आजमगढ़ में दीपावली को लेकर 150 बेड आरक्षित:CMO बोले डाक्टरों की छुटि्टयां की गई निरस्त, 24 घंटे अस्पतालों में रहेंगे डाक्टर और कर्मचारी

दीपावली के त्योहार में पटाखों से जलने की प्रति वर्ष बड़ी मात्रा में घटनाएं होती हैं। ऐसे में आजमगढ़ का स्वास्थ्य विभाग इन दुर्घटनाओं से निपटने की तैयारियां पूरी कर चुका है। आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में बर्निंग विभाग में 13 बेड आरक्षित किए हैं। इसके साथ ही जिले के तीन 100 शैय्या अस्पतालों में प्रत्येक में पांच-पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ जिले के 31 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी चार-चार बेड आरक्षित किए गए हैं। जिससे जिले में यदि आग से घायल मरीज आएं तो उनका बेहतर ढंग से उपचार किया जा सके। इस बात की पुष्टि दैनिक भास्कर से बाचतीत करते हुए आजमगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अशोक कुमार ने की। निरस्त की गई डाक्टरों की छुट्टियां दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि दीपावली के त्यौहार में पटाखों से जलने की घटनाएं होती हैं। ऐसे में हम लोगों ने अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए पहले से ही तैयारी कर ली है। इसके तहत आजमगढ़ के मंडलीय चिकित्सालय में 13 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिले के तीन 100 शैय्या अस्पताल में प्रत्येक में पांच पांच बेड के साथ जितने भी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है वहां पर चार-चार बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिले के सभी डॉक्टरों की छुट्टियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इन डॉक्टरों को 24 घंटे अपने ड्यूटी स्थलों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के सभी अस्पतालों और सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त दवाएं और इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में रखे गए हैं जिससे घटनाओं से निपटा जा सके। लगभग 55 लाख की आबादी वाले इस जिले में एक मंडलीय अस्पताल, एक मेडिकल कॉलेज, तीन 100 शैय्या के अस्पताल और 31 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जहां पर जिले की जनता का इलाज होता है।

Oct 31, 2024 - 04:15
 51  501.8k
आजमगढ़ में दीपावली को लेकर 150 बेड आरक्षित:CMO बोले डाक्टरों की छुटि्टयां की गई निरस्त, 24 घंटे अस्पतालों में रहेंगे डाक्टर और कर्मचारी
दीपावली के त्योहार में पटाखों से जलने की प्रति वर्ष बड़ी मात्रा में घटनाएं होती हैं। ऐसे में आजमगढ़ का स्वास्थ्य विभाग इन दुर्घटनाओं से निपटने की तैयारियां पूरी कर चुका है। आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में बर्निंग विभाग में 13 बेड आरक्षित किए हैं। इसके साथ ही जिले के तीन 100 शैय्या अस्पतालों में प्रत्येक में पांच-पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ जिले के 31 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी चार-चार बेड आरक्षित किए गए हैं। जिससे जिले में यदि आग से घायल मरीज आएं तो उनका बेहतर ढंग से उपचार किया जा सके। इस बात की पुष्टि दैनिक भास्कर से बाचतीत करते हुए आजमगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अशोक कुमार ने की। निरस्त की गई डाक्टरों की छुट्टियां दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि दीपावली के त्यौहार में पटाखों से जलने की घटनाएं होती हैं। ऐसे में हम लोगों ने अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए पहले से ही तैयारी कर ली है। इसके तहत आजमगढ़ के मंडलीय चिकित्सालय में 13 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिले के तीन 100 शैय्या अस्पताल में प्रत्येक में पांच पांच बेड के साथ जितने भी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है वहां पर चार-चार बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिले के सभी डॉक्टरों की छुट्टियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इन डॉक्टरों को 24 घंटे अपने ड्यूटी स्थलों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के सभी अस्पतालों और सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त दवाएं और इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में रखे गए हैं जिससे घटनाओं से निपटा जा सके। लगभग 55 लाख की आबादी वाले इस जिले में एक मंडलीय अस्पताल, एक मेडिकल कॉलेज, तीन 100 शैय्या के अस्पताल और 31 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जहां पर जिले की जनता का इलाज होता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow