कुशीनगर में खाद्य पदार्थ के 101 सैंपल में 78 फेल:अरहर और मसूर दाल को केमिकल लगाकर चमकाया गया, तेल में भी मिलावट जारी
कुशीनगर में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा बीते एक अप्रैल से सितंबर माह के बीच भेजे गए दूध और दूध से बने उत्पाद के 101 नमूनों की जांच रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। इन नमूनों में से 78 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। जो मिलावटखोरी के खतरे की ओर इशारा कर रहा है। त्योहारों के दौरान खाद्य सामग्रियों की बढ़ती मांग के चलते मिलावट खोर सक्रिय हो जाते हैं। हाल ही में सामने आए नमूनों में दूध के साथ-साथ खोया, दालें और तेल भी शामिल हैं। खाद्य विभाग ने विशेष रूप से खोये की जांच की। जो अक्सर कानपुर और गोरखपुर से मंगाए जाते हैं। जांच में पाया गया कि इनमें आलू की मिलावट की जाती है। पिछले दिनों 85 किलो खराब खोया भी नष्ट कराया गया। दाल और तेल में केमिकल खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले तीन महीनों में किए गए निरीक्षण में पाया कि अरहर और मसूर दाल को केमिकल लगाकर चमकाया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कसया स्थित फाजिलगर रोड पर ए टू जेड दुकान पर की गई जांच में भी यह पुष्टि हुई है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में सरसों का तेल भी मिलावट का शिकार हो रहा है। धंधेबाज मुनाफे के चक्कर में पॉम ऑयल मिलाकर सरसों का तेल बेच रहे हैं। ऐसे तेल का रंग, गंध और स्थिति भ्रामक हो सकती है। मिठाई और दूध की डिमांड दिवाली के नजदीक आने पर मिठाइयों और दूध की मांग तेजी से बढ़ जाती है। जिससे मिलावटखोरी में भी इजाफा होता है। मिठाई कारोबारी अक्सर खोये की मात्रा कम करके उसमें आलू या मैदा मिलाते हैं। खाद्य विभाग ने इस प्रकार की मिलावट पर लगाम लगाने के लिए कई अभियान चलाए हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। मिलावट की पहचान के टिप्स मिलावट वाले तेल की पहचान के लिए, कढ़ाई में डालते ही यदि तेल से तेज झाग निकलने लगे और आंखों में जलन होने लगे, तो समझ जाएं कि तेल मिलावटी है। इसके अलावा, मिठाइयों में सिंथेटिक रंग का उपयोग भी किया जाता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे खुद से सरसों खरीदकर उसका तेल निकलवाएं और पैकेट वाले तेल की लेवल को ध्यान से पढ़ें। यदि पैकेट पर एफएएसएसएआई और एफपीओ मार्का हो तभी खरीदें। खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभी नागरिकों को सतर्क रहने और मिलावटखोरों के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया है।
What's Your Reaction?