ऐप में दिखाते डबल मुनाफा, असल में लूट लिए करोड़ों:शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर हाई प्रोफाइल लोगों से ठगी, डॉक्टर-बिजनेसमैन भी झांसे में आए
जयपुर में MBA कर रही निकिता (24) ने शेयर मार्केट सीखने और पैसा कमाने का एक विज्ञापन यू-ट्यूब पर देखा था। उस विज्ञापन में कंपनी दावा कर रही थी कि 14 दिन में शेयर ट्रेडिंग के जरिए पैसा डबल कर देगी। निकिता के बैंक खाते में तब 2 लाख 64 रुपए थे, जो उनके पिता ने सेमेस्टर की फीस भरने के लिए भेजे थे। रातों-रात शेयर मार्केट में अमीर बनने के ख्वाब में निकिता ने अपनी पूरी फीस इन्वेस्ट कर दी। डेली चेक करती, तो अकाउंट में मुनाफा कई गुना बढ़ता दिखता। कॉलेज की फीस भरने का समय आया तो उसने पैसे निकलवाने की कोशिश की। लेकिन पैसा नहीं निकाल पाया। वह ठगों के जाल में बुरी तरह फंस चुकी थी। निकिता की तरह राजस्थान के कई हाई प्रोफाइल लोग, डॉक्टर-बिजनेसमैन भी बीते कुछ महीने में शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी के शिकार हो चुके हैं। साइबर एक्सपर्ट की भाषा में ये 'इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड' है, जो साइबर ठगों की नई चाल है। कंबोडिया-चीन से ऑपरेट हो रही गैंग के निशाने पर हाई प्रोफाइल लोग रहते हैं, जो करोड़ों में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं। आखिर ये 'इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड' क्या है? पढ़िए संडे बिग स्टोरी में... सबसे पहले कुछ मामलों से समझते हैं, कि ठगों ने क्या झांसे दिए और लोग कैसे उनके शिकार बने… केस- 1 : शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करा व्यापारी से ठगे 1 करोड़ जयपुर के सोडाला इलाके के 39 साल के व्यापारी को 11 मई 2024 को एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप का नाम एडवेंट इंटरनेशनल सी 376 था। ग्रुप में शेयर मार्केट ट्रेडिंग से जुड़े अपडेट आते थे। ग्रुप से जुड़ने के बाद सोनल जगनाथ नाम से महिला ने व्यापारी को फोन कर बताया कि उसकी कंपनी कोलकाता में है और सेबी से रजिस्टर्ड है। कंपनी के जरिए निवेश करने पर 50% का मुनाफा मिलेगा। जमा निवेश पर दूसरे सप्ताह से ही रिटर्न आना शुरू हो जाएगा। महिला ने मोबाइल में AIAM नाम से एक ऐप डाउनलोड कराई। ऑथेंटिकेशन के नाम पर पैन कार्ड और बाकी डिटेल भरवाई। व्यापारी को कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर दिए और दिए गए अकाउंट में फंड डिपोजिट करने को कहा। व्यापारी ने एक महीने के दौरान अलग-अलग बैंक अकाउंट में एक करोड़ रुपए जमा करवा दिए। झांसा देने के लिए 16 लाख का मुनाफा दिया साइबर ठगों ने व्यापारी को विश्वास में लेने के लिए निवेश के 16 दिन बाद दो किस्तों में 16 लाख रुपए लौटाए। व्यापारी ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने 27 मई 2024 को 10 लाख और 6 लाख 57 हजार 850 रुपए उनके अकाउंट में जमा कराए थे। इस पर व्यापारी को भी अपने निवेश पर भरोसा हो गया। लेकिन उसके अगले सप्ताह निवेश का रिटर्न नहीं मिलने पर व्यापारी को चिंता सताने लगी। विड्रॉल करने पर एक करोड़ और मांगे जब व्यापारी ने अपने एक करोड़ रुपए वापस लेने के लिए कस्टमर केयर पर कॉल किया तो शातिर ठगों ने कहा कि उनके नाम एक आईपीओ आवंटित हो रखा है, अब उसकी कीमत साढ़े 3 करोड़ रुपए है। वहीं एक करोड़ के शेयर ट्रेडिंग की वैल्यू भी बढ़कर ढाई करोड़ हो चुकी है। ऐसे में अब उन्हें एक करोड़ रुपए और जमा कराने होंगे, तभी उनके नाम आईपीओ मिलेगा और रुपए विड्रॉल कर सकेंगे। जब व्यापारी ने एक करोड़ रुपए जमा कराने से मना कर दिया तो आरोपियों ने उन्हें खाता ब्लॉक करने की जानकारी देते हुए कहा कि अब वे रुपए विड्रॉल नहीं कर सकते। केस 2 : डॉक्टर को वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा, ठगे 2 करोड़ 95 लाख जयपुर में 44 साल के डॉक्टर से इन्वेस्टमेंट और आईपीओ के नाम पर 2 करोड़ 95 लाख 86 हजार रुपए ठग लिए। पीड़ित डॉक्टर से साइबर ठगों ने वॉट्सऐप पर संपर्क किया था। आरोपियों ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में अपर सर्किट में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफे का लालच दिया और एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा। इस दौरान आईपीओ लॉन्चिंग हैड ने शेयरों की संख्या बढ़ा दी और डॉक्टर को रुपए निवेश करने को कहा। जब डॉक्टर ने रुपए निवेश नहीं करने की बात कही तो आरोपियों ने डॉक्टर को सिबिल स्कोर प्रभावित होने का डर दिखाया। इस पर डॉक्टर ने आरोपियों के दिए अलग-अलग बैंक अकाउंट में एक करोड़ 61 लाख 17 हजार जमा करा दिए। जब डॉक्टर ने निवेश की राशि को विड्रॉल करना चाहा तो उनसे एक करोड़ 34 लाख रुपए और जमा कराने को कहा। डॉक्टर के रुपए जमा कराने के बाद भी उन्हें रुपए नहीं लौटाए तो उन्होंने केस दर्ज कराया। शातिर साइबर ठगों ने एक महीने में ही इस पूरी वारदात को अंजाम दिया। केस 3. लेक्चरर से ठगे 16 लाख 58 हजार मूल रूप से झुंझुनूं की सरीता (36) जयपुर के निजी स्कूल में लेक्चरर हैं। फेसबुक पर उन्हाेंने 9 दिसंबर 2023 को स्टॉक मार्केट पर एक एड देखा। जिस पर क्लिक करने पर वे एक वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ गईं। इस ग्रुप में दो-तीन दिन तक स्टॉक मार्केट से जुड़ी कई तरह की जानकारियां दी गई। कई स्कीम बताई गई जिनके जरिए विदेशी शेयर बाजार में निवेश करने पर25-50 फीसदी रिटर्न का झांसा दिया गया। आरोपियों ने पीड़ित महिला को वॉट्सऐप के जरिए एक लिंक भेजकर इन्वेस्टमेंट के लिए झांसे में लिया। उस लिंक पर लॉगिन कर आईडी बनवाई और इन्वेस्टमेंट करने को कहा। झांसे में आई महिला लेक्चरर ने आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खाते में सबसे पहले 30 हजार रुपए जमा करवाए। करीब 14 दिन बाद महिला ने लॉगिन कर खाता चैक किया तो उसमें 30 हजार की जगह 42 हजार रुपए दिखाई देने लगे। आरोपियों ने निवेश का प्रॉफिट दिखाकर महिला को और पैसा निवेश करने को कहा। झांसे में आई महिला ने अलग-अलग बैंक अकाउंट में डेढ़ महीने के भीतर ही 16 लाख 58 हजार 213 रुपए जमा करा दिए। ऑनलाइन चेक करने पर महिला का निवेश डेली बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था। 16 लाख की पूंजी करीब 20 लाख होती दिख रही थी। लेकिन जब महिला ने अपने रुपए विड्रॉल करने के लिए वॉट्सऐप पर मैसेज किए तो आरोपियों ने कोई रिप्लाई नहीं किया। धोखाधड़ी का शक होने पर उन्होंने साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। तरीका-ए-वारदात: साइबर ठगों ने कैसे इस ठगी को अंजाम दिया, साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी
