बलरामपुर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव:लोकतंत्र सेनानी ने मंडलायुक्त को दिया ज्ञापन, बोले- CHC रेफरल यूनिट बनकर रह गया

बलरामपुर में लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने मंडलायुक्त देवीपाटन मण्डल शशि भूषण लाल सुशील को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उतरौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस केंद्र में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। जिससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। लोकतंत्र सेनानी ने कहा- उतरौला प्रदेश की पुरानी तहसीलों में से एक है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत पिछड़ी हुई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशेषज्ञ डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के चलते मात्र एक रेफरल यूनिट बनकर रह गया है। अस्थि और हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी को प्रमुख मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में नियुक्त किए गए विशेषज्ञ डॉक्टरों को निजी अस्पतालों के दबाव में स्थानांतरित कर दिया गया था। ईसीजी ​​​​​​ के लिए मरीजों को लखनऊ जाना पड़ता है स्वतंत्रता सेनानी ने बताया- ईसीजी जैसी जरूरी सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को लखनऊ तक जाना पड़ता है और अल्ट्रासाउंड के लिए निजी केंद्रों पर महंगा खर्च करना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में कई लैब सहायक पद भी खाली पड़े हैं। जिससे जांच और जीवन रक्षक दवाओं का गंभीर अभाव है। छोटे भवन के चलते ओपीडी और भर्ती कक्षों में मरीजों को अत्यधिक असुविधा होती है। मंडलायुक्त ​​​​​​​से विशेषज्ञ की तैनाती की मांग उन्होंने मंडलायुक्त से विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, आवश्यक उपकरणों, अल्ट्रासाउंड सुविधा और जीवन रक्षक दवाओं की पूर्ति की मांग की। जिससे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।

Nov 8, 2024 - 17:35
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बलरामपुर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव:लोकतंत्र सेनानी ने मंडलायुक्त को दिया ज्ञापन, बोले- CHC रेफरल यूनिट बनकर रह गया
बलरामपुर में लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने मंडलायुक्त देवीपाटन मण्डल शशि भूषण लाल सुशील को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उतरौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस केंद्र में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। जिससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। लोकतंत्र सेनानी ने कहा- उतरौला प्रदेश की पुरानी तहसीलों में से एक है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत पिछड़ी हुई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशेषज्ञ डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के चलते मात्र एक रेफरल यूनिट बनकर रह गया है। अस्थि और हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी को प्रमुख मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में नियुक्त किए गए विशेषज्ञ डॉक्टरों को निजी अस्पतालों के दबाव में स्थानांतरित कर दिया गया था। ईसीजी ​​​​​​ के लिए मरीजों को लखनऊ जाना पड़ता है स्वतंत्रता सेनानी ने बताया- ईसीजी जैसी जरूरी सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को लखनऊ तक जाना पड़ता है और अल्ट्रासाउंड के लिए निजी केंद्रों पर महंगा खर्च करना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में कई लैब सहायक पद भी खाली पड़े हैं। जिससे जांच और जीवन रक्षक दवाओं का गंभीर अभाव है। छोटे भवन के चलते ओपीडी और भर्ती कक्षों में मरीजों को अत्यधिक असुविधा होती है। मंडलायुक्त ​​​​​​​से विशेषज्ञ की तैनाती की मांग उन्होंने मंडलायुक्त से विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, आवश्यक उपकरणों, अल्ट्रासाउंड सुविधा और जीवन रक्षक दवाओं की पूर्ति की मांग की। जिससे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।

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