केंद्रीय टीम ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात, आपदा प्रबंधन के लिए उठाए ठोस कदम
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज राज्य में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने आयी भारत सरकार की इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम ने सचिवालय में भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है। मानसून अवधि में राज्य को अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन, बाढ़ और जल भराव […] The post मुख्यमंत्री धामी से मिली केंद्रीय टीम, भूस्खलन और बाढ़ प्रभावित इलाकों में बेहतर प्रबंधन के लिए उठाए कदम l first appeared on Vision 2020 News.

केंद्रीय टीम ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात, आपदा प्रबंधन के लिए उठाए ठोस कदम
देहरादून: आज राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार की इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम से मुलाकात की। यह टीम उत्तराखंड में हाल ही में आए भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने आई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड एक अत्यंत संवेदनशील राज्य है, जो मानसून के दौरान अतिवृष्टि से भूस्खलन, बाढ़ और जल भराव जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करता है।
कम शब्दों में कहें तो, सरकारी टीम ने आपदा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - India Twoday
आपदा प्रबंधन की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राष्ट्रीय संस्थानों को मिलकर पूर्वानुमान प्रणाली को और विकसित करने की दिशा में कदम उठाना होगा। इस वर्ष भारी वर्षा के कारण राज्य के कई हिस्सों में जन हानि के साथ-साथ संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति पहुंची है। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन के गंभीर परिणाम होते हैं, जिससे जमीन का स्थायी नुकसान होता है। ऐसे क्षेत्रों में कृषि या निर्माण कार्य करना संभव नहीं होता। इसके लिए प्रशासकीय योजना बनाने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया।
केंद्रीय टीम का दौरा और फीडबैक
भारत सरकार की इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम ने उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में जाकर आपदा प्रभाव का भौतिक निरीक्षण किया। इस टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना ने किया। टीम में अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल थे।
टीम ने आपदा प्रभावितों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत कार्यों की सराहना की। राहत शिविरों में ठहरने और भोजन की व्यवस्था, चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था को बेहतर बताते हुए केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार की पहल की प्रशंसा की।
सरकारी सहायता और नागरिकों की सुरक्षा
केंद्रीय टीम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों और जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, उन्हें 5 लाख रुपये की तात्कालिक सहायता राशि से प्रभावितों को अच्छी ख़ासी राहत मिली है। इसके अलावा, सभी गर्भवती महिलाओं का डेटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध होने और उनके स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी रखने की पहल की भी टीम ने सराहना की।
सदस्यों ने संकेत दिया कि इस तरह की महत्वपूर्ण पहल को अन्य राज्यों में भी लागू करने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ से नदियों में अत्यधिक सिल्ट भर जाने के कारण जल स्तर बढ़ने से भविष्य में नुकसान की आशंका बढ़ती है।
मुख्य सचिव की उपस्थिति
इस बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप भी उपस्थित रहे।
हाल के महीनों में उत्तराखंड ने प्राकृतिक आपदाओं की कड़ी चुनौतियों का सामना किया है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोग अति आवश्यक है। इन प्रयासों से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के जीवन और पर्यावरण के लिए सुधार की उम्मीद जगी है।
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इस लेख को लिखा है: साक्षी चौधरी, टीम इंडिया थोडे।
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