कर्नाटक में 101 दोषियों को उम्रकैद:कोप्पल कोर्ट का फैसला, दलितों की झोपड़ियां जलाई थीं; 16 दोषियों की सुनवाई के दौरान मौत

कर्नाटक की कोप्पल जिला अदालत ने गुरुवार को एक साथ 101 दोषियों को उम्रकैद का फैसला सुनाया। यह सामूहिक सजा देश में जाति से जुड़े किसी भी मामले में सबसे ज्यादा है। इन सभी को 28 अगस्त 2014 को गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव में जाति आधारित हिंसा के लिए दोषी ठहराया गया था। हिंसा के दौरान 117 लोगों ने दलितों की झोपडियों में आग लगा दी थी। हालांकि 10 साल चली सुनवाई के दौरान 16 दोषियों की मौत हो गई। जस्टिस चंद्रशेखर सी ने इन पर 2000 से 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, कोप्पल में दलितों को नाई की दुकानों और खाने-पीने की दुकानों में जाने से रोक दिया गया था। इससे पहले दो जाति के गुटों में झड़प हुई। बाद में यह हिंसक हो गई। हिंसा के तीन महीने बाद तक पूरा इलाका पुलिस निगरानी में रहा हिंसा का असर इतना ज्यादा था कि तीन महीने तक पूरे इलाके को पुलिस की निगरानी में रखना पड़ा। वही पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कई दिनों तक चली थी। इस दौरान राज्य की दलित अधिकार समिति ने इसके विरोध में मारकुंबी से बेंगलुरु तक मार्च निकाला था। हिंसा के सभी आरोपी अब बल्लारी सेंट्रल जेल में हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़े... कांग्रेसी कर्नाटक हाइकोर्ट जज के फैसले पर नाराज:पैदल मार्च कर कलेक्ट्रेट पहुंचे, बोले- ऐसे फैसलों से मुसलमानों पर बढ़ेंगे हमले शाहजहांपुर में अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने एक बैठक के बाद पैदल मार्च निकाला था। वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को संबोधित किया था। ज्ञापन में कहा गया था कि कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने धार्मिक स्थलों में घुसकर धार्मिक नारे लगाने वालों को बरी कर दिया है, जो कि भविष्य में और घटनाओं को बढ़ावा देगा। पूरी खबर पढ़े... ₹6 लाख महीना मांग रही पत्नी, कोर्ट बोला- खुद कमाओ:तलाक में मेंटेनेंस से जुड़े नियम; क्या बेरोजगार पति भी इसका हकदार पति से हर महीने 6.16 लाख रुपए गुजारा भत्ता मांग रही राधा मुनुकुंतला को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। 20 अगस्त को राधा के वकील ने खर्च का ब्योरा देते हुए कहा कि कपड़े, जूते और अन्य सामान के लिए 15 हजार, खाने-पीने के लिए 60 हजार, मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए 4-5 लाख मिलाकर हर महीने 6,16,300 रुपए मेंटेनेंस चाहिए। हैरान जज बोलीं- अगर वो इतना खर्च करना चाहती है, तो उसे खुद कमाने दो। पूरी खबर पढ़े...

Oct 25, 2024 - 12:55
 61  501.8k
कर्नाटक में 101 दोषियों को उम्रकैद:कोप्पल कोर्ट का फैसला, दलितों की झोपड़ियां जलाई थीं; 16 दोषियों की सुनवाई के दौरान मौत
कर्नाटक की कोप्पल जिला अदालत ने गुरुवार को एक साथ 101 दोषियों को उम्रकैद का फैसला सुनाया। यह सामूहिक सजा देश में जाति से जुड़े किसी भी मामले में सबसे ज्यादा है। इन सभी को 28 अगस्त 2014 को गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव में जाति आधारित हिंसा के लिए दोषी ठहराया गया था। हिंसा के दौरान 117 लोगों ने दलितों की झोपडियों में आग लगा दी थी। हालांकि 10 साल चली सुनवाई के दौरान 16 दोषियों की मौत हो गई। जस्टिस चंद्रशेखर सी ने इन पर 2000 से 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, कोप्पल में दलितों को नाई की दुकानों और खाने-पीने की दुकानों में जाने से रोक दिया गया था। इससे पहले दो जाति के गुटों में झड़प हुई। बाद में यह हिंसक हो गई। हिंसा के तीन महीने बाद तक पूरा इलाका पुलिस निगरानी में रहा हिंसा का असर इतना ज्यादा था कि तीन महीने तक पूरे इलाके को पुलिस की निगरानी में रखना पड़ा। वही पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कई दिनों तक चली थी। इस दौरान राज्य की दलित अधिकार समिति ने इसके विरोध में मारकुंबी से बेंगलुरु तक मार्च निकाला था। हिंसा के सभी आरोपी अब बल्लारी सेंट्रल जेल में हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़े... कांग्रेसी कर्नाटक हाइकोर्ट जज के फैसले पर नाराज:पैदल मार्च कर कलेक्ट्रेट पहुंचे, बोले- ऐसे फैसलों से मुसलमानों पर बढ़ेंगे हमले शाहजहांपुर में अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने एक बैठक के बाद पैदल मार्च निकाला था। वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को संबोधित किया था। ज्ञापन में कहा गया था कि कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने धार्मिक स्थलों में घुसकर धार्मिक नारे लगाने वालों को बरी कर दिया है, जो कि भविष्य में और घटनाओं को बढ़ावा देगा। पूरी खबर पढ़े... ₹6 लाख महीना मांग रही पत्नी, कोर्ट बोला- खुद कमाओ:तलाक में मेंटेनेंस से जुड़े नियम; क्या बेरोजगार पति भी इसका हकदार पति से हर महीने 6.16 लाख रुपए गुजारा भत्ता मांग रही राधा मुनुकुंतला को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। 20 अगस्त को राधा के वकील ने खर्च का ब्योरा देते हुए कहा कि कपड़े, जूते और अन्य सामान के लिए 15 हजार, खाने-पीने के लिए 60 हजार, मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए 4-5 लाख मिलाकर हर महीने 6,16,300 रुपए मेंटेनेंस चाहिए। हैरान जज बोलीं- अगर वो इतना खर्च करना चाहती है, तो उसे खुद कमाने दो। पूरी खबर पढ़े...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow