युवक ने कोतवाली में खुद पर डाला ज्वलनशील पदार्थ, अफसरों को गुमराह करने का आरोप; एडीजी ने जांच के निर्देश दिए, बदायूं में। indiatwoday
बदायूं जिले के सहसवान कोतवाली में एक युवक ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह की कोशिश की। यह मामला अब शासन तक पहुंच चुका है और एडीजी बरेली जोन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। घटना से जुड़े कोतवाल राजेंद्र बहादुर सिंह का झूठ भी सामने आया है, जिसने इस गंभीर घटना को शराबी हंगामा बताकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट ने उनके दावे की पोल खोल दी है। क्या है पूरा मामला? घटना सहसवान कोतवाली इलाके के तिगरा गांव से जुड़ी है, जहां अवधेश नामक व्यक्ति पुलिस कस्टडी में था। अवधेश के बेटे आशीष के खिलाफ मारपीट की तहरीर दी गई थी, जिसमें अवधेश का नाम भी शामिल था। पुलिस के अनुसार, आशीष शराब पीकर दुकानदार से मारपीट कर रहा था, और इसी वजह से मामला कोतवाली तक पहुंचा। कोतवाली में युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास घटना की रात, आशीष अपने पिता की पैरवी के लिए कोतवाली पहुंचा था। वहां उसने तहरीर देने वाले व्यक्ति से बहस की और अचानक खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे बचा लिया और तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जांच हुई। कोतवाल का झूठ आया सामने कोतवाल राजेंद्र बहादुर सिंह ने इस पूरे मामले को शराब के नशे में हंगामा बताते हुए कहा कि युवक ने ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया था, बल्कि शराब पी रखी थी। हालांकि, मेडिकल रिपोर्ट ने इस दावे को झूठा साबित कर दिया, जिसमें स्पष्ट तौर पर ज्वलनशील पदार्थ की गंध पाई गई। इसके बाद अफसरों को गुमराह करने की कोशिश का भी खुलासा हुआ, जिससे कोतवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एडीजी ने दिए जांच के आदेश मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी बरेली जोन ने बदायूं के जिम्मेदार अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। सहसवान कोतवाल ने आरोपी आशीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। एसपी देहात केके सरोज ने बताया कि आशीष ने जानबूझकर अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाला था, ताकि वादी को फंसाया जा सके। फिलहाल, आरोपी को जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
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