इटावा सरकारी अस्पताल में नहीं फायर NOC:सिलेंडर के भरोसे व्यवस्थाएं, तीन करोड़ की लागत से लगेंगे फायर एग्जीक्यूटर

झांसी के अस्पताल में एसएनसीयू में एक दर्जन नवजात बच्चों की मौत के बाद पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सभी जिलों में फायर डिपार्टमेंट को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सरकारी और गैरसरकारी संस्थान में निरीक्षण और जांच करने के भी निर्देश मिले हैं। इटावा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में अग्निशमन यंत्रों के नाम पर महज फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) के सहारे सारी व्यवस्था चल रही है। इस घटना के बाद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग और दमकल विभाग की टीम ने निरीक्षण भी किया था। करीब 29 वर्षों से संचालित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय के पास फायर एनओसी भी नहीं हैं। जबकि प्रतिदिन तीन से पांच हजार मरीज और उनके तीमारदारों का आना जाना रहता है। हालांकि जिला अस्पताल में फायर संबंधित उपकरण लगाने के लिए पूर्व में ही शासन ने 3 करोड़ बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें करीब सवा करोड़ की राशि कार्यदायी संस्था को हस्तांतरित भी किया जा चुका है। लेकिन इसका कार्य कार्यदायी संस्था कब शुरू करेगी इसका फिलहाल पता नहीं है। इटावा जिले का डॉ भीमराव अम्बेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में अब तक फायर डिपार्टमेंट की एनओसी नहीं मिली है। झांसी में हुए अस्पताल में हादसे के बावजूद भी जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र नहीं लगे है। आग से सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) पर ही फिलहाल निर्भर है। हालांकि जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र लगाने और फायर एनओसी लेने के लिए शासन से करीब 3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। इसमें 124 लाख रुपये कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित भी कर दिए गए हैं। लेकिन कार्यदायी साथ यूपीसीएल ने अब तक कोई कार्य शुरू नहीं किया है। जिला अस्पताल में वाटर टैंक, हाईडेंट प्वाइंट, ऑटोमेटिक मशीन, अलार्म सिस्टम, स्मोक सिस्टम आदि मशीन लगवाई जाएगी। 3 करोड़ का लगेगा फायर सिस्टम संयुक्त जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएम आर्या ने बताया कि अस्पताल में फायर सिस्टम के लिए शासन से यूपीसीएल को कार्य दिया है। इस कार्य के लिए करीब 3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। सीएमएस ने बताया कि झांसी की घटना से एक सप्ताह पहले ही शासन ने कार्यदायी संस्था को 124 लाख का बजट कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित कर दिया है। अग्निशमन यंत्र लगाए जाने के लिए कार्यदाई संस्था को पत्र भी लिखा जा चुका हैं। फिलहाल हमारे अस्पताल में जितने फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) होना चाहिए उससे अधिक मात्रा में लगे हुए है। उन्होंने बताया एसएनसीयू वार्ड के अलावा जिला अस्पताल में संवेदनशील वार्ड व जरूरत वाले स्थानों पर 15 नए अग्निशामन यंत्रों को लगाया गया है। आने वाले समय में इन अग्निशामकन यंत्रों को और लगवाया जाएगा।

Nov 28, 2024 - 10:50
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इटावा सरकारी अस्पताल में नहीं फायर NOC:सिलेंडर के भरोसे व्यवस्थाएं, तीन करोड़ की लागत से लगेंगे फायर एग्जीक्यूटर
झांसी के अस्पताल में एसएनसीयू में एक दर्जन नवजात बच्चों की मौत के बाद पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सभी जिलों में फायर डिपार्टमेंट को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सरकारी और गैरसरकारी संस्थान में निरीक्षण और जांच करने के भी निर्देश मिले हैं। इटावा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में अग्निशमन यंत्रों के नाम पर महज फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) के सहारे सारी व्यवस्था चल रही है। इस घटना के बाद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग और दमकल विभाग की टीम ने निरीक्षण भी किया था। करीब 29 वर्षों से संचालित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय के पास फायर एनओसी भी नहीं हैं। जबकि प्रतिदिन तीन से पांच हजार मरीज और उनके तीमारदारों का आना जाना रहता है। हालांकि जिला अस्पताल में फायर संबंधित उपकरण लगाने के लिए पूर्व में ही शासन ने 3 करोड़ बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें करीब सवा करोड़ की राशि कार्यदायी संस्था को हस्तांतरित भी किया जा चुका है। लेकिन इसका कार्य कार्यदायी संस्था कब शुरू करेगी इसका फिलहाल पता नहीं है। इटावा जिले का डॉ भीमराव अम्बेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में अब तक फायर डिपार्टमेंट की एनओसी नहीं मिली है। झांसी में हुए अस्पताल में हादसे के बावजूद भी जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र नहीं लगे है। आग से सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) पर ही फिलहाल निर्भर है। हालांकि जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र लगाने और फायर एनओसी लेने के लिए शासन से करीब 3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। इसमें 124 लाख रुपये कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित भी कर दिए गए हैं। लेकिन कार्यदायी साथ यूपीसीएल ने अब तक कोई कार्य शुरू नहीं किया है। जिला अस्पताल में वाटर टैंक, हाईडेंट प्वाइंट, ऑटोमेटिक मशीन, अलार्म सिस्टम, स्मोक सिस्टम आदि मशीन लगवाई जाएगी। 3 करोड़ का लगेगा फायर सिस्टम संयुक्त जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएम आर्या ने बताया कि अस्पताल में फायर सिस्टम के लिए शासन से यूपीसीएल को कार्य दिया है। इस कार्य के लिए करीब 3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। सीएमएस ने बताया कि झांसी की घटना से एक सप्ताह पहले ही शासन ने कार्यदायी संस्था को 124 लाख का बजट कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित कर दिया है। अग्निशमन यंत्र लगाए जाने के लिए कार्यदाई संस्था को पत्र भी लिखा जा चुका हैं। फिलहाल हमारे अस्पताल में जितने फायर एक्टिंगविशर (सिलेंडर) होना चाहिए उससे अधिक मात्रा में लगे हुए है। उन्होंने बताया एसएनसीयू वार्ड के अलावा जिला अस्पताल में संवेदनशील वार्ड व जरूरत वाले स्थानों पर 15 नए अग्निशामन यंत्रों को लगाया गया है। आने वाले समय में इन अग्निशामकन यंत्रों को और लगवाया जाएगा।

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