गोंडा में बढ़ी बुखार के मरीजों की संख्या:मेडिकल कॉलेज में उमड़ी लोगों की भीड़, साफ-सफाई को लेकर लोगों में जागरूकता जरूरी

गोंडा में जैसे-जैसे ठंडक धीरे-धीरे दस्तक देना शुरू कर दी है। वैसे-वैसे बदलते मौसम के कारण लोग संक्रामक बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं। गोंडा में प्रतिदिन 200 से लेकर के 300 बुखार के मरीज मिल रहे हैं। सभी मरीजों का प्राथमिक इलाज के बाद घरों पर रहकर के इलाज करवाने की सलाह दी जा रही है। गोंडा मेडिकल कॉलेज की अगर बात करें इलाज करवाने आ रहे मरीजों की तो गोंडा मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ लगी रहती है। लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर के गोंडा मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज करवा रहे हैं। गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने आ रहे मरीजों की लंबी-लंबी लाइन देखने को मिल रही है। डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दवाइयां देकर के घर पर ही रहकर परहेज करने की भी सलाह दी जा रही है। 5000 से अधिक बुखार से पीड़ित गोंडा में जनवरी से लेकर के अब तक 5000 बुखार के मरीजों का मेडिकल कॉलेज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज किया जा चुका है। वहीं नवंबर महीने की अगर बात करें तो नवंबर महीने में भी 8 दिन के अंदर 200 से अधिक बुखार के मरीज मिल चुके हैं। जिनका प्राथमिक इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और गोंडा मेडिकल कॉलेज में किया गया है। साथ ही बुखार की शिकायत होने पर गांव-गांव जाकर के आशाओं द्वारा लोगों को दवाइयां दी जा रही है। अपने आसपास साफ-सफाई करने को लेकर के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की तैनाती की गई है। पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध है। ताकि किसी भी प्रकार की दिक्कत लोगों को ना हो और मरीज का सही ढंग से इलाज किया जाए। सीएमओ बोलीं- घर के आसपास ना फैलने दे गंदगी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि बुखार, जुखाम के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। क्योंकि मौसम बदल रहा है। वैसे-वैसे मरीजों को दिक्कतें भी हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की दिक्कत मरीजों को इलाज के दौरान नहीं होने पा रही है। पर्याप्त मात्रा में सभी जगह पर दवाएं उपलब्ध है। डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं। जहां पर ज्यादा मरीज निकल रहे हैं। वहां पर दवाइयां का छिड़काव करवा करके जांच कराई जा रही है।

Nov 8, 2024 - 17:35
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गोंडा में बढ़ी बुखार के मरीजों की संख्या:मेडिकल कॉलेज में उमड़ी लोगों की भीड़, साफ-सफाई को लेकर लोगों में जागरूकता जरूरी
गोंडा में जैसे-जैसे ठंडक धीरे-धीरे दस्तक देना शुरू कर दी है। वैसे-वैसे बदलते मौसम के कारण लोग संक्रामक बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं। गोंडा में प्रतिदिन 200 से लेकर के 300 बुखार के मरीज मिल रहे हैं। सभी मरीजों का प्राथमिक इलाज के बाद घरों पर रहकर के इलाज करवाने की सलाह दी जा रही है। गोंडा मेडिकल कॉलेज की अगर बात करें इलाज करवाने आ रहे मरीजों की तो गोंडा मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ लगी रहती है। लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर के गोंडा मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज करवा रहे हैं। गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने आ रहे मरीजों की लंबी-लंबी लाइन देखने को मिल रही है। डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दवाइयां देकर के घर पर ही रहकर परहेज करने की भी सलाह दी जा रही है। 5000 से अधिक बुखार से पीड़ित गोंडा में जनवरी से लेकर के अब तक 5000 बुखार के मरीजों का मेडिकल कॉलेज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज किया जा चुका है। वहीं नवंबर महीने की अगर बात करें तो नवंबर महीने में भी 8 दिन के अंदर 200 से अधिक बुखार के मरीज मिल चुके हैं। जिनका प्राथमिक इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और गोंडा मेडिकल कॉलेज में किया गया है। साथ ही बुखार की शिकायत होने पर गांव-गांव जाकर के आशाओं द्वारा लोगों को दवाइयां दी जा रही है। अपने आसपास साफ-सफाई करने को लेकर के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की तैनाती की गई है। पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध है। ताकि किसी भी प्रकार की दिक्कत लोगों को ना हो और मरीज का सही ढंग से इलाज किया जाए। सीएमओ बोलीं- घर के आसपास ना फैलने दे गंदगी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि बुखार, जुखाम के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। क्योंकि मौसम बदल रहा है। वैसे-वैसे मरीजों को दिक्कतें भी हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की दिक्कत मरीजों को इलाज के दौरान नहीं होने पा रही है। पर्याप्त मात्रा में सभी जगह पर दवाएं उपलब्ध है। डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं। जहां पर ज्यादा मरीज निकल रहे हैं। वहां पर दवाइयां का छिड़काव करवा करके जांच कराई जा रही है।

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