कंगना जिसका प्रचार करने गई, उसी को नहीं पहचाना:महिला कार्यकर्ता से पूछा- ये शख्स कौन, उम्मीदवार बोला- जिसका आप प्रचार करने आई हैं

बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनोट भी प्रचार के लिए महाराष्ट्र पहुंची हुई हैं। कंगना यहां जिस भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने पहुंची थी, उन्होंने उसी को नहीं पहचाना। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दैनिक भास्कर इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। कंगना रनोट नागपुर की कामठी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शेखर बावन के पक्ष में प्रचार करने पहुंची थीं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना के इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि, कंगना जी भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रही थी। बीच प्रचार में पूछा यह कौन शख्स है, जवाब था मैं वही उम्मीदवार हूं जिसे आप प्रचार कर रही है। शख्स मौजूदा विधायक भी है। वायरल वीडियो में क्या... कगना ने पूछा- यह शख्स कौन हैं वायरल वीडियो के अनुसार, कंगना रनोट, अपने बगल में खड़ी एक महिला कार्यकर्ता से पूछ लेती है कि यह शख्स कौन है। जिस पर भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि यह शेखर बावन है। भाजपा अध्यक्ष व इस सीट के उम्मीदवार है। भाजपा उम्मीदवार हूं, जिसका आप प्रचार कर रही है इस बीच शेखर बावन भी कहते नजर आ रहे कि में वही भाजपा उम्मीदवार हूं जिसका आप प्रचार कर रही है। कंगना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग कंगना के इस वीडियो पर चुटकी ली रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता इसके बहाने उन पर तंज कस रहे हैं। कृषि कानूनों पर बयान से सुर्खियों में रहीं सांसद अभी हाल ही में BJP सांसद कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान से सुर्खियों में आई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर वीडियो जारी कर रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की थी। जिस पर उनका विरोध हुआ। यही नहीं बीजेपी ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया था। इसके बाद कंगना रनोट ने माफी मांग ली थी। कंगना बोलीं- मेरी इस बात से बहुत लोग निराश हैं, मुझे दुख है जानिए क्या है पूरा मामला... 23 सितंबर: कंगना रनोट ने कहा- किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। कंगना के बयान पर 4 रिएक्शन... 1. भाजपा का बयान से किनारा, बोली- हम बयान का खंडन करते हैं भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, 'सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।' 2. जेडीयू बोली- ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है बीजेपी के सहयोगी दल भी कंगना के बयान से नाराज दिख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता केसी त्यागी ने कहा कि कंगना आखिर किसकी मदद कर रही हैं। आज हरियाणा में कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वह हमेशा लाइमलाइट में रहने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है। 3. कांग्रेस की चुनौती, 3 काले कानूनों को वापस लाने की ताकत किसी में नहीं हरियाणा कांग्रेस ने कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, 'BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।' 4. अकाली दल के नेता बोले- भाजपा कंगना को पार्टी से बाहर निकाले पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। किसानों को लेकर 2 बार पहले भी बयान दे चुकीं कंगना... पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता।

Nov 18, 2024 - 16:30
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कंगना जिसका प्रचार करने गई, उसी को नहीं पहचाना:महिला कार्यकर्ता से पूछा- ये शख्स कौन, उम्मीदवार बोला- जिसका आप प्रचार करने आई हैं
बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनोट भी प्रचार के लिए महाराष्ट्र पहुंची हुई हैं। कंगना यहां जिस भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने पहुंची थी, उन्होंने उसी को नहीं पहचाना। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दैनिक भास्कर इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। कंगना रनोट नागपुर की कामठी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शेखर बावन के पक्ष में प्रचार करने पहुंची थीं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना के इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि, कंगना जी भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रही थी। बीच प्रचार में पूछा यह कौन शख्स है, जवाब था मैं वही उम्मीदवार हूं जिसे आप प्रचार कर रही है। शख्स मौजूदा विधायक भी है। वायरल वीडियो में क्या... कगना ने पूछा- यह शख्स कौन हैं वायरल वीडियो के अनुसार, कंगना रनोट, अपने बगल में खड़ी एक महिला कार्यकर्ता से पूछ लेती है कि यह शख्स कौन है। जिस पर भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि यह शेखर बावन है। भाजपा अध्यक्ष व इस सीट के उम्मीदवार है। भाजपा उम्मीदवार हूं, जिसका आप प्रचार कर रही है इस बीच शेखर बावन भी कहते नजर आ रहे कि में वही भाजपा उम्मीदवार हूं जिसका आप प्रचार कर रही है। कंगना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग कंगना के इस वीडियो पर चुटकी ली रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता इसके बहाने उन पर तंज कस रहे हैं। कृषि कानूनों पर बयान से सुर्खियों में रहीं सांसद अभी हाल ही में BJP सांसद कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान से सुर्खियों में आई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर वीडियो जारी कर रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की थी। जिस पर उनका विरोध हुआ। यही नहीं बीजेपी ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया था। इसके बाद कंगना रनोट ने माफी मांग ली थी। कंगना बोलीं- मेरी इस बात से बहुत लोग निराश हैं, मुझे दुख है जानिए क्या है पूरा मामला... 23 सितंबर: कंगना रनोट ने कहा- किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। कंगना के बयान पर 4 रिएक्शन... 1. भाजपा का बयान से किनारा, बोली- हम बयान का खंडन करते हैं भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, 'सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।' 2. जेडीयू बोली- ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है बीजेपी के सहयोगी दल भी कंगना के बयान से नाराज दिख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता केसी त्यागी ने कहा कि कंगना आखिर किसकी मदद कर रही हैं। आज हरियाणा में कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वह हमेशा लाइमलाइट में रहने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है। 3. कांग्रेस की चुनौती, 3 काले कानूनों को वापस लाने की ताकत किसी में नहीं हरियाणा कांग्रेस ने कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, 'BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।' 4. अकाली दल के नेता बोले- भाजपा कंगना को पार्टी से बाहर निकाले पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। किसानों को लेकर 2 बार पहले भी बयान दे चुकीं कंगना... पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।

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