किसानों को नहीं मिल रहा फॉस्फेटिक उर्वरक:दुकानदार कर रहे उत्पीड़न, ज्यादा कीमत में बेच रहे

रामपुर में किसानों को फॉस्फेटिक उर्वरक नहीं मिल रहा है। जिसके कारण वे अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान संगठन का आरोप है कि प्रशासन का दावा गलत साबित हो रहा है। निजी दुकानदार किसानों का शोषण कर रहे हैं। ये दुकानदार उर्वरक को ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं। साथ में खराब गुणवत्ता के उत्पाद भी दे रहे हैं। मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तहसील दिवस पर एकत्र हुए। अतिरिक्त उप जिला मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रीय महासचिव उस्मान अली पाशा ने बताया कि प्रशासन कह रहा है कि उर्वरक की कोई कमी नहीं है। लेकिन सच यह है कि किसी भी समिति के पास उर्वरक नहीं है। इसके अलावा, निजी दुकानदार किसानों से 100 से 200 रुपये अधिक में उर्वरक बेच रहे हैं। घटिया बीज या कृषि रसायन भी दे रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्यान विभाग के स्वार पौधशाला के इंचार्ज ने 7 लाख रुपये के पौधे किसानों को न देकर प्राइवेट नर्सरी मालिकों को बेच दिए। किसान संगठन ने इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

Nov 16, 2024 - 15:55
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किसानों को नहीं मिल रहा फॉस्फेटिक उर्वरक:दुकानदार कर रहे उत्पीड़न, ज्यादा कीमत में बेच रहे
रामपुर में किसानों को फॉस्फेटिक उर्वरक नहीं मिल रहा है। जिसके कारण वे अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान संगठन का आरोप है कि प्रशासन का दावा गलत साबित हो रहा है। निजी दुकानदार किसानों का शोषण कर रहे हैं। ये दुकानदार उर्वरक को ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं। साथ में खराब गुणवत्ता के उत्पाद भी दे रहे हैं। मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तहसील दिवस पर एकत्र हुए। अतिरिक्त उप जिला मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रीय महासचिव उस्मान अली पाशा ने बताया कि प्रशासन कह रहा है कि उर्वरक की कोई कमी नहीं है। लेकिन सच यह है कि किसी भी समिति के पास उर्वरक नहीं है। इसके अलावा, निजी दुकानदार किसानों से 100 से 200 रुपये अधिक में उर्वरक बेच रहे हैं। घटिया बीज या कृषि रसायन भी दे रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्यान विभाग के स्वार पौधशाला के इंचार्ज ने 7 लाख रुपये के पौधे किसानों को न देकर प्राइवेट नर्सरी मालिकों को बेच दिए। किसान संगठन ने इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

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