उत्तराखंड में हवाई सेवा के विस्तार पर केंद्रीय मंत्री से चर्चा करते मुख्यमंत्री धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से भेंट कर राज्य में विमानन क्षेत्र के विकास, हवाई सम्पर्क में सुधार एवं पर्यटन को नई गति देने से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य को विमानन क्षेत्र में मिले सहयोग के […]

उत्तराखंड में हवाई सेवा के विस्तार पर केंद्रीय मंत्री से चर्चा करते मुख्यमंत्री धामी
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से राज्य में हवाई सेवाओं के विस्तार पर महत्वपूर्ण चर्चा की।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में विमानन क्षेत्र के विकास, हवाई संपर्क में सुधार, और पर्यटन को नई गति देने पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चर्चा राज्य के लिए विमानन क्षेत्र में नए अवसरों की शुरुआत कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने राज्य को विमानन क्षेत्र में जो सहयोग मिला है, उसके लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विेशेष रूप से “हाउस ऑफ हिमालयाज” नामक ब्रांड के तहत राज्य के हवाई अड्डों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कियोस्क स्थापित करने की पहल की प्रशंसा की। यह कदम उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगी।
चारधाम यात्रा के लिए नई हेली सेवा
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री को अगली चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं के पुनर्जीवित किए जाने की योजना से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ये सेवाएं विशेषकर बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। राज्य और केंद्रीय सरकार के संबंधित विभागों के बीच इस विषय पर समन्वय जारी है। पिछले महीने की एक उच्चस्तरीय बैठक में हेली सेवाओं के संचालन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेली सेवाओं का संचालन यात्रा को सहज बनाएगा और सड़कों पर आने वाले दबाव को कम करेगा।
राज्य की विशेष भौगोलिक स्थिति
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखंड का 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है। पर्वतीय जिलों में हवाई संपर्क न केवल आवश्यक है बल्कि यह पर्यटन, नागरिक आवागमन, और आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने गौचर (चमोली) और चिन्यालीसौड़ (उत्तरकाशी) हवाई पट्टियों को छोटे विमानों के लिए विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इन पट्टियों को दिल्ली, देहरादून और हिंडन से जोड़ने का अनुरोध किया। इससे चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को भी सरलता मिलेगी।
जौलीग्रांट हवाई अड्डे का विस्तार
मुख्यमंत्री ने जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर रात्रिकालीन हवाई सेवा शुरू करने की भी मांग की ताकि अधिकतम यात्रियों को इसके लाभ मिल सकें। उन्होंने पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार पर भी चर्चा की और बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए अधिकांश आवश्यक कार्य पूरे कर लिए हैं। उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से शीघ्र कार्य शुरू करने का अनुरोध किया।
नियमित हवाई सेवाओं की अत्यावश्यकता
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए नियमित हवाई सेवा शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की। उन्होंने बताया कि यह राज्य के पर्यटन के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी होगी। चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टी का निरीक्षण कर हवाई सेवा संचालित करने के लिए संकल्प लेने की भी उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से अपील की।
आखिर में, मुख्यमंत्री ने उपरोक्त सभी प्रस्तावों को प्राथमिकता देते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
ये सभी चर्चाएँ राज्य के हवाई परिवहन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण रहने वाली हैं और यह उत्तराखंड के विकास में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती हैं।
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— टीम इंडिया टुडे, प्रियंका।
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