उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त निर्देश जारी किए

उत्तराखंड की धामी सरकार अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। प्रदेश में सैंकड़ों अवैध मदरसों को सील किया गया है, जिनमें हरिद्वार के कई मदरसे भी शामिल…

Jul 29, 2025 - 18:27
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त निर्देश जारी किए
उत्तराखंड की धामी सरकार अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। प्रदेश में सैंकड़ों अवैध म

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त निर्देश जारी किए

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की धामी सरकार ने अवैध मदरसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। लाखों की जनसंख्या वाला यह राज्य अब अवैध मदरसों पर नकेल कसने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। हाल ही में, सैंकड़ों मदरसों को बंद किया गया है, जिनमें हरिद्वार के कई मदरसे भी शामिल हैं। इस विषय में उच्च न्यायालय ने जारी किए हैं सख्त आदेश, जो सरकार और न्यायालय दोनों की सख्त मंशा को दर्शाते हैं।

उत्तराखंड में अवैध मदरसों की स्थिति

उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों में अवैध मदरसों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली थी। पिछले कुछ सालों में कई मदरसे ऐसे भी पाए गए, जो बिना किसी विधिक पंजीकरण के चल रहे थे। यह स्थिति गंभीर थी क्योंकि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। ताकि इन समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सके, उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने अवैध मदरसों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है।

उच्च न्यायालय की सख्त कार्रवाई

कुछ मदरसों द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसके बाद 29 जुलाई को न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की अध्यक्षता में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में न्यायालय ने यह आदेश दिया कि सभी अवैध मदरसे तत्काल प्रभाव से बंद किए जाएं। न्यायालय ने यह भी निर्देशित किया कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता दोनों बनाए जाएं।

सरकार की प्रतिक्रिया

यह कार्रवाई शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए की गई है ताकि हर बच्चे को समान और सुरक्षित शिक्षा मिल सके। धामी सरकार ने वादा किया है कि जिन मदरसों का पंजीकरण वैध है, वे फुलप्रूफ नियमों का पालन करें। इसके साथ ही, किसी भी प्रकार की आवाज उठाने पर उसे सुनने का आश्वासन भी दिया गया है। यह प्रयास सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि यह समाज में बेहतर शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

संविधानिक अधिकारों और सुरक्षा का प्रयास

उत्तराखंड उच्च न्यायालय का यह आदेश शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा है, बल्कि यह संविधान के अधिनियमों और अधिकारों की रक्षा का भी प्रयास है। उम्मीद की जाती है कि इस कार्रवाई से शिक्षा में खुलापन और गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे भविष्य में ऐसी समस्याएं उत्पन्न न हों।

निष्कर्ष

अवैध मदरसों के खिलाफ उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा की गुणवत्ता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह राज्य के विकास के लिए आवश्यक है कि सभी बच्चे सुरक्षित ढंग से शिक्षा प्राप्त करें। ऐसे अधिकारियों का ठोस कार्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिससे आने वाले समय में सुधार की संभावना बढ़ती है।

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