आरजी कर हॉस्पिटल वित्तीय गड़बड़ी केस- CBI की चार्जशीट नामंजूर:राज्य सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं थी; पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष मुख्य आरोपी
आरजी कर हॉस्पिटल में वित्तीय गड़बड़ी मामले में CBI की चार्जशीट कोर्ट ने शुक्रवार को नामंजूर कर दी। राज्य सरकार के किसी कर्मचारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए जरूरी मंजूरी उपलब्ध न होने की वजह से CBI की विशेष अदालत चार्जशीट स्वीकार नहीं की। जांच एजेंसी ने मामले में पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को मुख्य आरोपी बनाया है। एक अधिकारी ने बताया कि 100 पन्नों की चार्जशीट में अन्य चार गिरफ्तार आरोपियों - बिप्लब सिंह, अफसर अली, सुमन हाजरा और आशीष पांडे के नाम भी शामिल हैं। CBI ने जांच से जुड़े करीब एक हजार पन्नों के दस्तावेज भी जमा किए हैं। चर्चा में रहे कोलकाता रेप और मर्डर केस के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष पर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे थे। उन पर आरोप था कि अस्पताल के लिए मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने के टेंडर में में हेराफेरी की। साथ ही अपने करीबियों को इसके टेंडर दिलाने में मदद की। संदीप घोष को भ्रष्टाचार मामले में CBI ने 16 अगस्त, 2024 को हिरासत में लेकर 24 अगस्त को उसके खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी का मामला दर्ज किया था। CBI ने यह कार्रवाई कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर की थी। इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने 28 अगस्त को घोष की सदस्यता सस्पेंड कर दी थी। CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे... CBI की जांच में सामने आया- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया CBI जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन (10 अगस्त, 2024) ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था। CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले, जिनसे पुष्टि होती है कि घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कैमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन का काम रोक दिया गया। जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है। हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी मिली थी आरजी कर हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। वह नाइट ड्यूटी पर थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। डॉक्टर की बॉडी के पास एक हेडफोन मिला था। पुलिस ने इस केस में कोलकाता पुलिस में काम करने वाले सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। CCTV कैमरे में संजय इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था। तब उसके गले में हेडफोन था। हालांकि, बिल्डिंग से बाहर निकलते समय उसके गले में हेडफोन नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ट्रेनी डॉक्टर से बर्बरता का खुलासा पुलिस ने 12 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट से पता चला था कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर का गला और मुंह दबाकर हत्या की थी। चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर का बुरी तरह शोषण किया था। ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। आरोपी ने डॉक्टर आवाज दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। डॉक्टर की सिर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया। चश्मे का शीशा टूटकर उनकी आंखों में घुस गए। ट्रेनी डॉक्टर की दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से काफी ब्लीडिंग हुई थी।
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