कुल्लू में हिमाचल सरकार के नोटिफिकेशन का विरोध:बोले- फूट डालो की नीति अपना रहा शिक्षा विभाग, तुगलकी फरमान सहन नहीं

हिमाचल प्रदेश राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ जिला कुल्लू ने 16 नवंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन का विरोध जताया है। जिसमें प्रदेश के उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गैर शैक्षिक कार्यों का कार्यभार सी एंड वी अध्यापकों को सौंपने की अधिसूचना जारी की गई है। अध्यापक संघ ने इसे शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान करार दिया है। कुल्लू कार्यकारिणी एवं संघ के समस्त शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश ने जो अधिसूचना 16 नवंबर 2024 को प्रदेश के उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गैर शैक्षिक कार्यों का कार्यभार सी एंड वी अध्यापकों को सौंपने की अधिसूचना जारी की है, उसे सरकार तुरंत वापस लिया जाए और इस मामले में सरकार पुनः मंथन कर उचित निर्णय ले । आनन फानन में जारी की गई अधिसूचना संघ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश ने कहा कि यह एक विडंबना भरी और आनन फानन में जारी की गई अधिसूचना प्रतीत होती है, जो किसी भी तरीके न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं लगती। उन्होंने कहा कि जब सी एंड वी शिक्षक विभाग और सरकार से अपने किसी भी हक को अदा करने की बात करते हैं तो विभाग का तर्क रहता है कि स्कूलों में टीजीटी वरिष्ठ अध्यापक होते हैं और उन्हें शिक्षण कार्य के अतिरिक्त और भी बहुत से कार्य निर्वहन की जिम्मेदारी रहती है, इस कारण सी एंड वी अध्यापकों का वेतनमान और अन्य भत्ते उनके बराबर नहीं हो सकते। शत प्रतिशत परिणाम दे रहे सी एंड वी अध्यापक उन्होंने कहा कि, अनेकों स्कूल ऐसे है जहां सरकार ने टीजीटी के पद वर्षों से नहीं भरे हैं, और वहां सी एंड वी अध्यापक ही गणित, विज्ञान, अंग्रेजी आदि विषयों का अध्यापन कर शत-प्रतिशत परिणाम भी दे रहे हैं। जब बात आती है गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की तो सी एंड वी वर्ग को सारा बोझ थोपने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अगर शिक्षा परिणाम संतोषजनक ना आए तो किसकी जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष ने कहा कि माना सी एंड वी वर्ग इन आदेशों को मान भी लें, परंतु यदि इस प्रयोग के बाद भी गणित और विज्ञान विषयों का परिणाम संतोषजनक नहीं रहा तो फिर क्या किया जाएगा। दूसरे विद्यालयों में कुछ चार्ज ऐसे हैं जो किसी भी सूरत में सी एंड वी को दिए ही नहीं जा सकते जिनमें चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, प्रयोगशाला, इंस्पायर, ग्रीन स्कूल प्रोग्राम, हेल्थ वेलनेस, विब्स ,हेल्थ हाइजिन आदि मुख्य है । विभाग फूट डालो की नीति अपना रहा उन्होंने कहा कि विभाग फूट डालो की नीति को विद्यालयों में क्रियान्वित करने का प्रयास कर रही है, जो किसी भी सूरत में मंजूर नहीं की जाएगी I अब यदि विभाग चाहता है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखना है तो इन कार्यों के लिए सरकार से विद्यालयों में विशेष पद सृजित करने की अनुशंसा करे या हर स्कूल विद्यालय प्रबंधन समिति को इस कार्य को पूरा करने के लिए उनके स्तर पर प्रबंधन के लिए अधिकृत किया जाए। महासचिव ने भी रखी मांग जिला महासचिव अमित प्राथी ने मांग की है कि इस तरह के निर्णय लेने से पूर्व विभाग को चाहिए कि सभी शिक्षक संगठनों की एक राज्य स्तरीय सामूहिक बैठक माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव के साथ करवाई जाए और कोई ऐसा निर्णय लिया जाए जो सर्वमान्य और सार्वभौमिक हो। उन्होंने कहा कि जब तक कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया जाता या ऐसी सर्वसम्मति नहीं बन जाती, तब तक इस अधिसूचना को तुरंत निरस्त किया जाए। इन सभी ने जताया विरोध हिमाचल प्रदेश राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ के जिला कुल्लू के अध्यक्ष ओम प्रकाश, महासचिव अमित प्राथी, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, वरिष्ठ उप प्रधान कुलदीप शर्मा, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा अनामिका गुलेरिया, प्रेस सचिव मनोज शर्मा के साथ -साथ सभी खंड के प्रधानों, महासचिव, कोषाध्यक्ष और संघ के समस्त शिक्षकों ने अधिसूचना जारी होने पर कड़ा विरोध जताया है।

Nov 19, 2024 - 17:05
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कुल्लू में हिमाचल सरकार के नोटिफिकेशन का विरोध:बोले- फूट डालो की नीति अपना रहा शिक्षा विभाग, तुगलकी फरमान सहन नहीं
हिमाचल प्रदेश राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ जिला कुल्लू ने 16 नवंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन का विरोध जताया है। जिसमें प्रदेश के उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गैर शैक्षिक कार्यों का कार्यभार सी एंड वी अध्यापकों को सौंपने की अधिसूचना जारी की गई है। अध्यापक संघ ने इसे शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान करार दिया है। कुल्लू कार्यकारिणी एवं संघ के समस्त शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश ने जो अधिसूचना 16 नवंबर 2024 को प्रदेश के उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गैर शैक्षिक कार्यों का कार्यभार सी एंड वी अध्यापकों को सौंपने की अधिसूचना जारी की है, उसे सरकार तुरंत वापस लिया जाए और इस मामले में सरकार पुनः मंथन कर उचित निर्णय ले । आनन फानन में जारी की गई अधिसूचना संघ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश ने कहा कि यह एक विडंबना भरी और आनन फानन में जारी की गई अधिसूचना प्रतीत होती है, जो किसी भी तरीके न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं लगती। उन्होंने कहा कि जब सी एंड वी शिक्षक विभाग और सरकार से अपने किसी भी हक को अदा करने की बात करते हैं तो विभाग का तर्क रहता है कि स्कूलों में टीजीटी वरिष्ठ अध्यापक होते हैं और उन्हें शिक्षण कार्य के अतिरिक्त और भी बहुत से कार्य निर्वहन की जिम्मेदारी रहती है, इस कारण सी एंड वी अध्यापकों का वेतनमान और अन्य भत्ते उनके बराबर नहीं हो सकते। शत प्रतिशत परिणाम दे रहे सी एंड वी अध्यापक उन्होंने कहा कि, अनेकों स्कूल ऐसे है जहां सरकार ने टीजीटी के पद वर्षों से नहीं भरे हैं, और वहां सी एंड वी अध्यापक ही गणित, विज्ञान, अंग्रेजी आदि विषयों का अध्यापन कर शत-प्रतिशत परिणाम भी दे रहे हैं। जब बात आती है गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की तो सी एंड वी वर्ग को सारा बोझ थोपने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अगर शिक्षा परिणाम संतोषजनक ना आए तो किसकी जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष ने कहा कि माना सी एंड वी वर्ग इन आदेशों को मान भी लें, परंतु यदि इस प्रयोग के बाद भी गणित और विज्ञान विषयों का परिणाम संतोषजनक नहीं रहा तो फिर क्या किया जाएगा। दूसरे विद्यालयों में कुछ चार्ज ऐसे हैं जो किसी भी सूरत में सी एंड वी को दिए ही नहीं जा सकते जिनमें चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, प्रयोगशाला, इंस्पायर, ग्रीन स्कूल प्रोग्राम, हेल्थ वेलनेस, विब्स ,हेल्थ हाइजिन आदि मुख्य है । विभाग फूट डालो की नीति अपना रहा उन्होंने कहा कि विभाग फूट डालो की नीति को विद्यालयों में क्रियान्वित करने का प्रयास कर रही है, जो किसी भी सूरत में मंजूर नहीं की जाएगी I अब यदि विभाग चाहता है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखना है तो इन कार्यों के लिए सरकार से विद्यालयों में विशेष पद सृजित करने की अनुशंसा करे या हर स्कूल विद्यालय प्रबंधन समिति को इस कार्य को पूरा करने के लिए उनके स्तर पर प्रबंधन के लिए अधिकृत किया जाए। महासचिव ने भी रखी मांग जिला महासचिव अमित प्राथी ने मांग की है कि इस तरह के निर्णय लेने से पूर्व विभाग को चाहिए कि सभी शिक्षक संगठनों की एक राज्य स्तरीय सामूहिक बैठक माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव के साथ करवाई जाए और कोई ऐसा निर्णय लिया जाए जो सर्वमान्य और सार्वभौमिक हो। उन्होंने कहा कि जब तक कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया जाता या ऐसी सर्वसम्मति नहीं बन जाती, तब तक इस अधिसूचना को तुरंत निरस्त किया जाए। इन सभी ने जताया विरोध हिमाचल प्रदेश राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ के जिला कुल्लू के अध्यक्ष ओम प्रकाश, महासचिव अमित प्राथी, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, वरिष्ठ उप प्रधान कुलदीप शर्मा, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा अनामिका गुलेरिया, प्रेस सचिव मनोज शर्मा के साथ -साथ सभी खंड के प्रधानों, महासचिव, कोषाध्यक्ष और संघ के समस्त शिक्षकों ने अधिसूचना जारी होने पर कड़ा विरोध जताया है।

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