खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान:सहकारी समितियां पर लटक रहे ताले, खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान

हाथरस में किसानों को पर्याप्त डीएपी नहीं मिल रही। किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर सहकारी समितियां पर ताला लटका हुआ है। किसान निराश होकर वापस‌ लौट गए। किसानों का आरोप था कि उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा। खाद की कालाबाजारी हो रही है। किसानों का कहना है कि खाद के वितरण में मनमर्जी की जा रही है। समितियां के कर्मचारी और अधिकारी अपने चहेतों को खाद दे रहे हैं। जिले में किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल रही। इससे किसानों की खेती-बाड़ी प्रभावित हो रही है। इसे लेकर किसान कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खाद को लेकर मारामारी मची हुई है। किसानों का कहना है कि वह रोजाना सहकारी समितियां के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। उन्हें ज्यादा पैसे देकर बाजार से खाद खरीदना पड़ रहा है। कुछ सहकारी समितियां पर आज किसान इंतजार करते रहे। लेकिन सहकारी समितियां नहीं खुली और किसान वापस लौट गए। डीएपी की कालाबाजारी का आरोप किसानों का कहना है कि इस बार खाद का वितरण काफी कम हुआ है। उन्हें मजबूरी में बाजार से खाद खरीदना का पड़ रहा है। कुछ किसानों का यह भी कहना है कि वह अभी इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है कि उन्हें खाद मिल जाए। किसानों ने कालाबाजारी का आरोपी लगाया।

Nov 17, 2024 - 16:35
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खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान:सहकारी समितियां पर लटक रहे ताले, खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान
हाथरस में किसानों को पर्याप्त डीएपी नहीं मिल रही। किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर सहकारी समितियां पर ताला लटका हुआ है। किसान निराश होकर वापस‌ लौट गए। किसानों का आरोप था कि उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा। खाद की कालाबाजारी हो रही है। किसानों का कहना है कि खाद के वितरण में मनमर्जी की जा रही है। समितियां के कर्मचारी और अधिकारी अपने चहेतों को खाद दे रहे हैं। जिले में किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल रही। इससे किसानों की खेती-बाड़ी प्रभावित हो रही है। इसे लेकर किसान कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खाद को लेकर मारामारी मची हुई है। किसानों का कहना है कि वह रोजाना सहकारी समितियां के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। उन्हें ज्यादा पैसे देकर बाजार से खाद खरीदना पड़ रहा है। कुछ सहकारी समितियां पर आज किसान इंतजार करते रहे। लेकिन सहकारी समितियां नहीं खुली और किसान वापस लौट गए। डीएपी की कालाबाजारी का आरोप किसानों का कहना है कि इस बार खाद का वितरण काफी कम हुआ है। उन्हें मजबूरी में बाजार से खाद खरीदना का पड़ रहा है। कुछ किसानों का यह भी कहना है कि वह अभी इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है कि उन्हें खाद मिल जाए। किसानों ने कालाबाजारी का आरोपी लगाया।

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