केरल के राज्यपाल बोले-'बंटोगे तो कटोगे' में कुछ गलत नहीं:आरिफ मोहम्मद ने कहा-जब आस्था समान है तो हम सबको एक होना चाहिए

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटोगे तो कटोगे' बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, 'एकता का भाव सभी में होना ही चाहिए। इसमें कोई खास बात नहीं हैं। यह गलत भी नहीं है।' मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा मुसलमानों के लिए अंगदान को अवैध बताने वाले फतवे से जुड़े सवाल पर आरिफ मोहम्मद ने कहा, 'मुझे न इन पर विश्वास है, न ही कुछ कहना है।' अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े विवाद पर उन्हो‌ंने कहा, 'राज्यपाल होने के नाते अदालतों के फैसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करता।' राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने यह बात रविवार को भोपाल में कही। वे यहां दत्तोपंत ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यान माला में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए थे। कार्यक्रम में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार भी मौजूद रहे। खान ने कहा- भारतीय मनीषियों ने एकता के सूत्र दिए केरल के राज्यपाल ने भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकात्मता विषय पर बोलते हुए कहा, 'भारतीय मनीषियों ने हजारों साल पहले ही विविधता में एकता के सूत्र दिए थे। गौतम बुद्ध ने अंतिम उपदेश में अप्प दीपो भव की बात बताई थी। जो दरअसल अथर्ववेद की ऋचा का सूत्र है। इसे ही हम अद्वैतवाद या एकात्मता कह सकते हैं। आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानंद ने जो दर्शन दिए, उसकी झलक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के भाषणों में दिखती है और उसी को दत्तोपंत ठेंगड़ी ने विस्तार दिया। लेकिन किसी ने नहीं कहा कि ये सिद्धांत हमारे दिमाग की उपज हैं। उन्होंने कहा कि ये नैसर्गिक है, प्राकृतिक है, दैविक है। हमने केवल ढूंढा है।' आरिफ मोहम्मद ने कहा-हमारे यहां आस्था की अभिव्यक्ति में विविधता है। जब आस्था समान है तो हम सबको एक होना चाहिए। सरकारों को रेगुलेटर नहीं, सपोर्टर बनना होगा नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और अर्थशास्त्री डॉ. राजीव कुमार बोले, 'यदि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र या आत्मनिर्भर बनाना है तो सरकारों को रेगुलेटर (नियंत्रक) के बजाए सपोर्टर (मददगार) की भूमिका में आना होगा। निजी निवेशक देश को आगे बढ़ाएं, साथ ही कमजोर तबकों को मजबूत करना होगा। जीडीपी और पर केपिटा इनकम के पैरामीटर के बजाए तरक्की का सही पैमाना समाज के अंतिम छोर पर मौजूद नीचे के 10 फीसदी लोगों की तरक्की और उनकी इनकम ग्रोथ को बनाना होगा।' पूंजीवाद लंबे समय तक नहीं चलने वाला डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि साम्यवादी अर्थव्यवस्थाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। पूंजीवाद भी लंबे वक्त तक चलने वाला नहीं है। भारत को इन दोनों के बजाए तीसरा रास्ता अपनाना होगा। इसके लिए नए सिरे से सोचने की जरूरत है। भारतीय समाजवादी पूंजीवाद (सोशल केपिटलिस्म) का रास्ता निकालना होगा, जिसमें धर्मशाला पहले बनती है, कारोबार बाद में शुरू होता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी ने अपनी किताब थर्ड-वे में इसी ओर इशारा किया है। हर जिले का विजन डॉक्यूमेंट बनाना चाहिए नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा- विकसित राष्ट्र बनाने का भारत का मौजूदा लक्ष्य फिर से विश्व अर्थव्यवस्था में 16% की हिस्सेदारी हासिल करना है। इसमें केंद्र सरकारों से ज्यादा भूमिका राज्यों की होगी। हमारे यहां जिलों की आबादी ही औसतन 30 लाख की है, दुनिया में इससे कम आबादी के भी कई देश हैं। हर जिले के डेवलपमेंट का विजन डॉक्यूमेंट बनाकर काम करना होगा। आत्मनिर्भर होने का मतलब सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करना नहीं हैं बल्कि दुनियाभर के लिए उत्पादन करना भी है। ये खबर भी पढ़ें... राज्यपाल बोले- डॉक्टर्स मरीज को जेनरिक दवाएं लिखें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, 'जब भारत में अंग्रेजों का शासन था। दुनियाभर में चेचक की बीमारी फैली। तब किसी को चेचक का फोड़ा हुआ, तो बबूल के कांटे से मवाद निकाल लेते थे। यही मवाद चेचक से पीड़ित दूसरे शख्स को लगाते थे। इससे बीमारी की एंटीबॉडी तैयार हो जाती थी।' वहीं, राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा, 'प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स जेनरिक दवाएं लिखें।' पूरी खबर पढ़ें...

