उत्त्तराखंड में आपदा: बादल फटने से 5 की जान गई, 11 लापता, विधायक भी बचे
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाया।... The post गढ़वाल से कुमाऊं तक आपदा की मार, बादल फटने से 5 लोगों की मौत, 11 लापता, उफनते नाले में बहने से बाल बाल बचे विधायक appeared first on Uttarakhand Raibar.
उत्त्तराखंड में आपदा: बादल फटने से 5 की जान गई, 11 लापता, विधायक भी बचे
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में गढ़वाल से कुमाऊं तक मानसून ने एक बार फिर अपनी भयंकरता से लोगों को हिला कर रख दिया है। बादल फटने के कारण कई क्षेत्रों में तबाही मच गई है। इस आपदा में 5 लोगों की जान चली गई है और 11 लोग लापता हैं। जबकि मवेशियों की भी संख्या में भारी नुक़सान हुआ है।
प्रदेश के रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और टिहरी जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ियों में नदियों का जल स्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जिससे कई स्थानों पर उफान आ गया है। यह स्थिति और गंभीर होती जा रही है।
बागेश्वर में 2 की मौत, विधायक बाल-बाल बचे
बागेश्वर के कपकोट तहसील के पौसारी गांव में भारी बरसात के बाद बादल फटने से 6 मकान प्रभावित हुए हैं। इस त्रासदी में दो महिलाओं, बसंती देवी और बचुली देवी की मौत हो गई। दुर्घटना में 3 लोग अभी भी लापता हैं। घायलों को चिकित्सालय में भर्ती किया गया है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
इसी बीच, कपकोट के विधायक सुरेश गढ़िया भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे। अचानक वे उफनते नाले में फंस गए, जिससे उनकी जान संकट में आ गई। विधायक ने किसी तरह अपनी जान बचाई, जबकि उनके गनर को एसडीआरएफ के जवानों ने सकुशल निकाल लिया। यह घटना स्वयं में इस आपदा की गंभीरता को दर्शाती है।
रुद्रप्रयाग में मची तबाही
रुद्रप्रयाग के कई क्षेत्रों जैसे बसुकेदार, छेनागाड़, तालजमाण और स्यूंर अरखुंड में बादल फटने और भारी बारिश ने गंभीर तबाही मचाई है। जखोली क्षेत्र में एक महिला, सरिता देवी की मलबे में दबने से मौत हो गई है, और छेनागाड़ में 8 लोग लापता बताये जा रहे हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि लंबी सड़कें ध्वस्त हो गई हैं और कई मवेशियों की लापता होने की खबरें भी हैं।
चमोली में कहर
चमोली जिले के मोपाटा गांव में बादल फटने के कारण भूस्खलन की स्थितियां बन गई हैं। मलबे के कारण दो लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक पति और पत्नी शामिल हैं। गंभीर रूप से घायल लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। वहीं टिहरी के बूढ़ाकेदार इलाके में भी भारी बारिश ने प्रकोप बरपाया है, जिससे जल स्तर बढ़ने लगा है।
युवाओं की भूमिका और राहत कार्य
आपदा के समय स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों ने राहत कार्य में सक्रियता दिखाई है। इन युवाओं ने जी-जान से राहत सामग्री इकट्ठा कर प्रभावित लोगों की सहायता की है। सोशल मीडिया पर भी राहत सामग्री जुटाने की अपीलें चल रही हैं। इस समय यह सक्रियता मानवता का अद्भुत उदाहरण पेश कर रही है।
निष्कर्ष
इस आपदा ने क्षेत्र के जनजीवन को भयावह रूप से प्रभावित किया है। यह सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर प्रश्न खड़ा करता है कि इसके लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। प्रशासन को तत्परता से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदियों से बचा जा सके। प्रभावितों की सहायता हेतु प्रदेश सरकार को जल्द ही उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
इस कठिन समय में सभी नागरिकों से अपील है कि वे सावधानी बरतें और स्थानीय प्रशासन की गाइडलाइन्स को ध्यान में रखें। ऐसा करने से हम सभी मिलकर इस संकट का सामना कर सकेंगे।
हमारी टीम, India Twoday
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