गोरखपुर में बनेगा हाई-टेक डोमेस्टिक हेजार्डस प्लांट:7 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा हाईटेक प्लांट, खतरनाक कचरे का होगा निस्तारण

गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के सुथनी ग्रामसभा में 40 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड गारबेज सिटी परियोजना के तहत एक अत्याधुनिक डोमेस्टिक हेजार्डस प्लांट की स्थापना की जा रही है। इस प्लांट के निर्माण का मुख्य उद्देश्य घरेलू खतरनाक कचरे का सुरक्षित निपटान और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। परियोजना के तहत भूमि पूजन संपन्न हुआ। प्लाजा तकनीक पर आधारित इस प्लांट का निर्माण, संचालन और रखरखाव VDK फैसेलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म को सौंपा गया है। भूमि पूजन के दौरान फर्म की डिप्टी CEO नीतिका पाण्डेय ने बताया कि एक साल के भीतर प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा। 7 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा अत्याधुनिक प्लांट करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह प्लांट प्रतिदिन 5 टन घरेलू खतरनाक कचरे का निपटान करेगा। नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि यह परियोजना गोरखपुर को “गारबेज फ्री सिटी” का दर्जा दिलाने के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी। इसके अलावा, प्लांट कचरे के सुरक्षित निपटान, रिसाइक्लिंग और पर्यावरण संरक्षण के साथ मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। क्या है घरेलू खतरनाक कचरा? घरेलू खतरनाक कचरा उन उत्पादों से बनता है, जो विषैले, ज्वलनशील या विस्फोटक होते हैं। इनमें पेंट, पेंट थिनर, कीटनाशक, उर्वरक, गैसोलीन, बैटरी, फर्नीचर पॉलिश, ड्रेन ओपनर और ओवन क्लीनर जैसे पदार्थ शामिल हैं। इनका अनजान तरीके से उपयोग न केवल पर्यावरण बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। इन उत्पादों के सुरक्षित निपटान के अभाव में ये मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित कर सकते हैं। प्लांट निर्माण और संचालन की समय सीमा फर्म की डिप्टी CEO नीतिका पाण्डेय ने कहा कि प्लांट का निर्माण एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण के बाद अगले दो वर्षों तक फर्म को इसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह प्लांट गोरखपुर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की दिशा में एक नई क्रांति लेकर आएगा। पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर मुख्य अभियंता संजय चौहान के मुताबिक, यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। घरेलू खतरनाक कचरे का सुरक्षित निपटान न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि रिसाइक्लिंग और कचरे से संसाधन पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देगा। परियोजना के तहत सटीक निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा, जिससे कचरा प्रबंधन को पूरी तरह वैज्ञानिक और प्रभावी बनाया जा सके।

Nov 21, 2024 - 12:55
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गोरखपुर में बनेगा हाई-टेक डोमेस्टिक हेजार्डस प्लांट:7 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा हाईटेक प्लांट, खतरनाक कचरे का होगा निस्तारण
गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के सुथनी ग्रामसभा में 40 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड गारबेज सिटी परियोजना के तहत एक अत्याधुनिक डोमेस्टिक हेजार्डस प्लांट की स्थापना की जा रही है। इस प्लांट के निर्माण का मुख्य उद्देश्य घरेलू खतरनाक कचरे का सुरक्षित निपटान और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। परियोजना के तहत भूमि पूजन संपन्न हुआ। प्लाजा तकनीक पर आधारित इस प्लांट का निर्माण, संचालन और रखरखाव VDK फैसेलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म को सौंपा गया है। भूमि पूजन के दौरान फर्म की डिप्टी CEO नीतिका पाण्डेय ने बताया कि एक साल के भीतर प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा। 7 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा अत्याधुनिक प्लांट करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह प्लांट प्रतिदिन 5 टन घरेलू खतरनाक कचरे का निपटान करेगा। नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि यह परियोजना गोरखपुर को “गारबेज फ्री सिटी” का दर्जा दिलाने के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी। इसके अलावा, प्लांट कचरे के सुरक्षित निपटान, रिसाइक्लिंग और पर्यावरण संरक्षण के साथ मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। क्या है घरेलू खतरनाक कचरा? घरेलू खतरनाक कचरा उन उत्पादों से बनता है, जो विषैले, ज्वलनशील या विस्फोटक होते हैं। इनमें पेंट, पेंट थिनर, कीटनाशक, उर्वरक, गैसोलीन, बैटरी, फर्नीचर पॉलिश, ड्रेन ओपनर और ओवन क्लीनर जैसे पदार्थ शामिल हैं। इनका अनजान तरीके से उपयोग न केवल पर्यावरण बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। इन उत्पादों के सुरक्षित निपटान के अभाव में ये मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित कर सकते हैं। प्लांट निर्माण और संचालन की समय सीमा फर्म की डिप्टी CEO नीतिका पाण्डेय ने कहा कि प्लांट का निर्माण एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण के बाद अगले दो वर्षों तक फर्म को इसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह प्लांट गोरखपुर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की दिशा में एक नई क्रांति लेकर आएगा। पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर मुख्य अभियंता संजय चौहान के मुताबिक, यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। घरेलू खतरनाक कचरे का सुरक्षित निपटान न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि रिसाइक्लिंग और कचरे से संसाधन पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देगा। परियोजना के तहत सटीक निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा, जिससे कचरा प्रबंधन को पूरी तरह वैज्ञानिक और प्रभावी बनाया जा सके।

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