उत्तराखंड में बरसाती गदेरे में बहे 05 बच्चे, 03 का सफल रेस्क्यू, 02 अस्पताल में भर्ती
Corbetthalchal एसडीआरएफ उत्तराखण्ड पुलिस जनपद चमोली, पुलिस चौकी गौचर क्षेत्रान्तर्गत पनाई गांव में बरसाती गदेरे में बहे 05 बच्चे, 03 बच्चों का सकुशल रेस्क्यू, 02 अन्य को बेहोशी की हालत…

उत्तराखंड में बरसाती गदेरे में बहे 05 बच्चे, 03 का सफल रेस्क्यू, 02 अस्पताल में भर्ती
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लेखक: अंजलि पुनेठा, सुमन रावत, टीम India Twoday
भयावह घटना का विवरण
उत्तराखंड के चमोली जनपद में एक बार फिर से एक भयावह घटना घटी है। 14 जुलाई 2025 को, पुलिस चौकी गौचर के अंतर्गत पनाई गांव के निकट स्थित एक बरसाती गदेरा अचानक उफान पर आ गया, जिसमें कुल 05 बच्चे बह गए। जब तक मदद पहुँचती, तब तक स्थानीय लोगों ने अपनी तरफ से प्रयास शुरू कर दिए थे। एसडीआरएफ द्वारा सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की गई, जिसके चलते 03 बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया जबकि 02 अन्य बच्चों को गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुँचाया गया।
स्थिति का त्वरित आकलन
घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की एक सब-टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुँची। प्राप्त विवरणों के अनुसार, बच्चे गदरे के किनारे खेल रहे थे, तभी अचानक बारिश होने लगी और पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर बचाव कार्य में तेजी दिखाई।
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलताएँ
रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय बचाव दल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्चों को सही समय पर निकालना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन एसडीआरएफ और स्थानीय समुदाय के प्रयासों ने इसे संभव बनाया। 03 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि अन्य 02 बच्चों को गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी देखभाल के लिए तत्पर है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।
बचाव कार्य के बाद के उपाय
इस प्रकार की घटनाओं ने कई सवाल खड़े किए हैं। बारिश के मौसम में स्थानीय प्रशासन को ऐसी स्थितियों का सामना करने के लिए क्या सही प्रबंधन करना चाहिए? स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए उचित उपाय किए जाएंगे। नागरिकों के सहयोग की भी आवश्यकता है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समाज के प्रति से एक अपील
इस प्रकार की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए। बारिश के मौसम में बच्चों को हमेशा सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए और खेल-कूद के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। स्थानीय समुदाय का सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण होता है, और हमें एक-दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
निष्कर्ष
इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा की महत्ता को उजागर किया है। यह सभी नागरिकों और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझें और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। हम सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में हुई इस घटना ने हमें यह सिखाया है कि बच्चों की सुरक्षा अनिवार्य है और हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सभी को सक्रिय रहना होगा। अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें।
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