जयपुर में MBA कर रही निकिता (24) ने शेयर मार्केट सीखने और पैसा कमाने का एक विज्ञापन यू-ट्यूब पर देखा था। उस विज्ञापन में कंपनी दावा कर रही थी कि 14 दिन में शेयर ट्रेडिंग के जरिए पैसा डबल कर देगी। निकिता के बैंक खाते में तब 2 लाख 64 रुपए थे, जो उनके पिता ने सेमेस्टर की फीस भरने के लिए भेजे थे। रातों-रात शेयर मार्केट में अमीर बनने के ख्वाब में निकिता ने अपनी पूरी फीस इन्वेस्ट कर दी। डेली चेक करती, तो अकाउंट में मुनाफा कई गुना बढ़ता दिखता। कॉलेज की फीस भरने का समय आया तो उसने पैसे निकलवाने की कोशिश की। लेकिन पैसा नहीं निकाल पाया। वह ठगों के जाल में बुरी तरह फंस चुकी थी। निकिता की तरह राजस्थान के कई हाई प्रोफाइल लोग, डॉक्टर-बिजनेसमैन भी बीते कुछ महीने में शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी के शिकार हो चुके हैं। साइबर एक्सपर्ट की भाषा में ये 'इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड' है, जो साइबर ठगों की नई चाल है। कंबोडिया-चीन से ऑपरेट हो रही गैंग के निशाने पर हाई प्रोफाइल लोग रहते हैं, जो करोड़ों में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं। आखिर ये 'इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड' क्या है? पढ़िए संडे बिग स्टोरी में... सबसे पहले कुछ मामलों से समझते हैं, कि ठगों ने क्या झांसे दिए और लोग कैसे उनके शिकार बने… केस- 1 : शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करा व्यापारी से ठगे 1 करोड़ जयपुर के सोडाला इलाके के 39 साल के व्यापारी को 11 मई 2024 को एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप का नाम एडवेंट इंटरनेशनल सी 376 था। ग्रुप में शेयर मार्केट ट्रेडिंग से जुड़े अपडेट आते थे। ग्रुप से जुड़ने के बाद सोनल जगनाथ नाम से महिला ने व्यापारी को फोन कर बताया कि उसकी कंपनी कोलकाता में है और सेबी से रजिस्टर्ड है। कंपनी के जरिए निवेश करने पर 50% का मुनाफा मिलेगा। जमा निवेश पर दूसरे सप्ताह से ही रिटर्न आना शुरू हो जाएगा। महिला ने मोबाइल में AIAM नाम से एक ऐप डाउनलोड कराई। ऑथेंटिकेशन के नाम पर पैन कार्ड और बाकी डिटेल भरवाई। व्यापारी को कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर दिए और दिए गए अकाउंट में फंड डिपोजिट करने को कहा। व्यापारी ने एक महीने के दौरान अलग-अलग बैंक अकाउंट में एक करोड़ रुपए जमा करवा दिए। झांसा देने के लिए 16 लाख का मुनाफा दिया साइबर ठगों ने व्यापारी को विश्वास में लेने के लिए निवेश के 16 दिन बाद दो किस्तों में 16 लाख रुपए लौटाए। व्यापारी ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने 27 मई 2024 को 10 लाख और 6 लाख 57 हजार 850 रुपए उनके अकाउंट में जमा कराए थे। इस पर व्यापारी को भी अपने निवेश पर भरोसा हो गया। लेकिन उसके अगले सप्ताह निवेश का रिटर्न नहीं मिलने पर व्यापारी को चिंता सताने लगी। विड्रॉल करने पर एक करोड़ और मांगे जब व्यापारी ने अपने एक करोड़ रुपए वापस लेने के लिए कस्टमर केयर पर कॉल किया तो शातिर ठगों ने कहा कि उनके नाम एक आईपीओ आवंटित हो रखा है, अब उसकी कीमत साढ़े 3 करोड़ रुपए है। वहीं एक करोड़ के शेयर ट्रेडिंग की वैल्यू भी बढ़कर ढाई करोड़ हो चुकी है। ऐसे में अब उन्हें एक करोड़ रुपए और जमा कराने होंगे, तभी उनके नाम आईपीओ मिलेगा और रुपए विड्रॉल कर सकेंगे। जब व्यापारी ने एक करोड़ रुपए जमा कराने से मना कर दिया तो आरोपियों ने उन्हें खाता ब्लॉक करने की जानकारी देते हुए कहा कि अब वे रुपए विड्रॉल नहीं कर सकते। केस 2 : डॉक्टर को वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा, ठगे 2 करोड़ 95 लाख जयपुर में 44 साल के डॉक्टर से इन्वेस्टमेंट और आईपीओ के नाम पर 2 करोड़ 95 लाख 86 हजार रुपए ठग लिए। पीड़ित डॉक्टर से साइबर ठगों ने वॉट्सऐप पर संपर्क किया था। आरोपियों ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में अपर सर्किट में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफे का लालच दिया और एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा। इस दौरान आईपीओ लॉन्चिंग हैड ने शेयरों की संख्या बढ़ा दी और डॉक्टर को रुपए निवेश करने को कहा। जब डॉक्टर ने रुपए निवेश नहीं करने की बात कही तो आरोपियों ने डॉक्टर को सिबिल स्कोर प्रभावित होने का डर दिखाया। इस पर डॉक्टर ने आरोपियों के दिए अलग-अलग बैंक अकाउंट में एक करोड़ 61 लाख 17 हजार जमा करा दिए। जब डॉक्टर ने निवेश की राशि को विड्रॉल करना चाहा तो उनसे एक करोड़ 34 लाख रुपए और जमा कराने को कहा। डॉक्टर के रुपए जमा कराने के बाद भी उन्हें रुपए नहीं लौटाए तो उन्होंने केस दर्ज कराया। शातिर साइबर ठगों ने एक महीने में ही इस पूरी वारदात को अंजाम दिया। केस 3. लेक्चरर से ठगे 16 लाख 58 हजार मूल रूप से झुंझुनूं की सरीता (36) जयपुर के निजी स्कूल में लेक्चरर हैं। फेसबुक पर उन्हाेंने 9 दिसंबर 2023 को स्टॉक मार्केट पर एक एड देखा। जिस पर क्लिक करने पर वे एक वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ गईं। इस ग्रुप में दो-तीन दिन तक स्टॉक मार्केट से जुड़ी कई तरह की जानकारियां दी गई। कई स्कीम बताई गई जिनके जरिए विदेशी शेयर बाजार में निवेश करने पर25-50 फीसदी रिटर्न का झांसा दिया गया। आरोपियों ने पीड़ित महिला को वॉट्सऐप के जरिए एक लिंक भेजकर इन्वेस्टमेंट के लिए झांसे में लिया। उस लिंक पर लॉगिन कर आईडी बनवाई और इन्वेस्टमेंट करने को कहा। झांसे में आई महिला लेक्चरर ने आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खाते में सबसे पहले 30 हजार रुपए जमा करवाए। करीब 14 दिन बाद महिला ने लॉगिन कर खाता चैक किया तो उसमें 30 हजार की जगह 42 हजार रुपए दिखाई देने लगे। आरोपियों ने निवेश का प्रॉफिट दिखाकर महिला को और पैसा निवेश करने को कहा। झांसे में आई महिला ने अलग-अलग बैंक अकाउंट में डेढ़ महीने के भीतर ही 16 लाख 58 हजार 213 रुपए जमा करा दिए। ऑनलाइन चेक करने पर महिला का निवेश डेली बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था। 