उदयनिधि स्टालिन का साउथ-नॉर्थ फिल्म पर बयान:कहा- बॉलीवुड के अलावा नॉर्थ इंडिया में साउथ की तरह फिल्म इंडस्ट्री नहीं
तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने साउथ और नॉर्थ इंडिया की फिल्म इंडस्ट्री की तुलना की है। उन्होंने कोझिकोड में आयोजित साहित्य महोत्सव में कहा- बॉलीवुड के अलावा किसी भी उत्तरी भारत के राज्य में दक्षिण भारत की तरह फिल्म इंडस्ट्री नहीं है। ये कार्यक्रम 2 नवंबर को हुआ था। उदयनिधि ने कहा- तमिल फिल्म इंडस्ट्री अब अरबों डॉलर का रेवेन्यू जनरेट कर रही है। केरल, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा भी फल-फूल रहा है। लेकिन क्या उत्तर भारत में किसी भाषा की फिल्म इंडस्ट्री हमारे जितनी है? इसका उत्तर है 'नहीं'। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड ने उत्तरी राज्यों के छोटे फिल्म उद्योगों को काफी हद तक पीछे छोड़ दिया है। मुंबई में अब बड़े पैमाने पर हिंदी फिल्में बनती हैं, जबकि मराठी, भोजपुरी, बिहारी, हरियाणवी और गुजराती सिनेमा को बहुत कम तवज्जो मिलती है। कई उत्तरी राज्यों में तो अपना खुद की फिल्म इंडस्ट्री भी नहीं है। 1950 के दशक को याद करते हुए उदयनिधि ने कहा कि तमिल सिनेमा उस समय काफी हद तक संस्कृत वाला था। मुख्य रूप से हाई क्लास और संपन्न दर्शकों के लिए सुलभ था। बीजेपी ने कहा- उदयनिधि को जानकारी नहीं तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष एन तिरुपति ने कहा कि उदयनिधि असफल अभिनेता और असफल फिल्म पर्सनेलिटी हैं। उन्हें नहीं पता कि उनकी अपरिपक्वता और ज्ञान की कमी के कारण वे इस तरह की बातें करते हैं। भाषा के नाम पर ये लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। तिरुपति ने कहा कि तमिल फिल्मों से रेड जायंट फिल्म्स (उदयनिधि स्टालिन की प्रोडक्शन कंपनी) हिंदी वर्जन भी बना रही है और खूब पैसा कमा रही है। पैसा कमाने के लिए वे हिंदी चाहते हैं और सत्ता में बने रहना चाहते हैं, वे नहीं चाहते कि लोग हिंदी सीखें। सनातन विरोधी बयान पर उदयनिधि बोले- माफी नहीं मांगूंगा उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर 2023 को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। बयान देने के 4 दिन बाद यानी 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा था, 'मैं किसी भी धर्म का दुश्मन नहीं हूं। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा था कि मैं हिंदू धर्म नहीं सनातन प्रथा के खिलाफ हूं। तमिलनाडु में पिछले 100 सालों से सनातन धर्म के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हम अगले 200 सालों तक भी इसके खिलाफ बोलना जारी रखेंगे। अतीत में कई मौकों पर अंबेडकर, पेरियार भी इसके बारे में बोलते रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने से इनकार किया था। उन्होंने चेन्नई में एक इवेंट में कहा था कि मैंने सनातन को लेकर वही बातें कहीं, जो पेरियार, अन्नादुराई और करुणानिधि भी कहते थे। उदयनिधि ने कहा था कि मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। तमिलनाडु समेत देशभर में कई कोर्ट केस भी हुए। मुझे माफी मांगने के लिए भी कहा गया, लेकिन मैं कलैगनार (कला के विद्वान) का पोता हूं। मैं माफी नहीं मांगूंगा। मेरी टिप्पणियों का उद्देश्य महिलाओं के प्रति कथित दमनकारी प्रथाओं को बताना था। हिंदू धर्म में महिलाओं को पढ़ने की अनुमति नहीं थी। वे अपने घर से बाहर नहीं जा सकती थीं और अगर उनके पति मर जाएं तो उन्हें भी मरना पड़ता था। पेरियार ने इन सबके खिलाफ आवाज उठाई थी। पूरी खबर पढ़ें... ................................... स्टालिन के 2 विवादित बयान
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