चित्रकूट में फिर लगी मौत को दावत देने वाली प्रदर्शन:मेले में सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़, पिछली साल 4 मासूमों ने गंवाई थी जान
चित्रकूट के कर्वी क्षेत्र में दीपोत्सव सेल बाजार और प्रदर्शनी मेला शुरू होते ही एक बार फिर लापरवाही की खतरनाक तस्वीरें सामने आई हैं। चित्रकूट इंटर कॉलेज के सामने लगने वाले इस मेले में व्यवस्थाओं और सुरक्षा को लेकर प्रशासन की आंखें बंद हैं। यह वही स्थान है जहां पिछले हादसे में चार मासूम बच्चों की जान चली गई थी। बिना जांच-परख के झूले चलाए जा रहे प्रदर्शनी मे ठेकेदार द्वारा लगाए गए बड़े-बड़े झूले बिना टेक्निकल टेस्टिंग के ही चालू कर दिए गए हैं। ये झूले बच्चों और बड़ों की जान के लिए खतरा बन सकते हैं। नियमानुसार झूले लगाने के बाद उनकी तकनीकी जांच आवश्यक है, लेकिन ठेकेदार ने अधिक पैसे कमाने के चक्कर में इसे नजरअंदाज कर दिया है। बिजली के तारों से बड़ा खतरा झूलों के खंभों पर बिजली के तार दौड़ाए गए हैं और सैकड़ों ट्यूबलाइट्स लगाई गई हैं। इन तारों पर जगह-जगह टेप लपेटे गए हैं, जिससे बिजली लीकेज का खतरा बढ़ गया है। कई जगह बिजली के तार खुले में बिखरे हुए हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। नियमानुसार तारों को प्लास्टिक पाइप के अंदर ले जाना चाहिए, लेकिन यहां नियमों की अनदेखी साफ झलकती है। फायर सेफ्टी और सुरक्षा के इंतजाम नदारद प्रदर्शनी में किसी भी झूले या स्टॉल पर आग बुझाने के सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं। फायर विभाग ने किस आधार पर एनओसी जारी की, यह समझ से परे है। बच्चों के छोटे झूलों को अंदर हॉल में लगाया गया है, लेकिन यहां भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया है। प्रशासन की चुप्पी पर सवाल 4 बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन की यह लापरवाही हैरान करने वाली है। क्या प्रशासन ने उस दर्दनाक हादसे से कोई सबक नहीं लिया? आखिर कब तक चित्रकूट के लोगों को इस तरह की लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ेगी? लोग बोले- तुरंत कार्रवाई हो स्थानीय नागरिकों ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस तरह की लापरवाहियों पर सख्त कदम उठाने चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।
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