16 लाख की पूंजी करीब 20 लाख होती दिख रही थी। लेकिन जब महिला ने अपने रुपए विड्रॉल करने के लिए वॉट्सऐप पर मैसेज किए तो आरोपियों ने कोई रिप्लाई नहीं किया। धोखाधड़ी का शक होने पर उन्होंने साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। तरीका-ए-वारदात: साइबर ठगों ने कैसे इस ठगी को अंजाम दिया, साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी और आयुष गुहा से समझते हैं…. 1. AI टूल से चर्चित पोर्टफोलियो मैनेजर के चेहरों का इस्तेमाल : साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि निवेशकों को झांसे में लेने के लिए ठग AI टूल के जरिए शेयर बाजार के चर्चित चेहरों के एडिटेड फोटो का इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया लिंक भेजकर डेली लाखों करोड़ों का मुनाफा कमाने का लालच देते हैं। उस लिंक पर कोई भी क्लिक करता है तो वह ठगों के वॉट्सऐप या अन्य ग्रुप से अपने आप जुड़ जाता है। 2. ट्रेडिंग सिखाने का झांसा: साइबर ठग शेयर मार्केट में निवेश कर ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर शेयर ट्रेडिंग सीखने के लिए ग्रुप में जोड़ते हैं। उस ग्रुप में एडिटेड स्क्रीन शॉट डाले जाते हैं, जिसमें उनके बताए अनुसार इन्वेस्ट करने पर मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। कुछ दिन बाद ग्रुप में एक लिंक शेयर किया जाता है, जिस पर क्लिक कर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाया जाता है। इसके बाद इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग (करोड़ों में निवेश), ओटीसी ट्रेडिंग, आईपीओ की जानकारी दी जाती है। 3. शुरू में दिया दोगुना मुनाफा: तीनों ही मामलों में ठगों ने झांसा दिया कि उनकी कंपनी सेबी से रजिस्टर्ड है, ऐसे में कंपनी भागेगी नहीं और निवेश का पैसा सेफ रहेगा। आरोपियों ने शुरुआत में जिन शेयर में पैसा लगवाया दूसरे दिन उनके पोर्टफोलियो में दोगुना मुनाफा दिखाया। इस पर पीड़ितों को आरोपियों पर भरोसा हो गया। 4. ऐप पर निवेश की डिटेल: साइबर ठग ऐप पर पीड़ितों को उनके निवेश व मुनाफे की डिटेल दिखाते थे। निवेश पर अर्जित लाभ भी ऐप पर दिखाया जाता था। जिससे किसी भी व्यक्ति को उन पर शक न हो। निवेशकों को लगता था कि पैसा उनके खाते में ही जमा हो रहा है। निवेशक को धोखाधड़ी के बारे में उस समय पता चलता, जब वो रुपए विड्रॉल करने के लिए कंपनी से बात करते थे। असल यह तरह का फेक ट्रेडिंग ऐप होता है, जिसमें आपका पोर्टफोलियो और उसमें कमाई तो दिखाई देती है। लेकिन मुनाफा बैंक अकाउंट में ट्रांसफर नहीं होता। 5. अलग-अलग बैंक खातों से निवेश : साइबर ठगों ने लोगों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा जमा कराने के लिए कहा, इसके पीछे इनकम टैक्स बचाने को कारण बताते थे। जबकि हकीकत यह है इससे ठगी होने के बाद साइबर पुलिस ठगों के खाते में गया पूरा पैसा नहीं पाती है। क्योंकि जितने अलग-अलग बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर होता है, उन्हें फ्रीज करवाने में वक्त लगता है। तब तक साइबर ठग पूरा पैसा निकाल लेते हैं। साइबर पुलिस ने खाते सीज कर वापस दिलाए रुपए जयपुर साइबर पुलिस थाना इंचार्ज चन्द्रप्रकाश ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने कई पीड़ितों को राहत देते हुए उन्हें अधिकांश अमाउंट वापस करवाया। साइबर ठग एक वारदात को अंजाम देने में ही कई बैंक खातों का उपयोग करते थे। इन अकाउंट को समय रहते सीज कराना बड़ी चुनौती थी, जिससे कि साइबर ठग रुपए नहीं निकाल सके। चाइना और कंबोडिया से चल रहे नेटवर्क साइबर थाना इंचार्ज चन्द्रप्रकाश ने बताया कि ठगी का ये पूरा नेटवर्क चाइना और कंबोडिया से ऑपरेट हो रहा है। पुलिस जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है। साइबर पुलिस के अनुसार ठग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर रहे हैं। निवेशकों का पैसा बैंक अकाउंट से क्रिप्टोकरेंसी में कन्वर्ट होकर विदेश में पहुंचता है। पुलिस ने जब पीड़ितों को दिए गए लिंक, वॉट्सऐप नंबर और वेबसाइट की जांच की तो इसका खुलासा हुआ। एनआईए ने नवंबर में एक ऐसे ही नेटवर्क का खुलासा किया था, जो युवाओं को कंबोडिया ले जाते थे और फिर उन्हें प्रताड़ित कर साइबर ठगी कराते थे। एनआईए ने 6 राज्यों के 22 ठिकानों पर छापा मारा और नेटवर्क चला रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था। बैंक अकाउंट किराए पर लेकर वारदात साइबर ठग वारदात को अंजाम देने के लिए गरीब व जरूरतमंद लोगों के बैंक अकाउंट पैसों का लालच देकर किराए पर लेते हैं। इसके लिए ठग स्थानीय एजेंट की मदद लेते हैं। ठगों की दूसरी विंग सोशल मीडिया पर नजर रखती है, जो अमीर व हवाला का कारोबार करने वालों की जानकारी जुटाकर विदेश में बैठे ठगों तक पहुंचाती है। इसके बाद ठगी का सिलसिला शुरू होता है। क्या होता है इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग? इंस्टीट्यूशनल शेयर ट्रेडिंग यानी संस्थागत व्यापार जिसमें बड़े संगठनों या व्यक्ति के द्वारा शेयरों की खरीद-फरोख्त की जाती है। ये वह व्यक्ति होते हैं, जो ब्रोकरेज फर्मों या अन्य सुविधा प्रदाताओं के माध्यम से कारोबार करते हैं। इनमें बड़ी मात्रा में स्टॉक, बॉन्ड, मुद्राएं और दूसरे वित्तीय साधनों का कारोबार होता है। ये अपने ग्राहकों या सदस्यों के लिए निवेश करते हैं। एक संस्थागत व्यापारी किसी कंपनी में लाखाें शेयर खरीद सकता है। नाम सार्वजनिक न होने पर ही कराई एफआईआर साइबर ठगी के शिकार हुए पीड़ित साइबर अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने में भी हिचकते हैं। पुलिस के अनुसार अधिकांश पीड़ित ठगी के शिकार बनने के बाद समाज में बदनामी के डर से अपना नाम सार्वजिनक नहीं करना चाहते हैं। शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड के पीड़ित भी तभी एफआईआर दर्ज कराने को तैयार हुए, जब पुलिस ने उन्हें पहचान उजागर नहीं करने का भरोसा दिलाया। ....... राजस्थान में इंवेस्टमेंट ठगी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए 11वीं के स्टूडेंट ने 2 महिलाओं से 42 लाख ठगे:निवेश में ज्यादा मुनाफे का लालच दिया; 1 साल में 200 लोगों से कर चुका ठगी 11वीं के स्टूडेंट ने 2 महिलाओं से 3 महीने में 42 लाख की ठगी कर ली। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों को इन्वेस्टमेंट स्कीम बताता था और कम समय में ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर उनके साथ ठगी करता था। पूछताछ में सामने आया कि स्टूडेंट अब तक 200 लोगों से साइबर ठगी कर चुका है। पूरी खबर पढ़िए...