चित्रकूट में रेलवे की बड़ी लापरवाही:ट्रैक के पास केबल डालने में मानकों की हुई अनेदेखी, बड़े हादसे को दे रहा दावत

चित्रकूट रेलवे विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से मानिकपुर जंक्शन तक बिछाई गई टेलीकॉम नेटवर्किंग केबल्स में मानकों की खुली अनदेखी की गई है। रेलवे ट्रैक के बगल में यह केबल्स इतनी ऊपरी सतह पर डाली गई हैं कि कभी भी बड़ा रेल हादसा हो सकता है। यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा प्रयागराज डीआरएम के पीआरओ अमित कुमार के अनुसार, सुरक्षा मानकों के तहत केबल को ट्रैक के बगल में कम से कम 1 मीटर नीचे बिछाना चाहिए, लेकिन यहां महज 6 इंच गहराई में ही डाल दी गई है। इस वजह से जंगली जानवरों और शिकारियों द्वारा तार काटे जाने की घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इस पूरे मामले में टेलीकॉम विभाग के अधिकारी अजय कुमार निराला पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब उनसे इस विषय पर बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन उठाकर जवाब देने के बजाय फोन काट दिया। यह रवैया विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। रेल हादसे की आशंका चित्रकूट जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल पर इस तरह की लापरवाही से रेल यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में कोई बड़ा रेल हादसा हो सकता है।

Oct 23, 2024 - 10:50
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चित्रकूट में रेलवे की बड़ी लापरवाही:ट्रैक के पास केबल डालने में मानकों की हुई अनेदेखी, बड़े हादसे को दे रहा दावत
चित्रकूट रेलवे विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से मानिकपुर जंक्शन तक बिछाई गई टेलीकॉम नेटवर्किंग केबल्स में मानकों की खुली अनदेखी की गई है। रेलवे ट्रैक के बगल में यह केबल्स इतनी ऊपरी सतह पर डाली गई हैं कि कभी भी बड़ा रेल हादसा हो सकता है। यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा प्रयागराज डीआरएम के पीआरओ अमित कुमार के अनुसार, सुरक्षा मानकों के तहत केबल को ट्रैक के बगल में कम से कम 1 मीटर नीचे बिछाना चाहिए, लेकिन यहां महज 6 इंच गहराई में ही डाल दी गई है। इस वजह से जंगली जानवरों और शिकारियों द्वारा तार काटे जाने की घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इस पूरे मामले में टेलीकॉम विभाग के अधिकारी अजय कुमार निराला पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब उनसे इस विषय पर बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन उठाकर जवाब देने के बजाय फोन काट दिया। यह रवैया विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। रेल हादसे की आशंका चित्रकूट जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल पर इस तरह की लापरवाही से रेल यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में कोई बड़ा रेल हादसा हो सकता है।

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