संभल जामा मस्जिद सदर जफर अली CJM कोर्ट में पेश:जामा मस्जिद पर अवैध निर्माण और धमकी देने के दो अलग मामलों में सुनवाई
संभल जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। उन पर दो अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनकी जांच फिलहाल जारी है। कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया और परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पहला मामला 2018 में बिना अनुमति कराया निर्माण जफर अली पर पहला मामला जनवरी 2018 में दर्ज हुआ था। कोतवाली संभल में तैनात एएसआई की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप था कि विवादित स्थल पर बिना अनुमति रेलिंग और अन्य निर्माण कार्य कराया गया था। इसे लेकर कई बार प्रशासन को आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। दूसरा मामला धमकी और गाली-गलौज का आरोप दूसरा मामला 3 अप्रैल 2020 का है। मौलाना मुईन अशरफ ने कोतवाली संभल में शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में जफर अली पर धारा 504 (गालीगलौज) और 506 (धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया गया। इन दोनों मामलों को लेकर कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया जारी है। हिंसा मामले में पहले ही हो चुकी है पूछताछ संभल हिंसा को लेकर जफर अली पहले से ही जांच एजेंसियों के रडार पर थे। 23 मार्च को उन्हें एसआईटी द्वारा तलब किया गया, जहां उनसे करीब चार घंटे तक सवाल-जवाब किए गए। पूछताछ के दौरान उनसे हिंसा की घटनाओं, उनकी भूमिका और विवादित स्थल से जुड़े मामलों पर विस्तृत जानकारी ली गई। पूछताछ के बाद कोतवाली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। कोर्ट में पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा सोमवार को जब जफर अली को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, तो प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में नजर आया। कोर्ट परिसर और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसी भी तरह की अफरा-तफरी या विरोध की आशंका को देखते हुए बैरिकेडिंग की गई और हर आने-जाने वाले पर नजर रखी गई। सुरक्षा के इन पुख्ता इंतजामों के बीच जफर अली की पेशी शांति और व्यवस्था के साथ पूरी की गई। ----------------------------------------------------------------- ये खबर भी पढ़ेंः- हर्षा रिछारिया की यात्रा में शामिल मुस्लिम युवती कौन?:हिंदू से लव-मैरिज, सिर पर हिजाब-माथे पर टीका, कहती है-हिंदुओं को जगाने आई हूं महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक की पदयात्रा पर हैं। मथुरा की अलीशा खान भी यात्रा में शामिल हुईं। बुर्का और हिजाब में माथे पर टीका लगवाया। जय श्रीराम के नारे भी लगाए। पूरी खबर पढ़ें...

संभल जामा मस्जिद सदर जफर अली CJM कोर्ट में पेश
संभल की जामा मस्जिद में सदर जफर अली ने स्थानीय CJM कोर्ट में पेश किया गया। यह पेशी जामा मस्जिद पर अवैध निर्माण और धमकी देने के आरोपों के संदर्भ में हो रही है। सुनवाई के दौरान, जफर अली ने अपने बचाव में कई महत्वपूर्ण बातें रखीं। अदालत में यह मामला बीते कुछ महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है।
जामा मस्जिद पर अवैध निर्माण के आरोप
जामा मस्जिद पर अवैध निर्माण के मामले में आरोप लगाया गया है कि यह निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह अवैध निर्माण कई तरह की परेशानियों का कारण बन रहा है। CJM कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान, प्राधिकृत बयान और दस्तावेजों को प्रस्तुत किया गया। जफर अली का कहना था कि सभी निर्माण कार्य विधिक रूप से किए गए हैं और उन्हें उचित अनुमति प्राप्त थी।
धमकी देने के मामलों में सुनवाई
इसके साथ ही, धमकी देने के मामलों में सुनवाई भी हो रही है, जिसमें आरोप है कि जफर अली ने कुछ व्यक्तियों को धमकी दी थी। इस मामले में भी जफर अली ने खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास किया। उनके वकील ने अदालत में प्रस्तुत किया कि आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है, और यह मामलों को राजनीतिक प्रेरणा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
अगले कदम और कोर्ट की प्रतिक्रिया
CJM कोर्ट ने दोनों मामलों में अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जफर अली को सभी पक्षों को सुने जाने के बाद ही अंतिम निर्णय देने का आश्वासन दिया। यह सुनवाई समाज में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और अवैध निर्माण के मुद्दों पर विचार करने की भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस मामले के चलते जामा मस्जिद की स्थानीय जनसामान्य में चिंता बढ़ी है, और लोग इससे जुड़े विकास पर नज़र रख रहे हैं। इस संग्रह का मुख्य उद्देश्य था जनता के प्रति न्याय प्रदान करना और अवैध निर्माण के मुद्दों को सुलझाना।
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