मेंहदावल विकासखंड में भ्रष्टाचार का खुलासा:ग्राम पंचायतों में फर्जी बाउचरों से करोड़ों का घोटाला, जांच के आदेश के बाद भी कार्रवाई शून्य
जनपद का मेंहदावल विकासखंड एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गया है। यहां ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा फर्जी बाउचरों के जरिए एक करोड़ से अधिक की अवैध फीडिंग कराई गई। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर बेहतर रैंकिंग पाने के लिए यह खेल खेला गया। डीपीआरओ के आदेश के बावजूद सहायक विकास अधिकारी पंचायत (एडीओ पंचायत) राजेश कुमार पांडे दोषी सचिवों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। क्या है मामला? विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत ददरा, जब्बार, बनकसिया, तुनिहवा और श्रीनगर समेत एक दर्जन से अधिक पंचायतों में फर्जी बाउचरों के जरिए करोड़ों रुपये का भुगतान दिखाया गया। जांच और कार्रवाई में ढिलाई डीपीआरओ राजेश कुमार ने दो दिन पहले एडीओ पंचायत को आरोपित सचिवों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। हालांकि, तीन दिन बीतने के बावजूद कार्रवाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं। एडीओ पंचायत की भूमिका पर सवाल चर्चा है कि एडीओ पंचायत राजेश कुमार पांडेय ने सचिवों को बचाने के लिए अवैध फीडिंग को डिलीट कराने में भूमिका निभाई। स्थानीय लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार के इस खेल को प्रशासन की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। डीपीआरओ का बयान डीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा, "यदि एडीओ पंचायत ने कार्रवाई नहीं की है, तो यह गंभीर विषय है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। मामले की जांच कराई जा रही है।"
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