कानपुर आईआईटी में तेंदुआ, वन विभाग के लिए मुसीबत:अब थर्मल इमेजिंग ड्रोन की मदद से जंगल में चलेगा सर्च अभियान
कानपुर आईआईटी के जंगलों में दिखा तेंदुआ वन विभाग के लिए मुसीबत बन गया है। तेंदुए को दिखे करीब एक माह हो चुका है लेकिन वो पकड़ में नहीं आ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने भी तेंदुए को पकड़ने के लिए सारे जतन कर लिए हैं। अब विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए थर्मल इमेजिंग ड्रोन की मदद ले रही हैं। इससे तेंदुए का पता अब उसके शरीर के तापमान से लगाया जाएगा। इसका ट्रायल भी जंगल में किया जा चुका हैं। जंगल के ऊपर उड़ाया जाएगा ड्रोन ट्रायल के बाद अब रात के अंधेरे में इसे आईआईटी के जंगलों के ऊपर उड़ाया जाएगा। जहां पर तेंदुआ होगा, उसके शरीर के तापमान से बनी इमेज वन विभाग के कंप्यूटर में आ जाएगी। इसके बाद ये पता चल जाएगा कि तेंदुए जंगल में है भी या नहीं। यदि तेंदुआ जंगल में ही है अभी कटरी के रास्ते से वापस नहीं गया है तो फिर उसके आसपास पिंजड़े लगाए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर डार्ट गन से उसे ट्रक्यूलाइज भी किया जाएगा। 4 माह से चल रहा तेंदुआ को लेकर सर्च आईआईटी से राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के जंगलों तक 4 माह के अंदर दो बार तेंदुआ दिखाई दिया है। तेंदुए के पगचिह्न कई बार मिले हैं। साथ ही आईआईटी के सीसीटीवी और वन विभाग के कैमरे में उसकी छवि भी कैद हो चुकी है। लखनऊ टीम ने भी किया निरीक्षण आईआईटी के जंगलों में तेंदुए के घूमने की खबर शासन स्तर तक पहुंच गई। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव लखनऊ से टीम के साथ कानपुर आईआईटी आए और यहां आकर उन्होंने निरीक्षण किया। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को जल्द तेंदुआ पकड़ने के निर्देश दिए। जंगल में छिपे तेंदुए की स्थिति जानने के लिए बहराइच से थर्मल इमेजिंग कैमरे से लैस ड्रोन मंगाया है। प्रभागीय वन अधिकारी दिव्या ने बताया कि कैमरे का ट्रायल पूरा हो चुका है। अब रात में ड्रोन को उड़ा कर तेंदुए का पता लगाया जाएगा।
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