Nov 11, 2024 - 11:10
 0  491.9k
केरल के राज्यपाल बोले-'बंटोगे तो कटोगे' में कुछ गलत नहीं:आरिफ मोहम्मद ने कहा-जब आस्था समान है तो हम सबको एक होना चाहिए
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटोगे तो कटोगे' बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, 'एकता का भाव सभी में होना ही चाहिए। इसमें कोई खास बात नहीं हैं। यह गलत भी नहीं है।' मदरसा दारुल उलूम देवबंद द्वारा मुसलमानों के लिए अंगदान को अवैध बताने वाले फतवे से जुड़े सवाल पर आरिफ मोहम्मद ने कहा, 'मुझे न इन पर विश्वास है, न ही कुछ कहना है।' अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े विवाद पर उन्हो‌ंने कहा, 'राज्यपाल होने के नाते अदालतों के फैसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करता।' राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने यह बात रविवार को भोपाल में कही। वे यहां दत्तोपंत ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यान माला में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए थे। कार्यक्रम में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार भी मौजूद रहे। खान ने कहा- भारतीय मनीषियों ने एकता के सूत्र दिए केरल के राज्यपाल ने भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकात्मता विषय पर बोलते हुए कहा, 'भारतीय मनीषियों ने हजारों साल पहले ही विविधता में एकता के सूत्र दिए थे। गौतम बुद्ध ने अंतिम उपदेश में अप्प दीपो भव की बात बताई थी। जो दरअसल अथर्ववेद की ऋचा का सूत्र है। इसे ही हम अद्वैतवाद या एकात्मता कह सकते हैं। आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानंद ने जो दर्शन दिए, उसकी झलक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के भाषणों में दिखती है और उसी को दत्तोपंत ठेंगड़ी ने विस्तार दिया। लेकिन किसी ने नहीं कहा कि ये सिद्धांत हमारे दिमाग की उपज हैं। उन्होंने कहा कि ये नैसर्गिक है, प्राकृतिक है, दैविक है। हमने केवल ढूंढा है।' आरिफ मोहम्मद ने कहा-हमारे यहां आस्था की अभिव्यक्ति में विविधता है। जब आस्था समान है तो हम सबको एक होना चाहिए। सरकारों को रेगुलेटर नहीं, सपोर्टर बनना होगा नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और अर्थशास्त्री डॉ. राजीव कुमार बोले, 'यदि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र या आत्मनिर्भर बनाना है तो सरकारों को रेगुलेटर (नियंत्रक) के बजाए सपोर्टर (मददगार) की भूमिका में आना होगा। निजी निवेशक देश को आगे बढ़ाएं, साथ ही कमजोर तबकों को मजबूत करना होगा। जीडीपी और पर केपिटा इनकम के पैरामीटर के बजाए तरक्की का सही पैमाना समाज के अंतिम छोर पर मौजूद नीचे के 10 फीसदी लोगों की तरक्की और उनकी इनकम ग्रोथ को बनाना होगा।' पूंजीवाद लंबे समय तक नहीं चलने वाला डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि साम्यवादी अर्थव्यवस्थाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। पूंजीवाद भी लंबे वक्त तक चलने वाला नहीं है। भारत को इन दोनों के बजाए तीसरा रास्ता अपनाना होगा। इसके लिए नए सिरे से सोचने की जरूरत है। भारतीय समाजवादी पूंजीवाद (सोशल केपिटलिस्म) का रास्ता निकालना होगा, जिसमें धर्मशाला पहले बनती है, कारोबार बाद में शुरू होता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी ने अपनी किताब थर्ड-वे में इसी ओर इशारा किया है। हर जिले का विजन डॉक्यूमेंट बनाना चाहिए नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा- विकसित राष्ट्र बनाने का भारत का मौजूदा लक्ष्य फिर से विश्व अर्थव्यवस्था में 16% की हिस्सेदारी हासिल करना है। इसमें केंद्र सरकारों से ज्यादा भूमिका राज्यों की होगी। हमारे यहां जिलों की आबादी ही औसतन 30 लाख की है, दुनिया में इससे कम आबादी के भी कई देश हैं। हर जिले के डेवलपमेंट का विजन डॉक्यूमेंट बनाकर काम करना होगा। आत्मनिर्भर होने का मतलब सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करना नहीं हैं बल्कि दुनियाभर के लिए उत्पादन करना भी है। ये खबर भी पढ़ें... राज्यपाल बोले- डॉक्टर्स मरीज को जेनरिक दवाएं लिखें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, 'जब भारत में अंग्रेजों का शासन था। दुनियाभर में चेचक की बीमारी फैली। तब किसी को चेचक का फोड़ा हुआ, तो बबूल के कांटे से मवाद निकाल लेते थे। यही मवाद चेचक से पीड़ित दूसरे शख्स को लगाते थे। इससे बीमारी की एंटीबॉडी तैयार हो जाती थी।' वहीं, राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा, 'प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स जेनरिक दवाएं लिखें।' पूरी खबर पढ़ें...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow