गोरखपुर सिविल कोर्ट के वकीलों की हड़ताल जारी:अंबेडकर चौराहे पर किया जमकर विरोध प्रदर्शन, इंस्पेक्टर कैंट को सस्पेंड करने की मांग

गोरखपुर में वकीलों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। गुरुवार को भी सिविल कोर्ट अधिवक्ता कार्य बहिष्कार पर हैं। सुबह सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुए अंबेडकर चौराहे पर पहुंचे और यहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही ADM सिटी अंजनी सिंह वहां पहुंचे और उन्होंने अधिवक्ताओं से बात की। वकीलों ने ADM सिटी को ज्ञापन सौंपकर कैंट इंस्पेक्टर संजय सिंह को तत्काल सस्पेंड करने और वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र दुबे के हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। ADM सिटी ने बताया कि अधिवक्ताओं से ज्ञापन लिया गया है। उनकी मांगों को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाकर उसका जल्द से जल्द हल निकाला जाएगा। हमलावरों को पकड़कर पुलिस को सौंपा था दरअसल, 18 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र दुबे पर हमले की साजिश रची गई थी। तीन युवक वकील पर हमला करने सिविल कोर्ट पहुंचे थे। एक कंबल ओढ़कर उनपर हमले की फिराक में था कि इससे पहले वहां मौजूद अधिवक्ताओं को इसकी भनक लग गई। अधिवक्ताओं ने इनमें से दो हमलावरों को पकड़ लिया, जबकि तीसरा युवक, जो कथित तौर पर पिस्टल लेकर आया था, वह फरार हो गया। वकीलों ने पकड़े गए आरोपियों की जमकर पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपियों को थाने से जल्दबाजी में छोड़ दिया गया इस विवाद के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा (307) के तहत केस दर्ज किया। लेकिन अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें जल्दबाजी में थाने से छोड़ दिया, जिसके बाद से ही अधिवक्ता लगातार प्रदर्शन कर कार्यबहिष्कार पर हैं। सुरक्षा को लेकर बढ़ी वकीलों की चिंता हालांकि, कोर्ट सहित अन्य संवेदनशील जगहों के सुरक्षा की जिम्मेदारी अब SSF (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के हाथों में है। बावजूद इसके इस घटना के बाद कचहरी परिसर में हड़कंप मच गया और अधिवक्ता अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह सवाल कि कैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपियों को बिना ठोस कार्रवाई के छोड़ दिया गया। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। अधिवक्ताओं ने अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Nov 28, 2024 - 20:20
 0  3k
गोरखपुर सिविल कोर्ट के वकीलों की हड़ताल जारी:अंबेडकर चौराहे पर किया जमकर विरोध प्रदर्शन, इंस्पेक्टर कैंट को सस्पेंड करने की मांग
गोरखपुर में वकीलों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। गुरुवार को भी सिविल कोर्ट अधिवक्ता कार्य बहिष्कार पर हैं। सुबह सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुए अंबेडकर चौराहे पर पहुंचे और यहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही ADM सिटी अंजनी सिंह वहां पहुंचे और उन्होंने अधिवक्ताओं से बात की। वकीलों ने ADM सिटी को ज्ञापन सौंपकर कैंट इंस्पेक्टर संजय सिंह को तत्काल सस्पेंड करने और वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र दुबे के हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। ADM सिटी ने बताया कि अधिवक्ताओं से ज्ञापन लिया गया है। उनकी मांगों को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाकर उसका जल्द से जल्द हल निकाला जाएगा। हमलावरों को पकड़कर पुलिस को सौंपा था दरअसल, 18 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र दुबे पर हमले की साजिश रची गई थी। तीन युवक वकील पर हमला करने सिविल कोर्ट पहुंचे थे। एक कंबल ओढ़कर उनपर हमले की फिराक में था कि इससे पहले वहां मौजूद अधिवक्ताओं को इसकी भनक लग गई। अधिवक्ताओं ने इनमें से दो हमलावरों को पकड़ लिया, जबकि तीसरा युवक, जो कथित तौर पर पिस्टल लेकर आया था, वह फरार हो गया। वकीलों ने पकड़े गए आरोपियों की जमकर पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपियों को थाने से जल्दबाजी में छोड़ दिया गया इस विवाद के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा (307) के तहत केस दर्ज किया। लेकिन अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें जल्दबाजी में थाने से छोड़ दिया, जिसके बाद से ही अधिवक्ता लगातार प्रदर्शन कर कार्यबहिष्कार पर हैं। सुरक्षा को लेकर बढ़ी वकीलों की चिंता हालांकि, कोर्ट सहित अन्य संवेदनशील जगहों के सुरक्षा की जिम्मेदारी अब SSF (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के हाथों में है। बावजूद इसके इस घटना के बाद कचहरी परिसर में हड़कंप मच गया और अधिवक्ता अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह सवाल कि कैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपियों को बिना ठोस कार्रवाई के छोड़ दिया गया। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। अधिवक्ताओं ने अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow