीलेटर मशीनें जिला अस्पताल शो पीस बनी है। इन मशीनों के संचालन के लिए तीन कॉर्डियोलॉजिस्ट, एक एनेस्थेटिस्ट, चार स्टाफ नर्स, चार मेडिकल ऑफीसर व चार लैब टेक्नीशियन की जरूरत है। इसके लिए जिला अस्पताल से प्रस्ताव तो कई बार गए, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। लोगों का कहना है कि स्टाफ की तैनाती कर यदि वेंटिलेटर क्रियाशील कर दिया जाए तो गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। जिला अस्पताल के सीएमएस ओम प्रकाश ने बताया कि वेंटिलेटर के संचालन को लेकर कई बार पत्राचार किया गया है। स्टाफ की कमी की वजह से इसका संचालन नहीं हो पा रहा है।

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