चित्रकूट में दिवाली पर महाआरती-दीपोत्सव का आयोजन:50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने, दीपदान करने की संभावना

चित्रकूट के परिक्रमा मार्ग स्थित कामदगिरि महाआरती स्थल पर दीपावली मेले के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन संत विपिन विराट महाराज के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें दीपावली के दिन विशेष रूप से 11,000 दीपक महाआरती स्थल पर जलाए जाएंगे। इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध दिवारी नृत्य भी प्रस्तुत किया जाएगा। जिसमें 50 स्थानीय कलाकार तालियों की धुन पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह तीन दिवसीय आयोजन महा आरती ग्राउंड पर प्रतिदिन महाआरती के साथ संपन्न होगा। विपिन विराट महाराज ने बताया कि जिस दिन भगवान श्री रामलला अयोध्या में विराजमान हुए थे। उसी दिन से कामदगिरि महाआरती की परंपरा प्रारंभ की गई थी। यहां प्रतिदिन 10 संत भगवान कामदगिरि पर्वत की आरती करते हैं, साथ ही 1100 हनुमान चालीसा का पाठ भी होता है। दीपावली के इस पावन अवसर पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु महा आरती में भाग लेने आते हैं। महाराज ने बताया कि इस वर्ष दीपावली पर 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने और दीपदान करने की संभावना है। संत विपिन विराट महाराज ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जब लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौट रहे थे, तब पुष्पक विमान से चित्रकूट में उतरे थे। उनके स्वागत में संतों और महंतों ने दीप जलाकर आरती की थी और इसी दिन से दीपावली का यह भावनात्मक त्योहार मनाया जाने लगा। चित्रकूट में इस ऐतिहासिक और धार्मिक महोत्सव को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का उमड़ने का अनुमान है। जो अपने आराध्य की महाआरती और दीपोत्सव में भाग लेकर धर्म और संस्कृति से जुड़ने का अवसर पाएंगे।

Oct 28, 2024 - 17:25
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चित्रकूट में दिवाली पर महाआरती-दीपोत्सव का आयोजन:50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने, दीपदान करने की संभावना
चित्रकूट के परिक्रमा मार्ग स्थित कामदगिरि महाआरती स्थल पर दीपावली मेले के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन संत विपिन विराट महाराज के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें दीपावली के दिन विशेष रूप से 11,000 दीपक महाआरती स्थल पर जलाए जाएंगे। इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध दिवारी नृत्य भी प्रस्तुत किया जाएगा। जिसमें 50 स्थानीय कलाकार तालियों की धुन पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह तीन दिवसीय आयोजन महा आरती ग्राउंड पर प्रतिदिन महाआरती के साथ संपन्न होगा। विपिन विराट महाराज ने बताया कि जिस दिन भगवान श्री रामलला अयोध्या में विराजमान हुए थे। उसी दिन से कामदगिरि महाआरती की परंपरा प्रारंभ की गई थी। यहां प्रतिदिन 10 संत भगवान कामदगिरि पर्वत की आरती करते हैं, साथ ही 1100 हनुमान चालीसा का पाठ भी होता है। दीपावली के इस पावन अवसर पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु महा आरती में भाग लेने आते हैं। महाराज ने बताया कि इस वर्ष दीपावली पर 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने और दीपदान करने की संभावना है। संत विपिन विराट महाराज ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जब लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौट रहे थे, तब पुष्पक विमान से चित्रकूट में उतरे थे। उनके स्वागत में संतों और महंतों ने दीप जलाकर आरती की थी और इसी दिन से दीपावली का यह भावनात्मक त्योहार मनाया जाने लगा। चित्रकूट में इस ऐतिहासिक और धार्मिक महोत्सव को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का उमड़ने का अनुमान है। जो अपने आराध्य की महाआरती और दीपोत्सव में भाग लेकर धर्म और संस्कृति से जुड़ने का अवसर पाएंगे।

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