कोस्ट गार्ड ने अंडमान में 6 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी:म्यांमार के 6 तस्कर भी गिरफ्तार; यह इस साल की सबसे बड़ी कार्रवाई

कोस्ट गार्ड (तट रक्षक बल) ने सोमवार को बंगाल की खाड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर 6 हजार किलोग्राम ड्रग मेथमफेटामाइन (मेथ) पकड़ी है। यह साल की सबसे बड़ी कार्रवाई है। साथ ही, कोस्ट गार्ड ने पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में मेथ ड्रग पकड़ी है। कोस्ट गार्ड के पैट्रोल विमान डोनियर ने पोर्ट ब्लेयर से लगभग 150 किमी दूर पूर्व में स्थित बैरन आइलैंड में एक फिश ट्रेलर को संदिग्ध रूप से तैरते पाया। कोस्ट गार्ड के शिप ने ट्रेलर को घेर लिया, जिसमें से दो-दो किलो के तीन हजार पैकेट बरामद किए गए। इन पैकेट में मेथ थी। म्यांमार के छह तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा भारत भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। भारत आने वाली ड्रग्स के लगभग 40% हिस्से की खपत लोकल मार्केट में होती है। लेकिन बाकी 60% ड्रग्स भारत से अरब और अफ्रीका जा रही है। INCB (इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो) के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। अब तक यूरोप-अमेरिका को खपत का सबसे बड़ा मार्केट माना जाता था, लेकिन अरब के देश इमर्जिंग मार्केट के रूप में उभरे हैं। यहां लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की ड्रग्स की सप्लाई होती है, जो भारत से होकर गुजरती है। हालांकि भारत में एनसीबी से लेकर अन्य केंद्रीय एजेंसियां लगातार कार्रवाई में जुटी हैं। अरब देशों में सक्रिय भारतीय और पाकिस्तानी क्राइम सिंडिकेट इस ड्रग्स को वहां खपाने के साथ आगे अफ्रीकी देशों में सप्लाई कर रहे हैं। इस कारोबार से अफ्रीका में नारको टेरर भी संचालित हो रहा है। राजनीतिक रूप से अशांत कई अफ्रीकी देशों में ड्रग्स मनी से हथियारबंद विद्रोह चलाए जा रहे हैं। किस रूट का इस्तेमाल लैंड रूट से सप्लाई में जोखिम ज्यादा। समुद्री मार्ग में फिश ट्रेलर और कार्गो जहाजों का इस्तेमाल। भारत में एंट्री पॉइंट: गुजरात, महाराष्ट्र और केरल के तट। पूर्वोत्तर के राज्यों में म्यांमार की सीमा में ड्रग की सप्लाई। मणिपुर में मोरेह और मिजोरम में चंपई बड़े संेटर हैं। यहां ये लोकल खपत के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी सप्लाई होती है। साल के अंत में बड़ी धरपकड़ क्यों... यूरोप और अमेरिका में क्रिसमस व न्यू ईयर का त्योहारी सीजन है। ड्रग्स की खपत बढ़ जाती है। ऐसे काम करता है सिंडिकेट ड्रग सिंडिकेट (गिरोह) मुख्य रूप से पैडलर्स (खुदरा सप्लायर्स) आधारित होता है। सप्लाई के बाद सिंडिकेट चैनल से बाहर हो जाता है। आगे ड्रग बेचने का मुनाफा पैडलर्स के पास होता है। भारत से ऑस्ट्रेलिया में सप्लाई हो र​ही है। हाल में ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने भारत से कनेक्शन वाला बड़ा ड्रग रैकेट पकड़ा था।

Nov 26, 2024 - 05:45
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कोस्ट गार्ड ने अंडमान में 6 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी:म्यांमार के 6 तस्कर भी गिरफ्तार; यह इस साल की सबसे बड़ी कार्रवाई
कोस्ट गार्ड (तट रक्षक बल) ने सोमवार को बंगाल की खाड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर 6 हजार किलोग्राम ड्रग मेथमफेटामाइन (मेथ) पकड़ी है। यह साल की सबसे बड़ी कार्रवाई है। साथ ही, कोस्ट गार्ड ने पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में मेथ ड्रग पकड़ी है। कोस्ट गार्ड के पैट्रोल विमान डोनियर ने पोर्ट ब्लेयर से लगभग 150 किमी दूर पूर्व में स्थित बैरन आइलैंड में एक फिश ट्रेलर को संदिग्ध रूप से तैरते पाया। कोस्ट गार्ड के शिप ने ट्रेलर को घेर लिया, जिसमें से दो-दो किलो के तीन हजार पैकेट बरामद किए गए। इन पैकेट में मेथ थी। म्यांमार के छह तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा भारत भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। भारत आने वाली ड्रग्स के लगभग 40% हिस्से की खपत लोकल मार्केट में होती है। लेकिन बाकी 60% ड्रग्स भारत से अरब और अफ्रीका जा रही है। INCB (इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो) के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। अब तक यूरोप-अमेरिका को खपत का सबसे बड़ा मार्केट माना जाता था, लेकिन अरब के देश इमर्जिंग मार्केट के रूप में उभरे हैं। यहां लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की ड्रग्स की सप्लाई होती है, जो भारत से होकर गुजरती है। हालांकि भारत में एनसीबी से लेकर अन्य केंद्रीय एजेंसियां लगातार कार्रवाई में जुटी हैं। अरब देशों में सक्रिय भारतीय और पाकिस्तानी क्राइम सिंडिकेट इस ड्रग्स को वहां खपाने के साथ आगे अफ्रीकी देशों में सप्लाई कर रहे हैं। इस कारोबार से अफ्रीका में नारको टेरर भी संचालित हो रहा है। राजनीतिक रूप से अशांत कई अफ्रीकी देशों में ड्रग्स मनी से हथियारबंद विद्रोह चलाए जा रहे हैं। किस रूट का इस्तेमाल लैंड रूट से सप्लाई में जोखिम ज्यादा। समुद्री मार्ग में फिश ट्रेलर और कार्गो जहाजों का इस्तेमाल। भारत में एंट्री पॉइंट: गुजरात, महाराष्ट्र और केरल के तट। पूर्वोत्तर के राज्यों में म्यांमार की सीमा में ड्रग की सप्लाई। मणिपुर में मोरेह और मिजोरम में चंपई बड़े संेटर हैं। यहां ये लोकल खपत के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी सप्लाई होती है। साल के अंत में बड़ी धरपकड़ क्यों... यूरोप और अमेरिका में क्रिसमस व न्यू ईयर का त्योहारी सीजन है। ड्रग्स की खपत बढ़ जाती है। ऐसे काम करता है सिंडिकेट ड्रग सिंडिकेट (गिरोह) मुख्य रूप से पैडलर्स (खुदरा सप्लायर्स) आधारित होता है। सप्लाई के बाद सिंडिकेट चैनल से बाहर हो जाता है। आगे ड्रग बेचने का मुनाफा पैडलर्स के पास होता है। भारत से ऑस्ट्रेलिया में सप्लाई हो र​ही है। हाल में ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने भारत से कनेक्शन वाला बड़ा ड्रग रैकेट पकड़ा था।

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