किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा:25 हजार का लगाया जुर्माना, 2016 में अपहरण कर घटना को दिया था अंजाम

हापुड़ में अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने नाबालिक से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 8 साल बाद आया फैसला थाना पिलखुवा क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने कहा कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री 30 दिसंबर 2016 को बिना बताए घर से कहीं चली गई। जिसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। जानकारी करने पर पता चला गांव कांवी थाना पिलखुवा निवासी मोनू उनकी नाबालिग पुत्री को बहलाफुसला कर अपने साथ ले गया। पुलिस ने आरोपी मोनू के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म, अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर आरोपी मोनू को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता को बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। मामले में आठ गवाह न्यायालय में पेश पुलिस ने मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश की। न्यायालय में पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि आरोपी मोनू उसको बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले में आठ गवाह न्यायालय में पेश किए गए। न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया। जिसमें न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने आरोपी मोनू को दुष्कर्म का दोषी करार दिया। अदालत ने उसे बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

Nov 16, 2024 - 07:20
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किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा:25 हजार का लगाया जुर्माना, 2016 में अपहरण कर घटना को दिया था अंजाम
हापुड़ में अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने नाबालिक से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 8 साल बाद आया फैसला थाना पिलखुवा क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने कहा कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री 30 दिसंबर 2016 को बिना बताए घर से कहीं चली गई। जिसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। जानकारी करने पर पता चला गांव कांवी थाना पिलखुवा निवासी मोनू उनकी नाबालिग पुत्री को बहलाफुसला कर अपने साथ ले गया। पुलिस ने आरोपी मोनू के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म, अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर आरोपी मोनू को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता को बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। मामले में आठ गवाह न्यायालय में पेश पुलिस ने मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश की। न्यायालय में पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि आरोपी मोनू उसको बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले में आठ गवाह न्यायालय में पेश किए गए। न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया। जिसमें न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने आरोपी मोनू को दुष्कर्म का दोषी करार दिया। अदालत ने उसे बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

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