घरेलू विवाद से तंग महिला सुसाइड करने निकली:भाई से बोली- बच्ची के साथ मरने जा रही, समय रहते पुलिस ने रोका
लखनऊ के पारा इलाके में दो साल की बेटी के साथ आत्महत्या करने घर से निकली महिला को पारा पुलिस ने बचा लिया। शनिवार दोपहर पुलिस के पास एक युवक ने कॉल करके बताया कि उसकी बहन सुसाइड करने जा रही है। जिसके बाद तत्परता दिखाते हुए महिला व बच्ची को रोक गया। महिला ने घर से निकलने के पहले अपने भाई के मोबाइल पर मैसेज किया था।थाना प्रभारी पारा ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 11ः20 बजे डेल्टा पर सूचना प्राप्त हुई थी। आलमबाग शांतिपुरम रेलवे कॉलोनी में रहने वाले पीड़ित अंगद ने सूचना दी थी कि पारा पिंक सिटी में रहने वाली उसकी बहन आत्महत्या करने जा रही है। पुलिस ने मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाकर महिला को बुद्धेश्वर चौराहे के पास खोज निकाला। महिला दो वर्षीय बेटी के साथ आत्महत्या करने जा रही थी। पुलिस के मुताबिक महिला का पति से घरेलू विवाद हुआ था। कांसलिंग कराकर महिला को पुलिस ने पीड़ित भाई के सुपुर्द कर दिया है।

घरेलू विवाद से तंग महिला सुसाइड करने निकली
एक दर्दनाक घटना में, एक महिला घरेलू विवाद के कारण इतनी परेशान हो गई कि उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। महिला ने अपने भाई से कहा कि वह अपनी बच्ची के साथ मरने जा रही है। यह सुनकर भाई सकते में आ गया और उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया। समय रहते पुलिस ने महिला और उसकी बच्ची को बचा लिया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई। इस मामले ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि घरेलू विवादों के कारण मानसिक तनाव किस कदर बढ़ सकता है।
घरेलू विवाद की बढ़ती समस्याएं
घरेलू विवाद आज की समय की एक गंभीर समस्या बन गई है। मानसिक तनाव, आर्थिक कठिनाइयाँ और अन्य सामाजिक समस्याएं लोगों को इस दिशा में धकेल रही हैं। विशेषकर महिलाओं के लिए यह और भी मुश्किल भरा होता है। अक्सर महिला मानसिक पीड़ा के कारण अकेलेपन में ही अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने लगती हैं, जो अंततः गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है।
पुलिस की तत्परता और लोगों की जिम्मेदारी
इस मामले में, पुलिस ने समय पर कार्रवाई की, जो कि सराहनीय है। लेकिन यह केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। समाज के प्रत्येक सदस्य का कर्तव्य है कि वे अपने आस-पास के लोगों की भलाई का ध्यान रखें। किसी भी प्रकार के घरेलू कलह या मानसिक तनाव के मामले में तुरंत सहायता प्रदान करना आवश्यक है।
मदद मांगने की आवश्यकता
अगर आप या आपके जानने वाले किसी घरेलू विवाद या मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो मदद मांगने में संकोच न करें। कई संगठन और हेल्पलाइन उपलब्ध हैं, जो लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर हैं। याद रखें, अकेले लड़ना कोई समाधान नहीं है।
समाज में जागरूकता बढ़ाना और ऐसे मामलों में शीघ्रता से प्रतिक्रिया देना सभी की जिम्मेदारी है। यह घटना हमें यह संदेश देती है कि मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझना और उसका ध्यान रखना अनिवार्य है।
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