एसटी हसन बोले-पुलिस ने ही चलाईं देसी तमंचों से गोलियां:सांसद बर्क पर FIR पर कहा-लोकतंत्र खत्म, हिटलरशाही दोबारा वापस आई; मौतों की CBI जांच हो

मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने संभल हिंसा में सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर FIR लिखे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुरादाबाद में एसटी हसन ने कहा कि, पुलिस प्रशासन की वजह से हिंसा हुई और इल्जाम सांसद बर्क और संभल के विधायक के बेटे पर डाल दिया। पूर्व सपा सांसद ने कहा कि संभल के हालात देखकर ये महसूस हो रहा है कि लोकतंत्र खत्म हो चुका है और हिटलरशाही दोबारा से वापस आ गई है। कमिश्नर आन्जनेय सिंह ने कुछ देर पहले ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों की मौत देसी तमंचों से चली गोली से हुई है। इस पर सांसद ने कहा कि पुलिस ने ही देसी तमंचों से भीड़ पर गोली चलाई होगी। हसन ने ये भी कहा कि ऐसी भीड़ पर पुलिस कभी अपने सर्विस हथियारों से गोली नहीं चलाती। बल्कि 12 बोर और 315 बोर के देसी तमंचों से ही गोली चलाती है। हसन बोले-दोबारा सर्वे करने गए ही क्यों थे एसटी हसन ने कहा कि, 19 नवंबर को टीम सर्वे करके आ गई थी। फिर दोबारा से सर्वे करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर माहौल को खराब किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि जिस दिन याचिका पड़ती है उसी दिन कोर्ट सर्वे के आदेश कर देता है और 2 घंटे बाद ही प्रशासन सर्वे कराने जामा मस्जिद पहुंच जाता है। इससे समझा जा सकता है कि सबकुछ पूर्व नियोजित है और मुस्लिमों पर कड़ी कार्रवाई करके ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दी जा रही है। CBI जांच हो, दोषियों को सजा मिले एसटी हसन ने कहा, संभल हिंसा में हुई मौतों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में जो भी दोषी निकले उसे सजा दी जाए, चाहे वो प्रशासन हो या भीड़ में शामिल लोग। उन लोगों को भी सजा दी जाए जिन्होंने मस्जिद के पास दूसरे धर्म के नारे लगाए। पूर्व सांसद ने कहा कि जिस तरह टीम सुबह-सुबह सर्वे करने पहुंची थी उससे लोगों में ये अफवाह फैली थी कि जामा मस्जिद में मूर्तियां रख दी गई हैं। इन अफवाहों को प्रशासन भी काबू नहीं कर सका और बेकाबू भीड़ मस्जिद पर उमड़ पड़ी। विधायक के बेटे ने समझाने की कोशिश की, उन पर भी लिख दी FIR एसटी हसन ने कहा कि पुलिस ने भीड़ पर सीधे गोली चलाई। पुलिस रबर बुलेट चला सकती थी। फायरिंग करना जरूरी हो गया था तो भी लोगों को पैरों में गोली मारी जा सकती थी। लेकिन ऐसा न करके पुलिस ने सीधे गोली चला दी। हसन ने ये भी दावा किया कि संभल विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल ने भीड़ को समझाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने सुहैल के खिलाफ भी FIR लिख दी।

Nov 25, 2024 - 16:40
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एसटी हसन बोले-पुलिस ने ही चलाईं देसी तमंचों से गोलियां:सांसद बर्क पर FIR पर कहा-लोकतंत्र खत्म, हिटलरशाही दोबारा वापस आई; मौतों की CBI जांच हो
मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने संभल हिंसा में सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर FIR लिखे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुरादाबाद में एसटी हसन ने कहा कि, पुलिस प्रशासन की वजह से हिंसा हुई और इल्जाम सांसद बर्क और संभल के विधायक के बेटे पर डाल दिया। पूर्व सपा सांसद ने कहा कि संभल के हालात देखकर ये महसूस हो रहा है कि लोकतंत्र खत्म हो चुका है और हिटलरशाही दोबारा से वापस आ गई है। कमिश्नर आन्जनेय सिंह ने कुछ देर पहले ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों की मौत देसी तमंचों से चली गोली से हुई है। इस पर सांसद ने कहा कि पुलिस ने ही देसी तमंचों से भीड़ पर गोली चलाई होगी। हसन ने ये भी कहा कि ऐसी भीड़ पर पुलिस कभी अपने सर्विस हथियारों से गोली नहीं चलाती। बल्कि 12 बोर और 315 बोर के देसी तमंचों से ही गोली चलाती है। हसन बोले-दोबारा सर्वे करने गए ही क्यों थे एसटी हसन ने कहा कि, 19 नवंबर को टीम सर्वे करके आ गई थी। फिर दोबारा से सर्वे करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर माहौल को खराब किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि जिस दिन याचिका पड़ती है उसी दिन कोर्ट सर्वे के आदेश कर देता है और 2 घंटे बाद ही प्रशासन सर्वे कराने जामा मस्जिद पहुंच जाता है। इससे समझा जा सकता है कि सबकुछ पूर्व नियोजित है और मुस्लिमों पर कड़ी कार्रवाई करके ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दी जा रही है। CBI जांच हो, दोषियों को सजा मिले एसटी हसन ने कहा, संभल हिंसा में हुई मौतों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में जो भी दोषी निकले उसे सजा दी जाए, चाहे वो प्रशासन हो या भीड़ में शामिल लोग। उन लोगों को भी सजा दी जाए जिन्होंने मस्जिद के पास दूसरे धर्म के नारे लगाए। पूर्व सांसद ने कहा कि जिस तरह टीम सुबह-सुबह सर्वे करने पहुंची थी उससे लोगों में ये अफवाह फैली थी कि जामा मस्जिद में मूर्तियां रख दी गई हैं। इन अफवाहों को प्रशासन भी काबू नहीं कर सका और बेकाबू भीड़ मस्जिद पर उमड़ पड़ी। विधायक के बेटे ने समझाने की कोशिश की, उन पर भी लिख दी FIR एसटी हसन ने कहा कि पुलिस ने भीड़ पर सीधे गोली चलाई। पुलिस रबर बुलेट चला सकती थी। फायरिंग करना जरूरी हो गया था तो भी लोगों को पैरों में गोली मारी जा सकती थी। लेकिन ऐसा न करके पुलिस ने सीधे गोली चला दी। हसन ने ये भी दावा किया कि संभल विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल ने भीड़ को समझाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने सुहैल के खिलाफ भी FIR लिख दी।

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